मेरी जिन्दगी चुदाई-प्रेक्टिकल की लैब-1
मेरा नाम सुदर्शन है.. मेरी उम्र 29 वर्ष है।
मेरा नाम सुदर्शन है.. मेरी उम्र 29 वर्ष है।
कैसे हो मित्रो!
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मेरा नाम पूनम है, दिल्ली की रहने वाली हूँ, उम्र लगभग 24 है।
कहानी का पिछला भाग : सहकर्मी भाभी ने दोस्ती करके चूत चुदाई-1
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अन्तर्वासना के तमाम पाठकों को राहुल का नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है। दोस्तों मैं अपने बारे में बता दूँ, पेशे से मैं एक इंजीनियर हूँ, उम्र तेईस साल, कद छः फुट, रंग गोरा है और स्मार्ट कितना हूँ, यह तो आप मिल कर ही देख लेना।
लेखक : प्रेम गुरु
मेरी भाभी का नाम सीमा है, वो मेरे बड़े मामा के लड़के की बीवी है। मेरे भाई की उम्र करीब 42 साल है और भाभी की करीब 34. मेरी उम्र इस वक़्त 28 साल है। भाभी के 2 बच्चे हैं जिनमें से लड़का मेरे मामा मामी के पास रहता है, भाई की बेटी भाई भाभी के साथ ही रहती है और 3rd क्लास में पढ़ती है।
मैं भावना मेघवाल, राजस्थान की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र बाईस साल है लेकिन यह बात तब की है जब मैं अठारह साल की थी। मैं बारहवीं पास करके नई नई कॉलेज में आई थी। हमारे कॉलेज में मेरी एक सहेली बन गई जिसका नाम सपना चौधरी था। वो सीकर से थी जबकि मैं बीकानेर से।
बात दो साल पुरानी है, मैं 26 साल का था और नयना 30 की, वो मेरे बराबर वाले फ्लैट में ही अपने पति के साथ रहती थी। हम दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे।
अब तक आपने आश्रम से जुड़े रहस्यों के बारे में पूर्ण रूप से जान लिया।
नमस्ते दोस्तो, मैं करीब 4 साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. यह कहानी मेरा पहला अनुभव है, जो कि इसी दिसंबर महीने में हुआ.
नमस्कार दोस्तो, कैसे हैं आप लोग! मेरा नाम समीर खान है, मैं उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से हूँ. मेरे घर में मेरे अलावा 3 बड़े भाई, अम्मी और अब्बू रहते हैं.
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नमस्कार.. मेरा नाम विक्की है.. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। य मेरी पहली और सच्ची कहानी है, जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ.. तो अब मैं कहानी शुरू करता हूँ।
मेरी सेक्सी कहानी के पहले भाग
मित्रो, आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
पति ने पत्नी की चूत चुदवाई
प्रेषक : धीरज
संसार का सब से पुराना या अनादिकाल से जो खेल चला आ रहा वह खेल चूत और लंड का ही होगा। पता नहीं कब कैसे इसका ज्ञान अपने आप लड़के और लड़की को लग जाता है। आज तो नेट का जमाना है और सब कुछ वहीं से जानकारी मिल जाती है मगर यह जानकारी तब भी मिल जाती थी जब नेट नहीं था।
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैं गोरा हट्टा कट्टा फिट बॉडी का मालिक हूँ।
कल्पना अलग पड़ी थी। योनि बाढ़ से भरे खेत की तरह बह रही थी और मन बिन बारिश के खेत की तरह सूखा। वह यों ही सोचती पड़ी रही। सब कुछ यंत्रचालित सा एक झोंके में हो गया था।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको