कॉलबॉय के साथ अमेरिका में सुहागरात का मजा-1
🔊 यह कहानी सुनें
🔊 यह कहानी सुनें
दोस्तो, कैसे हैं आप!
🔊 यह कहानी सुनें
सभी अन्तर्वासना के पाठकों को सोनू भाई का नमस्कार। यह मेरी अन्तर्वासना पर चुदाई की पहली कहानी है।
उस दिन घर पर रीटा के इलावा कोई भी नहीं था, मम्मी-डैडी शहर से बाहर गए हुए थे. जैसे तैसे रीटा ने अपनी मम्मी को पटा कर राजू से कार चलाना सीखना शुरू कर दिया था.
नमस्कार दोस्तो, अब तक आपने कविता के स्कूल टूर के दौरान बस में हो रही बातों के बारे में पढ़ा।
मैं तो कुछ देर देखता ही रह गया.. नज़दीक से तो ये और भी सेक्सी लग रही थी और इसके गुलाबी निप्पल तो और कयामत ढा रहे थे.. जैसे दो मलाई के ढेर हों.. और उनके ऊपर एक-एक छोटा गुलाबजामुन रखा हुआ हो।
सभी दोस्तो को मेरा नमस्कार.. ये मेरी पहली और काल्पनिक चुदाई की इंडियन सेक्स स्टोरी है. अगर कोई ग़लती दिखे.. तो पहले ही माफी चाहता हूँ.
प्रेषिका : कौसर
उस दिन माँ का फोन सुबह सवेरे ही आ गया ‘बेटा.. कैसे हो.. इस बार होली पर आ रहे हो ना.. कितने साल हो गए घर आए हुए?’
मैं एक बार फिर से आपके सामने हाजिर हूँ अपनी एक आपबीती को लेकर ! मेरी पिछली कहानी कंप्यूटर की प्रॉब्लम आप सबने पसंद की इसके लिए सबका शुक्रिया !
मैं गुप्ता बहुत समय से अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ. कई बार सोचा कि अपने जीवन की घटनाओं के बारे में लिखूँ. पर पता नहीं हिम्मत नहीं हो रही थी. आज जब एक बार फिर से मैं अन्तर्वासना की साईट पर गया तो फ़ैसला किया कि एक बार तो अपना अनुभव मैं भी लिखूँ.
प्रेषक : संजू बाबा
🔊 यह कहानी सुनें
दोस्तो,
मैं एक बार फिर आप लोगों को मेरी ज़िन्दगी में हुई असली और सच्ची सेक्स कथा लिखने जा रहा हूँ।
कमल राज सिंह 25 साल का हट्टा कट्टा सुंदर स्मार्ट 5’11” का पढ़ा लिखा नौजवान था। वो चंडीगढ़ में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था और एक कोठी में ऊपर की मंज़िल पर एक कमरे का फ्लैट किराये पर लेकर रहता था।
हेलो दोस्तो, आपने मेरी कहानी जब मैंने एक साथ दो लड़कियों को संतुष्ट किया के पहले भाग में पढ़ा कि किस तरह मैंने शिवि को उसके बर्थडे पर चोदा।
अब तक आपने पढ़ा.. मैं अपनी बहन वर्षा की गांड में अपना मोटा लौड़ा पेल दिया।
भाभी बोली- ठीक है, नहीं बोलूंगी!! अब जाओ और मुझे पढ़ने दो, रात को नौ बजे आना, मैं तुम्हें तुम्हारी किताब वापस कर दूंगी!
दोस्तो, मेरा नाम जय है, मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज नियमित रूप से पढ़ता हूँ। हर रोज की कहानियों को पढ़ते हुए और इससे मुझे अपना अनुभव भी आप लोगों से साझा करने की प्रेरणा मिली है।
पाठकों को बहुत-बहुत प्यार और नमस्कार। मैं जय कुमार एक बार फिर बहुत दिनों के बाद से नई कहानी/एक हकीकत/एक सत्य लेकर हाजिर हूँ। आप लोगों के जो बार बार मेल आये उसके लिये और मेरा जो हौसला बढ़ाया उसके लिये मैं दिल से आप सभी का शुक्रिया करता हूँ।
आपने मेरी पिछली कहानी
सम्पादक – इमरान
दोस्तो और प्यारी भाभियो, जवानी की मस्ती में झूम रही जवान लड़कियो…