छप्पन की उम्र और फोन सेक्स
दोस्तो, बाहर बारिश हो रही है और अकेले बैठे बैठे एक आइडिया आया, तो एक कहानी के रूप में आपके सामने पेश है, मज़ा लीजिये।
दोस्तो, बाहर बारिश हो रही है और अकेले बैठे बैठे एक आइडिया आया, तो एक कहानी के रूप में आपके सामने पेश है, मज़ा लीजिये।
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम ऋषि है, मैं 18 साल का हूँ।
हाय दोस्तो, मेरा नाम रमेश है, मैं हैदराबाद में रहता हूँ, मैं अन्तरवासना की कहानियों का नियमित पाठक हूँ. अभी मेरी उमर 37 साल है.
हरीश अग्रवाल
कोर्ट के बाहर- केस के बाद, असलम और सोनिया आमने-सामने:
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दोस्तो, आज मैं आपको अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी हिंदी में बताने जा रहा हूँ.. कि कैसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को पहली बार चोदा था।
फारूख खान
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मेरा नाम रोनित है, पढ़ा-लिखा हूँ.. नौकरी की तलाश कर रहा हूँ। मैं नरवाना हरियाणा का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 27 साल है।
दोस्तो, मेरा नाम कृति है, और मैं आज अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं, और लोगों की कहानियाँ पढ़ कर मैंने सोचा, यार जब सब अपनी अपनी कहानी लिख रहे हैं, और कुछ दूसरे लेखकों से लिखवा रहे हैं, तो क्यों न मैं भी अपनी कहानी लिख कर देखूँ। मगर बहुत कोशिश के बाद भी मुझे मेरी लिखी कहानी पसंद नहीं आई। तो मैंने अन्तर्वासना के एक लेखक वरिंदर सिंह से ईमेल पर राबता कायम किया और उनसे अपनी कहनी लिखने को कहा, उनसे बहुत सी बातें हुई, उन्हें मैंने अपनी वो सभी डिटेल्ज़ दी, जो उन्होने मुझ से मांगी। और फिर जो कहानी उन्होने मुझे लिख कर भेजी, वो आज आपके सामने है, ये मेरी सच्ची कहानी है, पढ़िये और मज़ा कीजिये।
सम्पादक – इमरान
प्रेषक : राहुल शाह
पाठकों को मेरा प्रणाम जो इनको पढ़कर मुझे अथाह प्यार देते हैं, अपनी ईमेल के ज़रिये, कुछ याहू मेसेंजेर के ज़रिये और फिर इनमें से वो जो मुझे मिलते हैं और मेरी गांड मारते हैं, अपने लण्ड को मेरे मुँह में देते हैं, मुझे नंगी करके मुझपे सवार होते हैं, मुझे उनके साथ बिस्तर शेयर करके एक लड़की की तरह उनसे चुम्मा-चाटी करके उनसे अपने नर्म नर्म मम्मे दबवा, अपने निप्पल चुसवा बहुत आनन्द प्राप्त होता है।
सबसे पहले सभी पाठकों को मेरा प्रणाम!
मेरे प्यारे दोस्तो, मेरी एक फ्रेंड की संगत के कारण ये मेरी रियल सेक्स स्टोरी बन गई है. उसको मैं अच्छी तरह से जानती थी. कॉल गर्ल बनने के बाद मैं उसके साथ कई बार एक ही बिस्तर पर अलग अलग लंडों से चुद भी चुकी थी. जब कभी भी उसको कहती हूँ कि यार बहुत दिन हो गए हैं… तो वो समझ जाती है कि मेरी चुत में खुजली हो रही है और मेरे लिए किसी लंबे और मोटे लंड का इंतज़ाम करवा देती है. वो मुझे अपने साथ ले जाकर खुद भी चुदती है और मुझे भी चुदवा देती है. इससे दो फ़ायदे हो जाते हैं, एक चुत ठंडी हो जाती है और दूसरा पॉकेट में कुछ माल भी आ जाता है.
अब तक आपने इस सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
राज अग्रवाल
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प्रेषक : मयंक पोद्दार
हाय दोस्तों
मैं अब शिवम की मदद करने की स्थिति में नहीं था, उसको अब अपना लक्ष्य खुद प्राप्त करना था।
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मुख़तार