दिल्ली की दीपिका-3
मेरी हालत खराब हो रही थी, पर लाज के कारण अब भी होंठ से यह निकल नहीं रहा था कि ‘अभि, बहुत हो गई नौटंकी, चल निकाल अपना लौड़ा और घुसेड़ दे मेरी चूत में !’
मेरी हालत खराब हो रही थी, पर लाज के कारण अब भी होंठ से यह निकल नहीं रहा था कि ‘अभि, बहुत हो गई नौटंकी, चल निकाल अपना लौड़ा और घुसेड़ दे मेरी चूत में !’
प्रेषक : अशोक कुमार
एक बार शेर और शेरनी गुफा में आराम फरमा रहे थे।
अब तक आपने पढ़ा..
मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, मेरा नाम अर्नव है, मैं अहमदाबाद, गुजरात से हूँ।
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का रेगुलर पाठक हूँ. मैं हमेशा नई और उत्तेजित करने वाली कहानियों का प्रशंसक भी हूँ. पेशे से मैं एक बड़ी कंपनी में सेल्स मैनजर के पद पर कार्यरत हूँ. यह अन्तर्वासना पे मेरी पहली कहानी है. मैं आशा करता हूँ कि आपको ये कहानी पसंद आएगी.
मेरा नाम यश है, मैं 19 साल का हूँ और यूनिवर्सिटी में पढ़ता हूँ। मैं अपने घर से दूर अपनी मामी-मामा के पास रहता हूँ।
पप्पू की गर्लफ़्रेन्ड सलमा रूठी हुई थी तो उसने अपनी गर्लफ्रेंड सलमा को मनाने के लिए एक शेर सुनाया:
मैं मयंक एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी आगे की दास्तान लेकर!
लेखक : रोनी सलूजा
नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और यहाँ पर अपनी चुदाई कहानी प्रस्तुत करने वाला आपका नया दोस्त हूँ।
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नमस्कार मित्रो, मेरा नाम परीक्षित कुमार, उम्र 27 वर्ष, शादीशुदा हूँ, डेढ़ वर्ष हो गए है शादी को, मेरी पत्नी का नाम श्रुति (बदला नाम) उसकी उम्र 26 वर्ष है। रंग मेरे जितना गेहुँआ है।
मेरा नाम आलम है, मैं अलीगढ़ का रहने वाला हूँ, आपको अपनी एक सच्ची घटना के बारे में बताने वाला हूँ।
हाय, मैं राकेश शर्मा.. आपने मेरी कहानी ‘खान चाचा ने चुदाई का चस्का लगाया’ https://antarvasnax.com/gandu-gay/khan-chacha-ne-chudai-ka-chaska-lagaya-1/ पढ़ी होगी। आपको पता चल ही गया कि मुझे गाण्ड और चूत का चस्का कैसे लगा।
सर्वप्रथम आप सभी को मेरा नमस्कार।
फिल्मों से यारी, चूत की भरमारी-1
मैं फहमिना आप सबके सामने हाजिर हूँ, एक नई दिलचस्प कहानी मेरे एक प्रशंसक ने भेजी है, मज़ा लीजिये।
अन्तर्वासना के पाठकों को एक बार फिर से मेरा प्यार और नमस्कार! काफी सारे मित्रों के ढेरों मेल मिले, आप लोगों को मेरी जीवन की कहानी इतनी अच्छी लगेगी, मैंने सोचा भी नहीं था. इस बारे में और अपने बारे में ज्यादा बात ना करते हुए मैं अपनी कहानी को आगे बढ़ाता हूँ.
सभी पाठकों को मेरा सलाम, यह मेरी पहली कहानी है. मैं बचपन से ही सेक्स के लिए उतावला रहा हूँ.
थोड़ी देर हम सब यूँ ही एक दूसरे के साथ हंसी मजाक करते रहे और इस पूरे समय के दरम्यान वंदना मुझसे चिपक कर रही और अपने हाथों से मेरा हाथ पकड़े रखा, उसके हाथों में मेरा हाथ यूँ देख कर लड़कियाँ तिरछी निगाहों से देख देख कर मुस्कुराती रहीं तो वहीं लड़कों की आँखों में मुझे जलन साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी।
आर्यन इंजीनियर
रैक के ऊपर के सारे बर्तन गंदे पड़े थे इसलिए वो झुक गईं और नीचे की तरफ ढूंढने लगीं।
दोस्तो, मेरा नाम रीमा राज गर्ग है, मैं आपको अपनी कहानी बताना चाहती हूँ।
दोस्तो.. आज हम सब की प्यारी सविता भाभी की चुदाई की वो अनजानी कहानी पेश है.. जिसके बारे में कभी मालूम नहीं चल सका था।