गंधर्व विवाह
प्रेषक : अन्नू
प्रेषक : अन्नू
दोस्तो, मैं अमित दुबे सबसे पहले आपने जो मेल किये उसके लिए आपका आभारी हूँ.
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हैलो दोस्तो, आपके लिए एक नई कहानी पेश है। बात तब की है, जब मेरी शादी हुई थी, शादी को अभी मुश्किल से 10-12 दिन ही हुये थे। हमारा तो अपना घर था मगर साथ वाले घर में कोई नए पड़ोसी आए थे, वो भी बस मियां बीवी थे।
नमस्ते, मेरा नाम सारिका है। मेरी उमर 44 साल है और 3 बच्चों की माँ हूँ। मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ। मेरी कहानी मेरे जीवन की सच्ची कहानी है।
हैलो दोस्तो.. मेरा नाम मनीष है, मैं सीकर, राजस्थान का रहने वाला हूँ। मेरी हाइट 5’8″, गोरा रंग.. अच्छा ख़ास लम्बा और मोटा लण्ड है।
मैं : ना मौसी ना ! मेरी फ़ट जा गी ! तू मन्ने बख्श दे ! मन्नै नी लेणे मज़े !
प्रेम गुरु की कलम से
इरफ़ान ने अनुष्का को नंगा करके अपनी गोद में बिठा रखा था, उसका हाथ उसकी मासूम छोटी सी योनि को सहला रहा था और वह आः आआह्ह्ह कर रही थी।
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प्रेषक : हैरी बवेजा
सुबह की स्वच्छ ताजी हवा में गुलाब के ताजा फूलों की खुशबू फैल रही थी। शहर के कोलाहल से दूर प्रदूषणमुक्त शांत वातावरण में फूलों की सुगंधभरी ताजी हवा में घूमते हुए मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। हर तरफ गुलाब फैले थे भाँति भाँति के- लाल, गुलाबी, काले, बैंगनी, उजले… !
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अब तक की कहानी में आपने पढ़ा…
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मैं यहाँ अपनी दूसरी कहानी लिखने जा रहा हूँ। मेरी पहली कहानी यौन साथियों की अदला-बदली में मुझे बहुत सारे मेल मिले और उसके लिए शुक्रिया।
कहानी का पिछ्ला भाग : छैल छबीली-1
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प्रेषक: मनु
मेरा नाम अमित है। एक दिन घर में मैं, मेरा भाई और भाभी थे। मेरा रूम भाभी के बगल में है। रात में भाभी के कमरे से अजीब आवाज आ रही थी। मैंने वेंटीलेटर से देखा भाई और भाभी दोनो नंगे थे। भाई उनकी चूत चाट रहे थे। भाभी आंख बंद किये मजा ले रही थी। और आह ऊऊओहह्ह की आवाज निकाल रही थी। भाभी की चूची एक दम साफ़ नजर आ रही थी। एक दम कड़े थे। भाई चूत चाटने में मस्त थे। ये देख कर मेरा लंड तनता जा रहा था भाभी ने इशारे से कहा कि अब बरदाश्त नहीं हो रहा है। अब चोद दो लंड मेरी चूत में डाल दो, भाभी भरपूर जोश में थी। भाई जब हटे तब भाभी के चूत देखाई दी, एक भी बाल नहीं था, लाल लाल चूत पानी निकल रहा था। मैं जोश में भर गया था तभी भाई ने अपना लंड उनकी रसीली चूत में डाल दिया थोड़ी देर बाद में ही वो रुक गये। भाभी बोली बस हो गया भाई उनके ऊपर से हट गये और दूसरी तरफ़ सो गये मगर भाभी ने गुस्से में थी। अपनी ही उंगली को अपनी चूत में डाल रही थी। मुझे लगा कि भाभी अभी झड़ी नहीं है। तभी मेरा पैर फोटो से टकराया। भाभी ने मुझे देख लिया। भाभी साल लपेट कर मेरे कमरे के तरफ़ आ रही थी।
मेरी दीदी का सत्ताईसवां लण्ड-1
“इसको बिस्तर पर ले जाओ !” रेशमा ने आदेश दिया। वह अपने आपको गजब ताकतवर महसूस कर रही थी।
अब तक आपने मेरी इस चुदाई की कहानी में पढ़ा था कि काका मोना की चुत चोद रहे थे और मोना झड़ चुकी थी। लेकिन काका का लंड अभी भी पूरी मस्ती से चुत के चिथड़े उड़ाने में लगा हुआ था।
नेहा की कुंवारी चूत का कौमार्य भंग करने की तैयारी