Indian Village Bhabhi Sex Kahani – अनजान जाटनी की चुदाई का मजा
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अगले दिन मैंने आरती से फिर पूछा- यार, एक बात सच सच बता … यह प्रसंग कैसे लड़का है? जब भी मैं उसे देखती हूँ तो वो तुमको कुछ अजीब नज़रों से देखता है.
आपने मेरी कहानी के पहले चार भाग पढ़े !
सभी पाठकों को अंश बजाज का प्रणाम..
मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे लगा कि चाची चुदवाने को राजी है पर जब मैंने लंड बाहर निकला तो चाची मुझे धमकाने लगी.
गौसिया को हस्तमैथुन सिखाते हुए मैंने अपने मुख में ढेर सी लार बनाई और उसके सीधे हाथ की उँगलियों को अपने मुख में ले उन्हें लार से गीला किया- वहाँ सूखी उँगलियों से जल्दी ही जलन होने लगती है इसलिए हमेशा ध्यान रखना कि चिकनाई ज़रूरी है।
अब तक की इस सेक्सी कहानी में आपने पढ़ा था कि सुमन की मॉम की रिंग को टीना ने भिखारी के पजामे में डाल दी थी।
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मैं यह नहीं कह सकती कि मैंने कभी लिंग देखा नहीं था, चाचा का देखा था, उतना बड़ा तो नहीं पर फिर भी बड़ा था… सात इंच तक तो ज़रूर था और वैसे ही मोटा भी।
दोस्तो, मेरा नाम बबलू है और एक बार फिर से अन्तर्वासना पर अपनी अगली चुदाई की दास्तान के साथ आप सब के सामने हाज़िर हूँ।
मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी हैं. आज मेरा भी मन हुआ कि मैं भी आप लोगों के साथ एक कहानी शेयर करूँ. यह कहानी मेरी नहीं है बल्कि मेरी बहनों की है. कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपनी फैमिली के बारे में बता दूँ. मेरी उम्र 18 साल की है. मेरी दो बहनें हैं जिनमें से एक की उम्र 20 साल है और दूसरी की उम्र 22 साल है.
दोस्तो मेरा नाम विनोद है और मैं दिल्ली में रहता हूँ और बी टेक का स्टूडेंट हूँ। घर में हम चार लोग हैं, मम्मी, पापा, दीदी (जो इंदौर में मेडिकल में पढ़ती है) और मैं।
अब तक आपने पढ़ा था कि मुझे डिल्डो से अपनी चूत की खुजली मिटवाने की आदत पड़ चुकी थी.
कार में लंड चुसाई की कहानी
रवि
‘सुन रानो, अगर यह लाइट बंद कर दें तो? हमेशा धड़का लगा रहता है मन में कि बबलू या आकृति में से कोई नीचे न आकर देख ले जैसे तूने देख लिया था।’
हय फ्रेंड्स, मेरा नाम श्रुति है, मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ, 24 साल की स्लिम 34-28-36, हाइट 5’4″ सेक्सी हूँ।
Meri Saasu Mere Premi ke Lund Chudvana Chahti hai
दोस्तो, कैसे हैं आप!
मैं भावना मेघवाल, राजस्थान की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र बाईस साल है लेकिन यह बात तब की है जब मैं अठारह साल की थी। मैं बारहवीं पास करके नई नई कॉलेज में आई थी। हमारे कॉलेज में मेरी एक सहेली बन गई जिसका नाम सपना चौधरी था। वो सीकर से थी जबकि मैं बीकानेर से।
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कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा. हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था. मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी. वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी. मैं माँ को आश्चर्यचकित कर देने के लिये बिना बताये ही वहाँ पहुँचना चाहता था.
मेरी जवानी की हवस की कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी कामवासना की आग ने मुझे कोई तगड़ा जानदार लंड खोजने पर मजबूर कर दिया. मुझे मनचाहा लंड मिल भी गया.
जूजा जी
तीन बुड्डों ने मेरी चूत की सील तोड़ी-9