पहले कितनों से चुदवाया है?
प्रेषक : रमेश सिंह
प्रेषक : रमेश सिंह
मेरा नाम माया पटेल है मगर मेरा घर का नाम नैन्सी है, शादीशुदा बाल बच्चेदार औरत हूँ। देखने में सुंदर हूँ,दो बच्चों की माँ होने के बावजूद मैंने अपने शरीर बेडौल नहीं होने दिया खुद को फिट रखा है।
अचानक बाहर किसी की आहट हुई, मैंने तुरंत अपनी सलवार का नाड़ा बांधा, ड्रेस ठीक कर मैंने धीरे से खिड़की से झांका। कॉलेज की प्रिंसीपल डेलना मैडम थीं।
आपको आज मैं अपने जीवन में घटी एक सच्ची घटना को, जिसे मैं खुद अपने शब्दों मैं लिखने का प्रयास कर रहा हूँ बता रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी वासना से भर देगी।
एक युवा जोड़ा अपनी छुट्टियाँ मनाने एक हिल स्टेशन पर गया।
उस रात घर जाने से पहले मैं फ़ैसला कर चुका था कि मुझे तो हाँ ही कहना है।
विनय ने होटल में पहले ही चारों का डिनर पैक करके रखने का आर्डर दे रखा था।
इस पोर्न हिंदी स्टोरी में पढ़े कि जब पति ने अपनी पत्नी को अपने पिता के साथ नंगी देखा तो क्या किया? पत्नी भी जानबूझ कर अपने पति को चिढ़ाती हुई चली गयी.
अभी मैं सोच ही रहा था कि एक और बारात गुजरने लगी। उसी में से एक उम्र में मुझसे थोड़ा बड़ा लड़का मेरे पास आया।
दोनों जोड़े वहीं अलग-अलग कंबल और रज़ाई में घुस कर बिना कपड़ों के ही अपने-अपने पार्टनर से लिपट कर सो गये। मैं और समीना आपा बीच में सोये थे और दोनों मर्द किनारे की ओर सोये थे। आधी रात को अचानक मेरी नींद खुली।
नमस्ते दोस्तो, मैं राज शर्मा, मैं रतलाम में रहता हूँ. मेरी उम्र 22 साल है. आज मैं अन्तर्वासना पर अपनी पहली कामुकता भरी कहानी लिख रहा हूँ जिसमें मैंने अपने पड़ोस की चुदासी आंटी को चोदा था. आंटी की फ्री चुदाई स्टोरी में कोई गलती हो तो माफ़ कर दीजिएगा.
प्रेषक : संजय शर्मा
अभी तक आपने पढ़ा…
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं एक बार फिर हाजिर हूँ अपना 7 इंच का लंड लेकर छवि की चुदाई करने!
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सैफ़ की घरवाली करीना की डिलीवरी हुई…
मैं बहुत ही दुबला पतला हूँ, मेरे शरीर पर नाम मात्र के बाल हैं। झांट और सर के बाल के अलावा छाती या हाथ पैर पर बाल नहीं हैं। मतलब यह है कि मैं अगर साड़ी में भी आ जाऊँ तो लोग मुझे पहचान नहीं पाएंगे, मेरी आवाज़ भी वैसी ही लड़कियों वाली है।
वो और नीचे गई और मेरी जांघों के जोड़ों के चाटने लगी कभी चाटती और कभी हल्के हल्के दाँतों से काटती, मुझे तो स्वर्ग का नज़ारा दिख रहा था और और रह रह कर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे।
अगल बगल में सभी लड़कियाँ अपने हाथों में लंड पकड़े हुए थीं और उनको मसल रही थीं। मोनी को एक मोटे से सेठ ने अपनी गोद में बठा रखा था। सेठ ने १००० रूपये पिंटू की तरफ बढ़ा दिए। पिंटू ने मोनी को आंख मार कर लौड़ा चूसने का इशारा किया। मोनी जमीन पर बैठ गई और उसने सेठ का ४ इंच लम्बा लौड़ा मुँह में ले लिया और उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी।
बारिश का मौसम था। एक दिन मैं घर पर अकेला था परिवार के सारे लोग तीन दिनों के लिए बाहर गए थे। मैं टी वी देख रहा था कि अचानक दरवाज़े की घण्टी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो पड़ोस की रेखा दी(दी) थी।
प्रेषक : जो हण्टर
प्रणाम दोस्तो, कैसे हो सब आप सब!
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अन्तर्वासना पर हिंदी सेक्स कहानी पढ़ने वाले मेरे अजीज दोस्तो, मैं रॉनित एक बार फिर आपकी सेवा में उपस्थित हूँ. मेरी पिछली सेक्स से भरी कहानी
प्रणाम साथियो.. मेरी यह कहानी कोई गढ़ी हुई हिन्दी सेक्स स्टोरी नहीं है.. बल्कि मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना है।