32 लंडों से चुद चुकी राबिया क़ुरैशी की हिन्दी सेक्स स्टोरी-5
मैं एक बार झड़ भी चुकी थी पर मेरा जोश कम नहीं हुआ था, तभी केन और जेम्स ने लंड को बाहर निकाला और उन्होंने मुझे नादिया की गांड को चाटने के लिये कहा।
मैं एक बार झड़ भी चुकी थी पर मेरा जोश कम नहीं हुआ था, तभी केन और जेम्स ने लंड को बाहर निकाला और उन्होंने मुझे नादिया की गांड को चाटने के लिये कहा।
अब तक आपने पढ़ा कि किस तरह खान चाचा ने हमको गाण्ड चुदाई में एक्सपर्ट कर दिया था।
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम!
मैं तो कुछ देर देखता ही रह गया.. नज़दीक से तो ये और भी सेक्सी लग रही थी और इसके गुलाबी निप्पल तो और कयामत ढा रहे थे.. जैसे दो मलाई के ढेर हों.. और उनके ऊपर एक-एक छोटा गुलाबजामुन रखा हुआ हो।
यह देसी सेक्स कहानी है एक भाई बहन के बीच हुए वासना के उस आकर्षण की, जिसने प्रेम का रूप ले लिया. मेरा नाम अमित है, मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ. जब मैंने अन्तर्वासना पर इतनी सारी कहानियाँ पढ़ीं, तो मेरा भी मन किया कि मैं भी कुछ इन सब कहानियों से अनुभव लेकर अपनी कहानी भी लिखूँ.
हैलो दोस्तो, मैं पुणे महाराष्ट्र से राजू हूँ. अन्तर्वासना पर मैं अपनी शादीशुदा बहन किरण के जीवन से जुड़ी कहानी लिख रहा हूँ.
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सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम राज है और मैं फिर एक बार अपनी रसीली हिंदी में चुदाई की पोर्न कहानी लेकर हाजिर हूँ. आपने मेरी कहानियां
सगे भाई बहन की चुदाई की अब तक की कहानी
सभी अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा कामवासना भरा नमस्कार।
मैंने पिंकी को फिर से बिस्तर पर गिरा लिया, पहले तो उसके गालों को चूमा और फिर धीरे धीर होंठों पर आ गया। पिंकी अब और भी जोर से कसमसाने लगी, पिंकी का मुँह मैंने अपने होंठों से बन्द कर दिया था इसलिये वो अपने दोनों पैरों को जोर से बैड पर पटकते हुए ‘उ्उउउ… गूँगूँगूँ… ऊऊऊ… उ्उउउ… गूँगूँगूँ… ऊऊऊ…’ की आवाज करने लगी।
अब तक आपने पढ़ा..
अब तक की हिंदी पोर्न स्टोरी में आपने पढ़ा था कि गोपाल मोना को मनाता हुआ पूछ रहा था कि जब वो चुदाई की बात करता है तो वो मना क्यों देती है.
अब तक आपने पढ़ा..
दोस्तो, मेरा नाम शुभम है और मैं चंडीगढ़ से हूँ. मेरी उमर 23 साल की है. मैं दिखने में स्मार्ट हूँ और मेरा रंग साफ़ है. मेरे लंड का साइज़ साढ़े छह इंच का है.
अब तक आपने इस सेक्स स्टोरी में पढ़ा कि मैं नम्रता आंटी को नंगी नहाते हुए देख रहा था, आंटी सेक्स की प्यास बुझाने के लिए अपनी उंगलियों से अपने दोनों छेदों में मजा ले रही थीं।
लेखिका : नेहा वर्मा
हेलो दोस्तो, पुणे वाला रोहित फिर से आ गया है ‘मेरी दीदी के कारनामे’ की अगली कड़ी लेकर !
जयपुर से लौटे एक हफ्ता हो गया और अभी तक वहाँ की खुमारी उतरी नहीं थी।
हैलो दोस्तो,
सभी तड़कते-फड़कते हुए आशिक़ों और चाहने वाले दोस्तों को मेरा नमस्कार। जैसा कि आप सबको पता है होली आ गई है इसलिए मैं आपको आज मेरी होली की आप-बीती सुनाती हूँ। आजकल के लड़के जब किसी सुन्दर लड़की को देखते हैं तो दिल करता है जल्दी से लड़की के नीचे के कपड़े खोल लूँ और अपने पास जो औज़ार है उसे घुसा दूँ।
आपने मेरी पिछली कहानी मामा के साथ वो पल कुछ समय पहले पढ़ी। अब मेरे जीवन की एक नई घटना पढ़िए।
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नमस्कार, मैं अनिल एक बार फिर से अपनी मस्त चाचियों की चुदाई की कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.