सलहज की चूत रगड़ाई चुदाई
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सादर प्रणाम।
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम! मैं इस साइट का नियमित पाठक हूँ. यह मेरी दूसरी कहानी है. यह कहानी मेरी और मेरी चाची की है. मैं आपको बताऊंगा कि मैंने अपने चाची को किस तरह चोदा.
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कुसुम रो पड़ी। गीता ने आगे बढ़कर उसके आंसू पौंछे और बोली- जब खुद की चुदती है तो आँसू आते ही हैं, और जब दूसरे की चुदती है तो मज़ा आता है। एक दिन की बात है, मुन्नी और मैं तो चुद ही चुकी हैं, अब तेरी बारी है थोड़ा मज़ा लेंगें, उसके बाद हम तीनों दुबारा दोस्त हो जाएँगे।
दोस्तो, मैं पहली बार कोई चुदाई की कहानी लिख रहा हूँ, उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी.
दोस्तो, मेरा नाम राज है. मेरी हिंदी एडल्ट स्टोरी मेरे और मेरे दोस्त की बहन के बीच में घटी बुर की चुदाई एक सच्ची घटना है.
प्रेषिका : सिया जैन
मैं नेपाली हूं और ग्रेजुऐशन के बाद एक सरकारी दफ़्तर में नौकरी करता हूं। मेरा घर राजधानी काठमांडु में है और नौकरी के दौरान मुझे देश के अलग अलग हिस्सों में जाना पड़ता है। ये एक दस साल पुरानी हकीकत है जो मैं आपके साथ बांट रहा हूं। ऐसे ही मेरा नेपाल के पूरवी शहर बिराट नगर तबादला हुआ। मैं शहर के बीचों बीच एक घर में डेरा लेकर रहने लगा। वो घर तीन मंजिला था और सबसे ऊपर घरवाला रहता था बीच में मैं और सबसे नीचे एक व्यापारी था। घरवाला इंजीनियर था और वो अपनी बीवी और दो बच्चों के साथ रहता था। मैं इंजीनियर को भाई और उसकी बीवी को भाभी कहकर बुलाता था। हम शाम के वक्त छत पर बैठ कर गप्पे मारते थे और इंजीनियर की बीवी कभी चाय तो कभी शरबत पिलाकर हम लोगों का सत्कार करती थी। उसकी बीवी का नाम गौरा था और लगभग सत्ताइस साल की थी लेकिन इंजीनियर देखने में पचास साल का लगता था। इंजीनियर से उसके बारे में मैंने कभी नहीं पूछा और जरुरत भी नहीं समझी। वो घर से बहुत दूर नौकरी करता था और महीने दो महीने में एक बार दो चार दिन के लिये घर आता था। मैं अकेले रहता था और मेरी शादी भी नहीं हुई थी। उनके दो बेटे थे एक आठ साल का और दूसरा पांच साल का। दोनों स्कूल जाते थे और मैं फ़ुरसत के समय में उन लोगों को होमवर्क करने में हेल्प कर देता। मुझे उन लोगों के घर में या किसी कमरे में जाने में रोकटोक नहीं थी। गौरा अपनी नाम के तरह गोरी थी और देखने में बहुत सुंदर थी। बड़ी बड़ी काजल लगी हुई आंखें और काले लम्बे बाल उसको और सेक्सी बना देते थे।
लेखक : मुकेश कुमार
तभी बाहर कुछ खटपट की आवाज़ हुई। मेरा ध्यान उस तरफ गया… सोनम की सिसकारियाँ भी रुक गई थीं।
मुंबई से मेरी चचेरी बहन पिंकी गरमियों की छुट्टियाँ गुजारने मेरे घर आई थी। वो अभी कमसिन उम्र की थी.. जब वो हमारे घर आई तो कुछ लम्हों के लिए तो मैं उसके मासूम हुस्न के जलवों में खो कर ही रह गई, मुझे लगा जैसे मेरा दिल धड़कना भूल गया है।
प्रेषक : कुणाल वर्मा
प्रेषक : रवि गुप्ता
कहानी का पहला भाग: जुदाई ने मार डाला-1
संता आँखे बंद किये तपस्या कर रहा था।
आपने अब तक पढ़ा..
साथियो, आपने अब तक जाना था.. कि मैं अपने पति के साथ उनकी मानसिक स्थिति का इलाज करने हेतु एक डॉक्टर की सलाह मान कर उनके साथ सेक्स की एक विधा ‘ब्रूटल सेक्स’ का प्रयोग कर रही थी और उसी क्रम में मैं आज राज रात उनके साथ पेश आ रही थी।
दोस्तो, मैं जय फिर से आप सभी के समक्ष एक नई सत्य दास्तान पेश करने जा रहा हूँ। मेरे द्वारा पूर्व में लिखी सत्य घटना पर आधारित कहानी
अभी तक की इस सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि हम दोनों एक पार्क में सुनसान जगह पर बैठ कर एक दूसरे के होंठों का रसपान कर रहे थे. मैं उसकी चूचियों को भींचने लगा था.
मेरी देसी कहानी
प्यारे दोस्तो, मेरा नाम ऋषिता शर्मा है, मैं दिल्ली में रहती हूँ।।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा यानि शीलू का प्रणाम…
एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाया गया और डॉक्टर अपने काम में जुट गया…
इमरान
लेखक : असलम