मेरे अंकल
आप सबने मेरी कहानी
आप सबने मेरी कहानी
सुबह मैंने देखा कि प्रीती हाथ में चाय का कप लिये मुझे उठा रही थी, “उठो! कितनी सुबह हो गयी है, क्या ऑफिस नहीं जाना है?” उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि उसने हालात से समझौता कर लिया था। कल रात के किस्से को उसने अपना लिया था। मैं मन ही मन खुश हुआ पर ये मेरी खुशी कितनी गलत थी ये मुझे बाद में पता चला।
बसंती नौकरानी की सील तोड़ी
प्रेषक : आदित्य
अनीता को एक बार चोदने के बाद मैं उससे काफी घुल मिल गया था, वह मुझ पर काफी भरोसा करती थी और मुझे एकदम सीधा सादा आदमी समझने लगी।
सुबह की स्वच्छ ताजी हवा में गुलाब के ताजा फूलों की खुशबू फैल रही थी। शहर के कोलाहल से दूर प्रदूषणमुक्त शांत वातावरण में फूलों की सुगंधभरी ताजी हवा में घूमते हुए मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। हर तरफ गुलाब फैले थे भाँति भाँति के- लाल, गुलाबी, काले, बैंगनी, उजले… !
ओह माँ, दिखा दो ना, बस एक बार। सिर्फ़ देख कर ही सो जाऊँगा।’
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हाय दोस्तो, मेरा नाम एजाज़ है, मैं इंदौर का रहने वाला हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना पर पहली बार स्टोरी पोस्ट कर रहा हूँ तो मुझे बहुत हिचक है और अगर कुछ गलती दिखे, तो प्लीज़ नया समझ कर नजरअंदाज कर दीजिएगा.
4-5 दिन बाद मैंने अपनी बहन को अपने यहाँ बुला लिया। मेरी बहन मेरी तरह बदमाश नहीं थी, विनोद की उससे अच्छी पटी। मैंने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि विनोद उसे चोद न दे। मेरी चुदाई करने के बाद से विनोद का लंड चोदने के लिए फड़फड़ा रहा था।
हैलो अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानियाँ पढ़ने वाले मेरे दोस्तो, मेरी तरफ आप सभी को नमस्ते.
Jeena Isi Ka Naam Hai-10
अभी तक आपने पढ़ा:
प्रेषक : समीर रंजन
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मैं पूरे जोश में उसके लंड को चूसने लगी। उसके लंड से भी वीर्य की गाढ़ी बाढ़ मेरे मुँह में गिरने लगी। इस बार मैं एक दासी की तरह उसका पानी पी गई।
कामवाली की 18 साल की बेटी की गांड की चुदाई
जब अनुजा घर से निकली थी.. तब विकास अलमारी के ऊपर से कोई सामान निकाल रहा था.. तभी उसकी आँख में कंकर चला गया और उसकी आँख में जलन होने लगी।
देसी लड़की की कामुकता की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि मॉंटी और सुमन एक-दूसरे के ऊपर एकदम नंगे होकर लंड चुत को रगड़ कर मजा ले रहे थे.
सम्पादक – जूजा जी
एक कॉलेज़ की बहुर सारी लड़कियाँ शरारत करने के लिए अपने होटों पर लिपस्टिक लगाती थी और बाथरूम में जाकर वहाँ लगे शीशे पर अपने होटों के निशान छोड़ देती !
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार फिर हाजिर हूं अपनी कहानी के अगले और अंतिम भाग के साथ। मेरी ग्रुप सेक्स कहानी पढ़ने के बाद आप में से किस किस पाठक और पाठिका ने कहानी पढ़ते हुए अपने आप को इस ग्रुप सेक्स में शामिल किया, किसने अपने आप को सरस, रमन और सोहित माना तो किसने नीलम का किरदार निभाया, मुझे बताइएगा जरूर।
श्रेया आहूजा का आप सबको मनस्कार ! यह कहानी मेरे पड़ोसी की है। हम दोनों काफी आत्मीय हैं तो उसने यह आपबीती मुझे सुनाई… वही मैं आपके सामने पेशा कर रही हूँ, उम्मीद है आपको अच्छी लगेगी।
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