बिन्दास भाभी के घर जाकर भाभी की चुदाई की
मेरा नाम सीतांशु है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 24 साल, ग्रेजुएट।
मेरा नाम सीतांशु है। मैं अभी बंगलौर में रहता हूँ, रंग गोरा, 5’6′, 24 साल, ग्रेजुएट।
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अब मैंने आगे बढ़ कर शशि भाभी को अपनी बाहों में ले लिया और उनके लबों पर ताबड़ तोड़ चुम्बन देने लगा और भाभी भी जवाबी चुम्मियां देने लगी।
दोस्तो, कैसे है आप!
हैलो दोस्तो, कैसे हो सब. मैं एक बार फिर से आप सभी से रूबरू होने जा रहा हूँ. आपके सामने एक नई देसी चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ, जिसमें मैं आपके साथ अपनी चाची को चोदने का अनुभव बता रहा हूँ.
दोस्तो, मेरा नाम मानव है, मैं चंडीगढ़ में रहता हूँ। मेरी उम्र तीस साल है। मैं एक प्राइवेट जॉब में हूँ। मैं वैसे तो शादी शुदा हूँ लेकिन नौकरी के सिलसिले में ज़्यादातर बाहर ही रहता हूँ। मैं बहुत ही ज़्यादा सेक्सी और कामुक प्रवृति का व्यक्ति हूँ। हर समय दिमाग में सेक्स ही सेक्स घूम रहा होता है।
हाय दोस्तो,
मेरी उम्र 22 साल है.. रंग गोरा.. कद 5 फुट 8 इंच है। मैं करनाल हरियाणा का रहने वाला हूँ.. मेरा नाम ठरकी है.. ये नाम किसी ने मेरा रखा था.. पर मेरे लिए बहुत सही है।
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मैने आप सबकी स्टोरी पढ़ी तो मुझे भी ऐसा लगा कि मैं भी आपनी बात कहुं सो लिख दिया।
अर्जुन
प्रेषिका : रजनी एवं रीता शर्मा
मेरा नाम डॉक्टर संजीव है। मैं मूलरूप से असम के एक गांव प्रीतपुरा का निवासी हूँ। प्रीतपुरा गांव में जंगली आदिवासी लोग रहते हैं। जो कि शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित है।
यह उस समय की बात है जब मैं अपने गाँव से 150 किमी दूर शहर में रहकर बीकॉम 2 की पढ़ाई कर रहा था। शहर में मैं कमरा लेकर अकेला रहता था, मैं अलग से फ़ैमिली रूम में रहता था इसलिये वहाँ आस-पास के लोगों से अच्छी जान-पहचान हो गई थी। और तो और मेरी मकान मालकिन और उनकी चारों बेटियों से मेरा अच्छा लगाव हो गया था, उनकी चारों बेटियाँ बहुत खूबसूरत थी, मगर इन सभी का मेरे लिए महत्व नहीं था क्योंकि मैं किसी और को चाहता था, वहीं मेरे रूम के सामने एक परिवार रहता था, जो मेरी मकान मालकिन के कोई रिश्तेदार लगते थे। उसके घर में थे तो कई लोग पर सिर्फ़ तीन लोग ही रहते थे, मेरी वाली अमृता, उसकी मम्मी और बड़ी बहन रीमा!
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मैंने सोनू से फ्रेंडशिप कर ली थी. वह भी मुझसे हमबदन होने के लिए उतनी ही बेताब थी जितना कि मैं था. फिर उस दिन मैंने जब उसकी चूत को छुआ तो उसने मुझे मना कर दिया.
हाय जानू…
प्रेषिका : अंकिता यादव
मेरा नाम राज है। काफी दिनों से सोच रहा था कि मैं भी अपनी कहानी सबको बताऊँ। आखिर यहीं से कहानियाँ पढ़ के मैं भी बड़ा हुआ हूँ। यहीं मैंने मुठ मारना सीखा, यहीं से मेरी सोच में सारी औरतें और लड़कियाँ एक सी लगने लगीं, इसलिये आज मैं आप सबको अपनी कहानी सुना रहा हूँ।
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अब तक आपने पढ़ा..
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दोस्ती यारी में बहन की चुदाई फिर बीवी की चूत चुदा ली-1
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दोनों जोड़े वहीं अलग-अलग कंबल और रज़ाई में घुस कर बिना कपड़ों के ही अपने-अपने पार्टनर से लिपट कर सो गये। मैं और समीना आपा बीच में सोये थे और दोनों मर्द किनारे की ओर सोये थे। आधी रात को अचानक मेरी नींद खुली।
मैं पठानकोट की रहने वाली हूँ और सांवली लेकिन भरे फ़ूले शरीर की मालकिन हूँ। मैं एक अच्छे खाते पीते परिवार की लड़की हूँ। मेरे पापा बहुत बड़े सरकारी अफसर हैं। मेरी मां एक पढ़ी-लिखी और फ़ेशनेब्ल स्त्री हैं, वहीं मेरे पापा बहुत ही शरीफ़ और इमानदार अफ़सर है। मेरा भाई विदेश में रहता है।