कमसिन चचेरी बहन की चुदाई-5 – Chudai Ki Desi Story
दोस्तो, आपने मेरी इस चुदाई की देसी स्टोरी में अब तक पढ़ा कि मैंने अपनी चचेरी बहन अनुराधा की टांगों में अपना लंड फंसा कर साथ बैठ कर खाना खाया, उसकी साँसें बहुत तेज चलने लगी थीं.
दोस्तो, आपने मेरी इस चुदाई की देसी स्टोरी में अब तक पढ़ा कि मैंने अपनी चचेरी बहन अनुराधा की टांगों में अपना लंड फंसा कर साथ बैठ कर खाना खाया, उसकी साँसें बहुत तेज चलने लगी थीं.
नमस्कार दोस्तो, मैं वैशाली हूँ. मैं एकदम गोरी, स्लिम और 21 वर्ष की एक मध्यम वर्ग की लड़की हूँ. मेरे परिवार में मेरी मम्मी, जो कि एक हॉउस वाइफ हैं, मेरे भैया जो कि 25 वर्ष के हैं और एक अंतर्राष्ट्रीय कम्पनी में काम करते हैं. मेरे भैया मजबूत कद काठी के बहुत ही समझदार व्यक्ति हैं.
दोस्तो, मैं आज आपसे अपनी आपबीती शेयर करना चाहता हूँ.
दोस्तो, अब तक आपने एक पाठिका और उसकी दीदी से मेरी मुलाकात गलतफहमियों और नजदीकियों के साथ, काल्पनिक चुदाई की शुरुआत और औरत के दर्द के बारे में उनके विचारों को पढ़ा। इस कहानी पर मुझे आप सबके विचार प्राप्त हो रहे हैं, ऐसा ही प्यार बनाये रखिए।
कहानी का दूसरा भाग: अजीब दास्ताँ है ये-2
मेरा नाम ओमेंद्र है लोग मुझे प्यार से ओम बुलाते हैं। यह कहानी तब की है जब मैं १२ में पढ़ रहा था। मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी जिसका नाम रीना था वो हमेशा मेरे घर सवाल पूछने के लिये आती थी।(क्योंकि मैं अपने क्लास में सबसे तेज लड़का था)। उसके घर से जाने के बाद में हमेशा उसीके बारे में सोचता रहता था। एक दिन जब मेरे घर के लोग मेरी सिस्टर के लिये लड़का देखने गये थे तो वह मेरे पास आई उस दिन मेरा इरादा उसे चोदने का था इसलिये मैं पढ़ाई के बजाय उस दिन उससे बातें ही करता रहा और इसी बीच मैंने उससे अपने प्यार का इज़हार कर दिया इस पर वो बोली ओम मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं लेकिन डर के कारण मैंने यह बात तुमसे कभी कही नहीं।
दोस्तो, आपकी कोमल फिर से हाज़िर है अपनी जिंदगी की पहली सेक्स कहानी आपको बताने के लिए।
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सम्पादक जूजा
अब हम दोनों एक-दूसरे को अपनी बांहों में जकड़े हुए थे और एक दूसरे को ‘आय लव यू’, ‘आय लव यू’ कह रहे थे।
सभी चूतों और लण्डों को मेरा प्रणाम।
नमस्ते दोस्तो, सबसे पहले में अन्तर्वासना का आभारी हूँ, जिन्होंने मेरी पहली सेक्स स्टोरी
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मुझे बड़ी उमर की औरतें बहुत पसंद हैं। अक्सर ऐसी औरतें आसानी से नही मिलतीं। काफ़ी मेहनत से मिलती हैं। यह एक सच्ची घटना है।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि ट्रेन में एक लड़की मिली जिसे मुझे अपनी बर्थ पर बैठाना पड़ा।
सम्पादक – जूजा जी
‘बहुत ही ज़बरदस्त गोरी चमड़ी माल है यार!’ उसने कपड़ों के ऊपर से मेरे बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया.. मेरी आँख बंद सी होने लगी।
लेखक- स्वीट राज और पिंकी सेन
कहानी का पहला भाग: चचेरी बहन का कौमार्य-1
प्रेषक : अंशुमन
पिछले अक्टूबर की बात है …
दोस्तो, आज मैं आपको एक नई कहानी सुनाने जा रहा हूँ। बात करीब दो महीने पहले की है, मगर इसकी शुरुआत बहुत पहले हो गई थी।
Bathroom Ka Band Darwaja Khola-6
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
प्रेषक : रिशु