चार फ़ौजियों ने मेरी गांड की चुदाई की ट्रेन में
दोस्तो! आपने मेरी कहानी पढ़ी
दोस्तो! आपने मेरी कहानी पढ़ी
संता वेश्यालय में जाकर- मुझे रीटा से मिलना है !
मेरी बहन मुझसे चुदने के लिए तैयार थी साथ ही वो मुझे बता रही थी कि उसको चुदाई के दौरान गालियां सुनना पसंद है।
आप सबको नमस्कार, मेरा नाम कृष्णा है और मैं नागपुर महाराष्ट्र से हूँ. मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ. यहाँ की कहानी पढ़कर जो इन्सिडेंट मेरे साथ हुआ, मैं वो आप सबसे शेयर करना चाहता हूँ.
दोस्तो, मैं अपनी क्लाइंट लिंडा के कहने पर मैं उसकी मित्र मीरा के जन्मदिन का तोहफ़ा बन शहर से दूर एक फार्म हाउस पर था। रात को मीरा को चांदनी रात में और अब कनिका को खुले में चोद चुका था।
प्रेषिका : शोभा मुरली
मेरा नाम आकाश है.. मै रायपुर (छ.ग.) का रहने वाला हूँ। यह घटना मेरे साथ तब हुई.. जब मैं 18 साल का हुआ ही था।
दोस्तो, मैं आपका दोस्त रसूल खान!
प्रेम गुरु की कलम से
हैलो दोस्तो, मैं सुशान्त एक बार फिर से आप लोगों के सामने अपने उसी अनुभव के आगे की दास्तान को लेकर हाज़िर हूँ..
वेदांत : अब दर्द कैसा है .. खाना खा लिया..??
दोस्तो, मैं फेहमिना एक बार फिर आप सबके सामने अपनी नई कहानी लेकर हाजिर हूँ।
हालाँकि मैंने बहुत सारे लड़कों के साथ चुदाई की है परन्तु मैं हमेशा ही किसी कुंवारे लड़के से चुदने के सपने देखा करती थी, एक ऐसा लड़का जिसने कभी किसी लड़की को छुआ भी ना हो !
गर्मियों के दिन थे, जून का महीना.
मैं 35 साल का मस्त जवान हूँ और मेरा लण्ड चोदने के लिए तड़पता रहता है। बीवी को चोद-चोद कर ये अब कुछ नया चाहता है। हमारे घर में पार्ट-टाईम नौकरानियाँ काम करतीं हैं। लेकिन कोई भी सुन्दर नहीं थी। बीवी बड़ी होशियार थी। सब काली-कलूटी और भद्दी-भद्दी चुन-चुनकर रखती थी। जानती थी ना कि मेरे मियाँ को चूत का बड़ा शौक है।
दोस्तो, मेरी पिछली कहानी में मैंने बताया था कि कैसे मेरा ठिकाना लखनऊ में हुआ और फिर यहाँ जो ननद-भाभी की चूत के दर्शन सुलभ हुए तो वारे न्यारे हो गए और बाद में जब दोनों के बीच सब कुछ साफ़ हो गया तो मेरी उँगलियाँ समझो कि घी में तैर गईं।
दोस्तो, आप सबको मेरा नमस्कार!
अब तक की इस बाप बेटी सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि सुमन ने अपनी पापा की गोद में बैठ कर खुद अपनी चुत को पानी-पानी कर लिया था और गुलशन जी के लंड को भी उत्तेजित कर दिया था. इसके बाद वो अपने कमरे में आकर उसी विषय में सोच रही थी.
लेखक : लीलाधर
मैं अपनी मारू गाण्ड को हिलाते हुए गया, जाकर बैड के नीचे बैठ गया और हिलते हुए लण्ड का चुम्मा लिया। वह तो बावला और मस्त होकर देखने लगा कि कोई उसका लण्ड भी चूसेगा। मैंने चार-पांच चूपे मारे।
सम्पादक – जूजा जी
आर्यन इंजीनियर
चाची और नौकरानियों की चूत चुदाई
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कैसे हो मित्रो, क्षमा करना, यह भाग लिखने में थोड़ा समय लगा। मुझे बहुत मेल आये, खास करके महिलाओं के!