आसान काम नहीं है-1
सुबह दूध वाले भैया को तड़पाने के बाद मैंने अपने मित्र को सारा घटनाक्रम बताया तो उन्होंने मुझे यह साहस भरा काम सफ़लतापूर्वक सम्पन्न करने पर बधाई दी।
सुबह दूध वाले भैया को तड़पाने के बाद मैंने अपने मित्र को सारा घटनाक्रम बताया तो उन्होंने मुझे यह साहस भरा काम सफ़लतापूर्वक सम्पन्न करने पर बधाई दी।
मैंने कई बार डॉक्टर को लुभाने किसी न किसी बहाने से अपने स्तन भी दिखा दिए, जिन्हें वो चोरी छुपे देख भी रहे थे। एक बार उनके चेंबर में साड़ी में कीड़ा है, कहकर जांघें तक दिखा डाली परन्तु कैसे उन पर अपना जादू चलाऊँ, यह समझ नहीं आ रहा था।
मैं एक बार फिर से आपके सामने हाजिर हूँ अपनी एक आपबीती को लेकर ! मेरी पिछली कहानी कंप्यूटर की प्रॉब्लम आप सबने पसंद की इसके लिए सबका शुक्रिया !
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम अतहर है और मैं दिल्ली की बसंत बिहार कॉलोनी में रहता हूं. मेरे घर में 4 लोग हैं, मैं, मेरी अम्मी अब्बू और आपा. मेरी आपा का नाम सिम्मी है. अब्बू आर्मी में हैं और अम्मी टीचर हैं. अब्बू तो ज़्यादातर अपने बेस पर ही रहते हैं. उनको साल में 3 महीने की ही छुट्टी मिलती है. मैं बी.टेक. की पहले साल की पढ़ाई कर रहा हूँ और आपा ने बी.ए. इसी साल कम्पलीट किया है. आपा की उम्र 21 साल की है और मेरी 19 की है.
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की क़हानियां चार साल से पढ़ रहा हूँ. आज मैं अपनी जीवन की पहली चुदाई की कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ… जिसमें मैंने अपने किरायेदार रिंकू भाभी की दो दिन तक जमकर चुदाई की.
अन्तर्वासना पर हिंदी सेक्स कहानी पढ़ने वाले मेरे अजीज दोस्तो, मैं रॉनित एक बार फिर आपकी सेवा में उपस्थित हूँ. मेरी पिछली सेक्स से भरी कहानी
यह दो तीन साल पहले की बात है जब मेरी फुफेरी भतीजी गीता छुट्टियों में मेरे घर रहने आई हुई थी। गीता की उम्र 24 साल थी और मैं 31 साल का जवान था। धीर धीरे हम दोनों आपस में काफी घुलमिल गए और साथ साथ घूमने भी जाने लगे।
सम्पादक जूजा
शमशेर सिंह ने अपने भतीजे रणधीर सिंह की शादी एक ऐसी लौंडिया से करवाई, जो कमाल की हसीना थी। लौंडिया का नाम बता देना सही रहेगा, उस हसीना जिसकी गरमागरम जवानी कमाल की थी, उसका नाम था बबिता।
प्रेषक : मनीष जैन (रुबीन ग्रीन)
कुट्टी सर के साथ मस्ती करके दिल्ली से वापिस आने के चार पाँच महीने बाद मैं एक घर में पेईंग गैस्ट रहने लगी थी तो वहाँ मेरी हमउम्र लड़की रचना मेरे साथ मेरे कमरे में मेरे साथ थी। रचना बनारस से था और वह भी एक दफ़्तर में काम करती थी, वो मेरी अच्छी सहेली बन गई थी।
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मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, मेरा नाम अर्नव है, मैं अहमदाबाद, गुजरात से हूँ।
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प्रेषक : आशीष उज्ज्वल
Sex Without Condom
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इस बीच रेखा का मोबाइल बजा।
दोस्तो, आज मैं आपको एक नई कहानी सुनाने जा रहा हूँ. आशा है आपको पसंद आएगी.
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उसकी पनीली आँखों में, जिनमें एक अजब-सा मर्म को छूता भाव उमड़ रहा था। शर्म से लाल गालों पर झूलती लट, बालों के बीच सफेद मांग ! खाली।
प्रेषक : अमित
मुल्ला जी बाजार गए और दुकानदार से बोले- मुझे बेगम के लिए एक ब्रा चाहिए !
अन्तर्वासना पर हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले मेरे दोस्तों को नमस्कार!
तीन लड़कियों को आनन्द देने के बाद गौरी भाभी चोदन