पहली बार गांड मरवाने का सुख
🔊 यह कहानी सुनें
🔊 यह कहानी सुनें
अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभी को नमस्कार..
सारिका कंवल
बड़ी अदा से रीटा ने बहुत लाहपरवाही से अपनी सुडौल टांग को सुकौड़ कर मासूमीयत से पैर के नाखूनों पर नेलपालिश लगाने लगी. काली स्कर्ट शीशे से गौरे चिकने पट्टों से सरकती चली गई और टयूब लाईट में रीटा की लाल पेंटी की ओट में से रीटा की बच्ची सी लरजाती चूत कच्छी के पीछे से राजू को निहारने लगी. रीटा की टाईट पेंटी चलने की वजह से और ठरक के जूस से इकट्ठी हो कर चूत और चूतड़ों में घुस कर दुबक सी गई थी. गुलाबी चूत की अकड़ी मक्खन सी उजली फांकों का हुस्न देख राजू के लन ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. राजू पास पड़ी गद्दी से लण्ड को छुपा कर हाथ से लण्ड को रगड़ कर शान्त करने लगा.
जीवन भी कभी कभी कैसे मोड़ ले लेता है कि बस अचरज होकर रह जाती है. एक खुशहाल जीवन कभी भी उजड़ जाता है और फिर नई शुरूआत करनी पड़ती है. कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ. जीवन ने ऐसा खेल खेला कि पहले तो सब कुछ ले लिया और रोष या मजबूरी में जब वासना की चौखट लाँघी, तो एक अलग ही दुनिया में पहुँच गयी. फ्रेंड्स मैंने इससे कभी पहले अपनी आपबीती लिखी नहीं है, तो इखने में हुई ग़लतियों को नज़रअंदाज़ कर दीजिएगा.
भाई सगी बहन को चोदने को आतुर-1
दोस्तो, काफी सालों से मैं अन्तरवासना पर चूदाई की कहानी पढ़ रहा हूँ. मेरा नाम सोहेल है, मैं पटना में रहता हूँ. मैं दिखने में स्मार्ट हूँ इसलिए घर और बाहर हर जगह थोड़ी तारीफ हो जाती है.
🔊 यह कहानी सुनें
मेरे कामुक दोस्तो, अब तक आपने पढ़ा..
पाठकों से दो शब्द : यह कहानी अच्छी रुचि के और भाषाई संस्कार से संपन्न पाठकों के लिए है, उनके लिए नहीं जिन्हें गंदे शब्दों और फूहड़ वर्णन में मजा आता है। इसे लिखने में एक-एक शब्द पर मेहनत की गई है। यौन क्रिया के सारे गाढ़े रंग इसमें मिलेंगे, बस कहानी को मनोयोगपूर्वक पढ़ें।
शम्मी सो चुकी थी। श्याम के सात बज चुके थे। मेरे दोस्त के आने का भी समय हो चुका था। मैंने अपने दोस्त को फ़ोन करके सब बता दिया था। वो ठीक सात बजे आ गया। शम्मी नंगी ही सो रही थी।
Uske Andaz Ne Mujhe Diwani Kar Diya Hai
स्नानगृह में
अनीता अपने ससुर की पक्की चेली बन गई। अब वह ससुर के खाने-पीने का भी काफी ध्यान रखती थी ताकि उसका फौलादी डंडा पहले की तरह ही मजबूत बना रहे, पति की नपुंसकता की अब उसे जरा भी फ़िक्र न थी।
कैसे हो दोस्तो, आप सबको मेरा नमस्कार!
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम देव है.. मैं 18 साल का हूँ.. मेरा लंड 7 इंच का है।
🔊 यह कहानी सुनें
कहानी का पहला भाग: खेत खलिहान-1
🔊 यह कहानी सुनें
लेखिका: दिव्या रत्नाकर
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।
भाभी की तो अभी आग ठीक से जली भी नहीं थी और मेरा खेल ख़त्म हो चुका था।
🔊 यह कहानी सुनें
प्रेषक : प्रेम सिसोदिया
प्रेषक – विजय कुमार