सेक्सी भाभी का तन मन से समर्पण-2
अब तक आपने पढ़ा था कि मैं कोमल भाभी के जिस्म के साथ अठखेलियाँ करते हुए उन्हें अपने कमरे में खींच कर गया था और दरवाजे बन्द कर लिए थे।
अब तक आपने पढ़ा था कि मैं कोमल भाभी के जिस्म के साथ अठखेलियाँ करते हुए उन्हें अपने कमरे में खींच कर गया था और दरवाजे बन्द कर लिए थे।
मेरा नाम अभी है, प्यार से घर में सब मुझे सैंडी भी कहते हैं। मैं गुजरात के अमदाबाद में रहता हूँ। मेरी उम्र 22 साल की है।
रश्मि की दोपहर की नींद आज कुछ जल्दी ही उचट गई। उसे प्यास लगी थी और उसकी नौकरानी शब्बो उसके कमरे में पानी रखना भूल गई थी।
हैलो फ्रेंड्स… मेरा नाम सुरभि है.. मैं राँची की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 18 वर्ष है और मेरा फिगर 34-28-36 का है।
दोस्तो, मैं फेहमिना एक बार फिर आप सबके सामने अपनी नई कहानी लेकर हाजिर हूँ।
मेरी गर्म कहानी के प्रथम भाग
मुल्ला जी बाजार गए और दुकानदार से बोले- मुझे बेगम के लिए एक ब्रा चाहिए !
अब बारी तृष्णा की थी, उसने विक्रम का अन्डरवीयर उतारा, अन्डरवीयर के उतरते ही मैं और तृष्णा विक्रम के लंड को देख कर आश्चर्यचकित हो गए, लगभग 8 या 9 इंच का लंड था। इतने बड़े लंड को देख के मेरी बीवी के चहरे पर ख़ुशी छा गई, वो इतने ही लम्बे लंड के साथ सम्भोग करना चाहती थी।
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नमस्ते मित्रो, मेरा नाम प्रिया है।
मेरे दोस्तो, मेरा नाम समीर मलहोत्रा है. आप लोग मुझे प्यार से सैम बुला सकते हैं. उम्र 20 साल कद 5 फुट 11 इंच. दिखने में स्मार्ट हूँ लेकिन थोड़ा शर्मीला हूँ. शायद यही कारण है कि मैं इतने दिनों तक वर्जिन रहा.
रेखा सीधी होकर पलंग पर बेसुध होकर लेट गई। अतुल भी बेसुध हो रहा था, मेरा लण्ड खाली हो गया था लेकिन मुझे लग रहा था कि मुझे रेखा की गाण्ड और चोदनी चाहिए।
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अभी तक आपने पढ़ा…
मेरी इस सेक्स कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि मैं तब सिर्फ 36 साल की थी कि मैं विधवा हो गयी थी. मैं अपनी जवानी की प्यास कालबॉय से बुझती रही. का भी. लेकिन मेरा बेटा जब जवान हो गया तो मेरी नजर उसकी जवानी पर पड़ी. मैंने अपने बेटे को अपने जवान जिस्म के कुछ जलवे दिखाए और उसके साथ शिमला घूमने जाने का कार्यक्रम बना लिया.
मधु बोली- मैंने इतना चुदवाया है आज कि मुझे थोड़ी थकान हो रही है, मुझे थोड़ी देर आराम करना है।
प्रेषक : आदित्य कश्यप
हाय दोस्तो !
जब मैंने मौसी की बेटी गौरी की चूत मारी और मुझको मज़ा आया तो मेरी और चूत मारने की इच्छा हुई पर क्या करता स्कूल भी तो था। इसीलिए मैं अपने घर पर ही रहता था। पर मन ही मन तड़पता था।
मेरा नाम डी.के.सिंह है।
प्रेषक : शमशेर कुमार
हाय! रीडर्स मेरा नाम राज है। और मैं राजकोट (गुजरात) में रहता हूं, मेरे घर में तीन लोग हैं, मैं,पापा और मां मेरी मां बहुत खूबसूरत हैं और कोई भी मर्द उसे देखे तो उस का दीवाना हो जाये उसके। उसके दोनों दूध इतने बड़े है कि कभी भी उसके ब्लाउज़ में नहीं आते और बाहर से उसकी सत देखती है
प्रेषक : दीवाना “अजनबी”
प्रेषिका : कामिनी सक्सेना