चूत का कौमार्य लुटा बैठी एक लण्ड से
हे अन्तर्वासना के पटल आप महान हो.. जो इतने प्यासे लंड आपकी साईट पर मिलते हैं और हम जैसी चूत को भी मजबूरी में ये स्टोरी पढ़कर अपनी योनि शांत करने का बहाना मिलता है।
हे अन्तर्वासना के पटल आप महान हो.. जो इतने प्यासे लंड आपकी साईट पर मिलते हैं और हम जैसी चूत को भी मजबूरी में ये स्टोरी पढ़कर अपनी योनि शांत करने का बहाना मिलता है।
मुझे शर्म आती है !-1
मेरा भाई गान्डू है, दोस्त का लन्ड लेता है -1
मेरे अन्दर भी खून का दौरा तेज हो गया, हम दोनों तो एक दूसरे से ऐसे लिपटे कि दुनिया जहान की खबर ही नहीं रही।
प्रेषक – आकाश भट्ट
यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली रहने के लिए गया था। रोहिणी में मैंने किराये पर एक कमरा और रसोई ले रखी थी। खुद ही पका कर खाता था। नौकरी की तलाश चल रही थी। मेरा एक दोस्त था कबीर। उम्र मेरे जितनी ही थी चौबीस साल। वो अपनी माँ के साथ मेरे बगल वाले कमरे में रहता था। उसके पास भी एक कमरा और रसोई ही थे। उसकी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लगी हुई थी और वो मेरी नौकरी के लिए भी मेरे साथ था। मुझे दिल्ली आये तीन महीने हो चुके थे और पर नौकरी थी कि मिल ही नहीं रही थी। मैं अक्सर इस बात के लिए परेशान रहता था।
प्रेषक : विक्रम शर्मा
सुनीता की शादी होने के बाद एक बार फिर से मैं तन्हा हो गया था, मैं चाहकर भी सुधा या सुनीता से नहीं मिल सकता था क्योंकि मैं नहीं चाहता था मेरी वजह से उनको कोई परेशानी हो इसी तरह से मेरे दिन कट रहे थे। पर मेरे नसीब में तो कुछ और ही लिखा था, सुनीता की शादी के 2 महीने बाद ही मेरे साथ एक और रोमांचकारी घटना घटी, इस घटना को अपने शब्दों में पिरो कर एक बार फिर मैं आपके सामने आया हूँ।
ये कहानी आज से सिर्फ 2 महीने पहले की है, जो एकदम सत्य घटना है उसी पर मैं ये नोन वेज हिंदी गे स्टोरी लिख रहा हूँ. इसमें एक प्रतिशत भी झूठ नहीं लिखा गया है.
मेरी बात का अर्थ समझ के स्नेहा जैन के चेहरे पर शर्म हया की लालिमा छा गई और उसने सर झुका लिया. वह कुछ देर तक सर झुकाए सोचती रही.
Tanha Ladkiyon Auraton ki Khushiyan
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं माया अपनी सच्ची सेक्सी स्टोरीज आपको सुनाती हूँ, आज फिर से मैं अपनी एक नई और सच्ची सेक्स कहानी लेकर आपकी समक्ष हाजिर हूं.
🔊 यह कहानी सुनें
प्रेषक : नामालूम
सुनीता और अजय दोनों भाई-बहन अपनी दीदी अनीता के यहाँ आ गये थे। अनीता ने भाई बहन की खूब खातिरदारी की।
और हम एक दूसरे को चूसते चाटते रहे। मैंने उसकी पीठ पेट कमर उसका चेहरा, होंठ, टांगें कुछ नहीं छोड़ा. उसकी लंबी टांगें एक अलग ही दृश्य बनाती थी, एक अलग ही प्रकार की उत्तेजना पैदा करती थी। रीना की टांग इतनी लंबी नहीं थी लेकिन भरी-पूरी थी, उनका मजा अलग था लेकिन इन गोरी टांगों का मजा अलग मैंने उसकी टांगों का एक भी हिस्सा नहीं छोड़ा और पूरी टांगों को चाट चाट कर उसकी वासना को चरम पर पहुंचाने की पूरी कोशिश की।
सभी दोस्तो को मेरा नमस्कार.. ये मेरी पहली और काल्पनिक चुदाई की इंडियन सेक्स स्टोरी है. अगर कोई ग़लती दिखे.. तो पहले ही माफी चाहता हूँ.
पप्पू अपने अब्बू इरफ़ान से- अब्बू अब्बू, आपकी और अम्मी की लव मैरिज हुई थी ना?
अब तक आपने पढ़ा..
लेखक: नामित जैन
दोस्तो, मैं सन्नी आहूजा एक बार फिर से आपके सामने हाज़िर हूँ। मुझे नहीं पता था मेरी कहानी बहन की सहेली को चोदा को इतना अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा..
अन्तर्वासना के पाठकों का मैं एक बार फिर से स्वागत करता हूँ अपनी अगली कहानी में..
आज से मेरे बेटे का नाम करण पड़ गया। कई दिनों से नामकरण संस्कार की तैयारियों में पूरा परिवार व्यस्त था। किसी के पास सांस लेने भर की फुर्सत नहीं थी। परन्तु अब सभी कुछ आराम करना चाहते थे।
दोस्तो, आपने मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
प्रेमशिर्ष भार्गव