फेसबुक पर मिली आराधना-1
Facebook Par Mili Aaradhna-1
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यह कहानी नहीं बल्कि मेरी सच्ची दास्तां है।
आदमी जो चाहता है, उसे कभी कभी ही मिल पाता है वरना वक्त और हालात उसे समझौता करने के लिए बाध्य कर देते हैं।
उसका नाम शीला था।
मेरा नाम कविता मिश्रा है, मैं 42 साल की हूँ. मैं बनारस की रहने वाली हूँ। मेरे पति बैंक में जॉब करते है, मेरी बेटी 20 साल की है आँचल, उसकी शादी भी तय है।
लेखक: अभिनव गुप्ता
एक बार गणपत राय नाम का आदमी एक अंग्रेज़ के पास जाता है और अपनी नौकरी की अर्जी देता है।
मेरी कमसिन चूत और लेस्बीयन लड़कियाँ हॉस्टल में-1
सुशील ने कहा- भाभी, मैं घर हो आता हूँ! माँ को कह आता हूँ कि विनोद भैया के यहाँ कोई नहीं है, भाभी को डर लग रहा है तो मैं वहीं सो जाऊँगा।
सम्पादक – इमरान
दोस्तो.. आप सबको सेक्स स्टोरी की इस मस्त साईट अन्तर्वासना पर मेरा बहुत प्यार।
अन्तर्वासना पर मैं पहली बार मेरे साथ हुई घटना को शेयर कर रहा हूँ, जो पहले कभी सपना था अब हकीकत में बदल चुका है. मेरा नाम राहुल है और मैं जोधपुर, राजस्थान का रहने वाला हूँ.
यह देसी कहानी मेरे और मेरी बचपन की दोस्त पूनम (काल्पनिक) की है. वो एक सांवली सी देसी लड़की थी और उसके चूचे छोटे छोटे नींबू जैसे लेकिन बहुत सख्त थे. हम दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हैं और एक दूसरे से बहुत प्यार भी करते थे. स्कूल के दिनों में हम रोज किस किया करते थे पर कभी आगे कुछ नहीं कर पाए. मैं हमेशा उसको चोदने के सपने देखा करता था. स्कूल के बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए देहरादून आ गया.
मैं उसकी जींस के ऊपर से ही उसकी चूत मसलने लगा साथ में उसका निचला होंठ अपने होठों में भर के चूसने लगा, फिर अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा दी वो भी मेरी जीभ चूसने लगी।
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प्रेषक : धीरज
बॉस जीवन के कहने के बाद मैं तैयार हुई और हम दोनों ने एक रेस्टोरेन्ट में लंच किया, फिर ऑफिस गये, वहां पहुंच कर जीवन ने ड्राइवर से गाड़ी की चाबी ली और उसे छुट्टी दे दी।
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कुछ ही दिनों में मुझे काम-दर्शन का सिलसिला रोकना पड़ा क्योंकि छुट्टियों के कारण मेरी दो बुआ (डैडी की बड़ी बहनें) अपने बच्चों के साथ हमारे यहाँ रहने के लिए आ गई।
दोस्तो, मैं बैडमैन आप लोगों के सामने फिर से एक बार अपनी कहानी लेकर पेश हुआ हूँ। मेरी पिछली कहानी थी
दोस्तो, मैं संचित ठाकुर फिर हाजिर हूँ अपने एक नई Hindi sex stroy के साथ…
हम दोनों आमने-सामने बैठे थे, मैंने चुपचाप सर झुकाये खाना खाया और बेडरूम में आकर अपनी किताब ले कर बैठ गया। थोड़ी देर बाद चाची भी आ गई और एक मैगज़ीन लेकर मेरे पास बैठ गई।
दोस्तो, आपने पिछले भाग में पढ़ा कि कैसे मोहन ने अपनी सुहागरात पर यह जाना कि उसे कुँवारी लेकिन बहुत ही वासना से भरी चुदक्कड़ और शायद थोड़ी अनुभवी पत्नी मिली है। वो उसे अपने दोस्त के साथ मिल कर चोदना चाहता था लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा? ये तो आगे चल कर ही पता चलेगा। अब आगे…
मैं कमल.. नैनीताल का रहने वाला हूँ.. दिल्ली में एक कॉल सेंटर में जॉब करता था.. मैं वहाँ एक टीम लीडर था, वहाँ मेरी एक सीनियर थी।