मोटी जांघें
प्रेषक : अशोक कुमार
प्रेषक : अशोक कुमार
यह मेरी निजी दास्तान है, जो मैं आप लोगों के सामने रखने जा रही हूँ।
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मैं चन्दन पटना का रहने वाला हूँ, आप सभी अन्तर्वासना के पाठकों को लण्डवत प्रणाम करता हूँ।
अब तक आपने पढ़ा..
दोस्तो, एक बार फ़िर सनी का गीली गांड से घोड़ी बन कर नमस्ते।
प्रेषक : राजवीर
अब तक की मेरी नोन वेज स्टोरी में आपने पढ़ा था कि मामा जी के लंड से चुत चुदवाने की मेरी अधूरी ख्वाहिश पूरी होने ही वाली थी. मैंने मामा जी के लिए अपनी चुत की झांटें भी साफ़ कर ली थीं ताकि उनको चिकनी चुत का सरप्राइज दे सकूँ.
दोस्तो, मैं संचित ठाकुर फिर हाजिर हूँ अपने एक नई Hindi sex stroy के साथ…
जुबैदा को देखने के बाद किसी भी आदमी की भूख-प्यास मर जायेगी, वो ऐसे ही यौवन भार सजी हुई थी ! उसकी भरी उभरी छाती, भरपूर नितम्ब, लचकदार चाल देख कर बड़ों बड़ों के होश उड़ जाते थे। कोई भी जुबैदा को देखता तो उसके जहन में सबसे पहले यही बात आती कि काश इसकी कया को भगने का अवसर मिल जाए ! किशोर, युवा, प्रौढ़ हो या वृद्ध, जुबैदा की मस्त चुदाई करने की ही सोचता था, जुबैदा थी ही ऐसी !
सम्पादक – इमरान
मैंने सलोनी को अपनी गोदी में उठाया तो उसने तुरन्त अपनी गोरी, लंबी चिकनी टांगों को मेरी कमर पर कस दिया, उसकी टाँगें लगभग नंगी थी उसके शॉर्ट्स हमेशा बहुत छोटे होते हैं और सिर्फ़ मुख्य भाग यानि चूत को ही ढकते हैं।
दोस्तों आपको ये तो पता ही होगा कि मैं इन्दौर में रहता हूँ। आपने मेरी इस कहानी का पहला भाग पढ़ा, उसके शीर्षक में थोड़ी गलती हो गई थी, मेरी कहानी का शीर्षक “शबनम और उसकी दो बेटियाँ” हैं।
आधा घंटा बीत चुका था दिनेश अपने कमरे में टीवी देख रहा था आरुषि को टीवी की आवाज़ सुनाई दे रही थी। आरुषि ने सब्जी को तड़का लगा कर जैसे ही आटा गूंथना शुरू किया, दिनेश ने उसे पीछे से जकड़ लिया वो सेल्फ पर झुकी हुई आटा गूँथ रही थी इसिलए खुद को दिनेश की पकड़ से छुड़ा भी न पाई; दिनेश ने उसके मम्मों को दबाना मसलना शुरू कर दिया।
मेरा नाम महेंद्र सिंह है, मैं राजस्थान के एक बड़े सिटी के साथ लगते एरिया में रहता हूँ।
सुबह दूध वाले भैया को तड़पाने के बाद मैंने अपने मित्र को सारा घटनाक्रम बताया तो उन्होंने मुझे यह साहस भरा काम सफ़लतापूर्वक सम्पन्न करने पर बधाई दी।
दोस्तो, मैं संजू आर्यन कुमार एक बार फिर से आप लोगों के लिए एक नई और सच्ची कहानी के साथ हाजिर हूँ. ये कहानी मेरी नहीं है, बल्कि मेरे एक पाठक की कहानी है, जिसे मैं अपने शब्दों के के साथ आप सब तब पहुँचा रहा हूँ. मैं उम्मीद करता हूँ कि मेरी बाकी कहानियों के जैसे ही आप सब इस कहानी को भी अपना प्यार देंगे.
दोस्तो.. मेरा नाम अजय सिन्हा है.. मैं राँची का रहने वाला हूँ। अभी तो मेरी उमर 29 साल है.. मैं यहाँ अकेले ही रहता हूँ।
दोस्तो, मैं राज (रोहतक) हरियाणा से फिर हाजिर हूँ।
दोस्तो, मेरी पिछली कहानी तो आपनी पढ़ी ही होगी.. जिसका नाम था
हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम प्रेम है और मैं गुजरात के जूनागढ़ सिटी में रहने वाला हूँ.. और मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।
मेरा नाम महेश है। मैं राजस्थान की राजधानी जयपुर से हूँ। दिखने में सुन्दर हूँ। बदन भी मस्त है। मैं अपनी ज्यादा बड़ाई नहीं करूंगा। मेरा लण्ड मोटा ओर लंबा है जो किसी औरत को खुश करने के लिए काफी है।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मैं रौनक हिन्दी सेक्स कहानियों का नियमित पाठक हूं. सुख दुःख को कोई बांटने वाला होना चाहिए, तभी तकलीफ को कम और खुशी को बढ़ाया जा सकता है.
इसके बाद तो हमारा रूटीन ही बदल गया, विकास से हरी झंडी पाकर नीता मुझसे जुड़ती चली गई। नीता और मैं रोज कई बार बात करते!