बीवी को गैर मर्द से चुदवाने की मंशा-2
मैं दर्द के मारे चीख रही थी।
मैं दर्द के मारे चीख रही थी।
आप लोग हो सकता है कि बोर हो रहे हों कि क्या यार फालतू की बातें लिख रहा है.. तो आपको बताना चाहूंगा कि जैसा-जैसा वास्तव में मेरे साथ हुआ था.. वैसा ही लिख रहा हूँ ताकि आप इस कहानी से भावनात्मक रूप से जुड़ सकें.. और ये तभी सम्भव है.. जब ये सारी घटनाएं आपके समक्ष होंगी।
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार फिर हाजिर हूं अपनी कहानी के अगले भाग के साथ। मेरे जिन पाठक और पाठिकाओं ने कहानी का पहला और दूसरा भाग नहीं पढ़ा हो वो
रंडी चूत की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी जोरदार चुदाई हो रही थी. मैं जोर-जोर से चिल्ला रही थी. वो मुझे जोर से अपने लण्ड पर उछाल रहा था.
🔊 यह कहानी सुनें
अब एक अन्तर मुझे समझ में आया कि जो कभी अपने घर से बाहर नहीं निकलती थीं.. वो मुझे अब अकसर नजर आने लगी थी। मेरी बातों का जबाब भी तुनक मिज़ाज़ में ही सही.. पर अब भाभी जवाब देने लगी थीं।
मम्मी की भड़कते जिस्म को देख मेरा मन उत्तेजित हो हरेक रात उनकी दमदार चुदाई के सपने देखने लगा हालांकि उससे दोगुना मजा उनकी असल चुदाई करके मैंने महसूस किया।
अब तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा नमस्कार, मैं पहली बार कोई कहानी लिख रहा हूँ।
जेम्स
अभी तक मेरी कहानी के पिछले भाग
🔊 यह कहानी सुनें
प्रेषक : कुमार
प्रेषिका : सुनीता
चूत की झांट साफ़ करवाने के बाद चूत चुसाई का लेस्बीयन खेल खेलने के बाद नमिता के चेहरे पर एक अलग तरीके की खुशी झलक रही थी।
अलीशा सुधा
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि संजय अपनी मुँहबोली बहन की बेटी यानि भांजी पूजा को बिस्तर पर लिटा कर उसकी चुत चाट कर उसको मजा दे रहा था। मजा रस को लेकर अब पूजा भी कहने लगी थी कि उसको भी ये रस चाट कर मजा लेना है।
दोस्तो, आपने मेरी इस होम सेक्स कहानी में अब तक पढ़ा कि मेरी चचेरी बहन अनुराधा मेरे पास चुदने के लिए आ गई थी और मैंने उसकी चूत को चूस चाट कर झाड़ दिया था.
पाठको, यह कहानी मेरे एक अति प्रिय मित्र विपुल की है। अच्छे व्यक्तित्व का हंसमुख इंसान है, वो रेलवे में बुकिंग क्लर्क के पद पर कार्यरत है।
🔊 यह कहानी सुनें
दोस्तो, मैं अमित दुबे…
अब तक आपने पढ़ा..
विकास जैन
अभी तक की कहानी में आपने पढ़ा कि अपनी पड़ोसन की विवाहिता बेटी मोनी के प्रति बढ़ती मेरी वासना के चलते मैंने एक रात को उसकी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर करके उसकी पेंटी के अंदर अपने लंड को घुसा ही दिया. जब पहली बार मेरा लंड उसकी चूत से टकराया तो मैं ज्यादा देर उसकी चूत की गर्मी के सामने टिक नहीं पाया और आधा सुपाड़ा अंदर जाते ही मेरे लंड ने उसकी चूत पर वीर्य की पिचकारी मार दी. मैं नशे में था और चुपचाप करवट बदल कर सो गया.
हाय रीडर्स, और इसे पढ़ने वाली सभी लड़कियाँ, आंटियाँ, भाभियाँ सभी को प्यार भरा नमस्कार!