दोस्त की उदास बीवी
ये वैभव और उसके दोस्त की बीवी की चुदाई की सच्ची कहानी है। वैभव जब बैंक में काम करता था। उसका वह एक दोस्त बन गया मिस्टर आर (वास्तविक नाम नहीं) और वो भी पक्का। अब वो एक साथ खाते और एक साथ पीते थे।
ये वैभव और उसके दोस्त की बीवी की चुदाई की सच्ची कहानी है। वैभव जब बैंक में काम करता था। उसका वह एक दोस्त बन गया मिस्टर आर (वास्तविक नाम नहीं) और वो भी पक्का। अब वो एक साथ खाते और एक साथ पीते थे।
पहले हम हँसे फिर नैन हँसे, फिर नैनन बीच हँसा कजरा
अब तक की इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि चाचा और मनोहर दोनों मेरी गांड और चुत में लंड घुस्से हुए मुझे धकापेल चोद रहे थे.
शमीम बानो कुरेशी
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा…
शाहीन बाहर जाने लगी तो मैं बोल पड़ा, “नहलाया तो है ही नहींं?”
सम्पादक जूजा
आपने मेरी कहानी रेलगाड़ी का मज़ेदार सफ़र के दो भाग पढ़े, आप सबने अपने ढेर सारी प्रतिक्रियां भेजी।
कहानी के पहले भाग
प्रेषक : मासूम मैन
अन्तर्वासना के पाठको, मैंने अभी अभी अन्तर्वासना की कामुक कहानियों को पढ़ना शुरू किया है। मुझे इस पर प्रकाशित होने वाली कहानियों ने अपनी कहानी लिखने को रास्ता दिखा दिया है.. जो कि मेरे मन में बहुत दिन से थी.. कि मैं अपनी सच्ची दास्तान किसी से कह सकूँ।
यह बात तब की है जब मैं 12वीं में पढ़़ती थी. मैं एक को-एड स्कूल में पढ़़ती थी जिस में लड़के और लड़कियाँ दोनों साथ में पढ़़ते हैं और हमारे स्कूल में लड़के पैंट शर्ट और लड़कियाँस्कर्ट शर्ट पहनते हैं टाई के साथ. वो मेरे स्कूल के सबसे सुनहरे दिन थे. मैं अपनी क्लास में सबसे सुंदर थी, ऐसा मुझे कई लड़के कह चुके थे पर मैं ये बात किसी और के मुंह से सुनना चाहती थी.
मेरा नाम सूरज कुमार है.. मैं 20 साल का हूँ और मेरा लंड 8 इंच का लंबा और 2 इंच का मोटा है। मैं इस साईट का का एक नियमित पाठक हूँ.. मुझे इसकी कामुक कहानियां पढ़ना बहुत पसंद हैं। दरअसल मैं झारखंड से हूँ.. मेरे घर में मैं अपनी मॉम-डैड और मेरी एक छोटी बहन के साथ रहता हूँ.. मेरे डैड भुवनेश्वर में एक बैंक में जॉब करते हैं। मेरी छोटी बहन अभी स्कूल में पढ़ रही है और मेरी मॉम एक हाउनवाइफ हैं।
मैं परवीना, कद 5’4″, बदन 38-34-40, उम्र 33 साल, पति ज़्यादातर बाहर रहते हैं, पर मेरे घर का हट्टाकट्टा नौकर मनोहर मेरे घर में ही रहता है, तो मैं अपने नौकर मनोहर से चुदवाकर मस्त रहती हूँ।
प्रेषक : आशु
मैं ख़ुशी में झूमता हुआ अपने दूसरे कपड़ों को निकाल कर रखने लगा और अपनी उस चड्डी को जो की रूचि की चूत रस भीगी हुई थी, उसे बतौर निशानी मैंने अपनी ड्रॉर में रख दी जिसकी चाभी सिर्फ मेरे ही पास थी, उसे मेरे सिवा कोई और इस्तेमाल नहीं करता था।
नमस्कार दोस्तो, आपने मेरी
इस हिंदी सेक्स स्टोरी के पहले भाग
नमस्कार भाईयो, मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियां पढ़ीं हैं. मैं आज अपनी एक सच्ची कहानी पेश कर रहा हूं.
मेरी पिचली स्टोरी सबने पढ़ी है, आप सब का मुझे जवाब अच्छा मिला, उसके लिये धन्यवाद, मैं जो भी स्टोरी लिखुंगा सब सच लिखुंगा मैने कसम खाई है कि झूठ नहीं लिखुंगा। मैं अपनी स्टोरी शुरु कर रहा हूं।
अब तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है। मुझसे कुछ भूल हो जाए.. तो प्लीज़ माफ़ कर दीजिएगा।
आज से 2 साल पुरानी बात है.. जब मैं 18 साल का था और मैं चंडीगढ़ से राजस्थान अपने घर गया था।
Bahan Ke Sath Prem-leela-12
कहानी का पहला भाग: विशाल लंड से चुदाई का नया अनुभव-2