रैगिंग ने रंडी बना दिया-19 Group Sex Story
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि ग्रुप सेक्स में सब फ्लॉरा के शरीर के मज़े लेने लगे।
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मैं तो शादीशुदा हूँ-2
टी पी एल
पिंकी सेन
गंगा मौसी मेरी मां की सबसे छोटी बहन हैं। यूँ तो वो दिखने में सुन्दर है। वो छोटी सी उमर में ही विधवा हो गई थी। उनकी देह मुझे बहुत कामुक लगती थी। सच पूछो तो मुझे उनका सामीप्य अच्छा लगता था। मैं दिनों-दिन उनकी ओर आकर्षित होता जा रहा था। मौसी भी मेरी नजर पहचान गई थी। जब से मेरे दिल में उनके प्रति चाह उभरने लगी थी, मन में चोर था सो मैं उनसे बात करने में भी हिचकिचाने लगा था।
हिंदी सेक्स कहानी की बेहतरीन साईट अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।
दोस्तो, मैं फेहमिना अपनी कहानी के आगे का भाग लेकर हाजिर हूँ।
मेरा नाम लव शर्मा है। मैं गुजरात में सूरत का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। अभी मैं पढ़ता हूँ और मुझे लड़कियों को पटाने में बहुत मजा आता है। मैंने लड़कियों को पटाना 18 साल की उम्र से शुरू किया था और मुझे लड़कियों के साथ सेक्स करने में बहुत मजा आता है।
हेलो दोस्तो, मैं आदित्य एक बार फिर से आपकी सेवा में हाजिर हूँ।
दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक यादव है मैं गाँव का रहने वाला हूँ। बीएससी करने के लिये मैं गाँव छोड़कर गाज़ीपुर शहर चला आया। मैं पढ़ाई की शैली और शरीर की बनावट, इन दोनों में निपुण हूँ।
मुकेश कुमार
हैलो फ्रेंड्स, मैं जेसिका क्लार्क (बदला हुआ नाम) एक बार फिर उपस्थित हूँ नई कहानी के साथ!
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
अपने भाइयों का लण्ड लेने वाली मेरी प्यारी बहनो और अपनी बहनों की गांड मारने वाले मादरचोद भाईयो!
अब तक आपने पढ़ा..
प्रेषिका : लक्ष्मी बाई
मैं जानबूझ कर लंड माँ के सामने करके सहला रहा था। मैंने देखा माँ का ध्यान भी मेरे सुपारे पर ही था और वो बार-बार अपनी जाँघों को फैला रही थीं.. चूँकि नाईटी का आगे का भाग खुला हुआ था.. जिससे मुझे कई बार उसकी बुर दिखाई दी.. मैं समझ गया कि माँ एकदम गरम हो गई है.. मैं उसे और उत्तेजित करने के लिए हिम्मत बढ़ाते हुए एकदम खुल कर बात करने लगा।
हेल्लो दोस्तो, आप सभी पाठकों को ईशात का और मेरे खड़े 6″ लंड का नमस्ते!
अब तक आपने इस कहानी में आपने पढ़ा कि मैंने तनु के साथ पहली बार सेक्स कर लिया था.
मैं एक लड़का हूं और मेरा नाम राज कुमार है।अभी मैं देल्ही में रहता हूं। बात उन दिनों की है जब मैं इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था।मैं ट्रेन से घर जा रहा था गर्मी की छुट्टियों में। डिब्बे में काफ़ी भीड़ थी। शाम का टाइम था मैं अपनी रिज़र्व्ड सीट पर जा कर लेट गया तो देखा कि सामने वाली सीट पर एक परिवार था जिसमें एक १९-२० साल की थोड़ी मोटी सी लड़की २४-२५ साल का पतला सा लड़का और उसकी माँ थी जिसकी उमर लगभग ४७ -४८ होगी।एकदम दुबली पतली।
प्रेषक : कर्ण कुमार
तभी सुनील ने मेरी कमर पकड़ी और मुझे अपनी गोद में खींच लिया और बोला- आज तो देख ही लिया जाए, तुम आगे-पीछे, ऊपर-नीचे से कितनी अच्छी हो..!
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आप सबने मेरी कहानी