यार से मिलन की चाह में तीन लंड खा लिए-2
🔊 यह कहानी सुनें
🔊 यह कहानी सुनें
हमारे साथ जो कुछ गलत होता है, अनर्थ होता है। उसके पीछे हमारी गलत सोच ही अपनी अहम भूभिका निभाती है। हम अपनी गलती का कभी स्वीकार नहीं कर पाते और दूसरों पर दोष थोपकर किनारा कर जाते हैं।
दोस्तो, इसमें कोई शक नहीं कि चूत चुदाई कहानी की बेस्ट साईट अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी है. मैं इसे कई साल से पढ़ रही हूँ.
यह हिंदी सेक्स स्टोरी मेरी खुद की आपबीती है।
रूठी है वह इस तरह जैसे हम सच में उसे मना लेंगे,
लेखक : आदित्य शर्मा
मैं रोनित एक बार फिर आपकी सेवा में हाज़िर हूँ। मैं आपको आज एक कहानी बताने जा रहा हूँ, जो एक मीठी घटना के रूप में मेरे जीवन में दो साल पहले घटी थी।
38 साल ननकू एकदम सीधा-सादा और मेहनतकश मर्द था. वह उत्तरप्रदेश में कानपुर के एक जूते बनाने वाली फैक्ट्री में नौकरी करता था जबकि उसकी 35 बरस की बीवी मीना और बच्चे कानपुर से साथ सत्तर किलोमीटर दूर ननकू के पैतृक गांव गाजीपुरा में रहते थे. मीना के घर के साथ वाले वाले घर में उसका जेठ यानि ननकू के भाई हरक लाल का परिवार भी रहता था.
मेरा नाम प्रीति है.. मुझे अन्तर्वासना वेब साईट मेरी सहेली ने बताई थी।
मेरा नाम दीपक है (बदला हुआ नाम)। मैं अलीगढ़ से हूँ.. मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ। मेरी लंबाई 5 फीट 9 इंच है.. रंग साफ़ है.. मैं दिखने में स्मार्ट लगता हूँ।
मयूरी ने अपनी चूचियों की तरफ इशारा करते हुए शरारती मुस्कान डाली और फिर से विक्रम के सामने बैठ गयी. पर इस बार वो अपने पैर फैला कर बैठी जिससे विक्रम उसकी चुत के आस पास की जांघ को अच्छे से देख सके.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सादर प्रणाम! मेरा नाम सोनू कुमार है, मैं 22 साल का सांवला रंग, मैं दिखने में मध्यम शरीर का हूँ। उस समय मैं दक्षिण भारत में पढ़ता था और अपने घर बिहार छुट्टियों में आया हुआ था.
आप सभी पाठक जनों का तहेदिल से शुक्रिया!
मैं यहाँ अपनी दूसरी कहानी लिखने जा रहा हूँ। मेरी पहली कहानी यौन साथियों की अदला-बदली में मुझे बहुत सारे मेल मिले और उसके लिए शुक्रिया।
कहानी का पहला भाग: नव विवाहिता की कामुकता को अपने लंड से शांत किया-1
प्रेषक : राज शर्मा
दोस्तों, आज दिन भर मैं ऑफिस में सिर्फ मिक्की के बारे में ही सोचता रहा। कल जिस तरह से खूबसूरत घटनाएँ हुई थी, मेरे रोमांच का पारावार ही नहीं था। इतना खुश तो मैं सुहागरात मना कर भी नहीं हुआ था। मैं दिन भर इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि कैसे मिक्की और मैं एक साथ अकेले सारी रात भर मस्ती करेंगे। न कोई डर न कोई डिस्टर्ब करनेवाला। सिर्फ मैं और मिक्की बस।
मेरे पड़ोस की पर्दानशीं लड़की ने मुझ पर भरोसा करके मुझे मिलने के लिये बुलाया।
प्यारे दोस्तो, ये मेरी पहली स्टोरी है, मेरा नाम संजय है। उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को पसंद आयेगी, अभी तक मैंने जितनी स्टोरी पढ़ी हैं उनमें से कुछ ज्यादा ही झूठी लगी, क्योंकि कोई भी लड़की किसी का लंड जल्दी से मुँह में नहीं लेती है, अगर ले भी लेती है तो उसमें से जो वीर्य गिरता है उसे कोई चाटता नहीं है।
प्रेषक : संजय शर्मा
दीप ने मयूरी के कान में कहा- क्यों क्या हुआ? पसंद नहीं आये क्या मेरे भैया?
मैं लंच के बाद से सोच रही थी कि अंकल ने मुझे रूम में क्यों बुलाया होगा, लंच करते वक्त ही अंकल बोले थे कि नीतू दोपहर को मेरे रूम में आना, थोड़ा काम है.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैं अन्तर्वासना को करीबन आठ साल से पढ़ रहा हूँ।
वो पूरा निपुण खिलाड़ी था, कोई भी जल्द बाजी नहीं दिखा रहा था, उसने फर्श पर बैठकर मेरी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लिया और मेरी दोनों मक्खन जैसी चिकनी जांघों को एक एक करके चाटने लगा।
🔊 यह कहानी सुनें