मुँहबोली बहन की जबरदस्त चुदाई
प्रेषक : राजेश वानखेड़े
प्रेषक : राजेश वानखेड़े
प्रेषक : वही आपका प्यारा सनी
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आप सभी को मेरा नमस्कार.. मेरा नाम राहुल है, पटना का रहने वाला हूँ.. बिजनेस करता हूँ। मेरा अपना एक अच्छा ऑफिस है, मेरा प्लेसमेंट का काम है।
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सबसे पहले मैं आप सबको बता देती हूँ कि मेरा नाम सीमा है. मेरी उम्र 40 साल की है. फिगर बड़ा मस्त है.. एकदम सांचे में ढला हुआ, ये 32-36-38 का कटाव लिए हुए है. ख़ास बात ये कि मैं एकदम दूध सी गोरी और मक्खन सी कोमल हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 3 इंच है, मैरिड हूँ. मेरे पति का जॉब विदेश में होने के कारण वे मुझसे अलग बाहर ही रहते हैं. मैं यहां अपने बेटे के साथ रहती हूँ.. लेकिन लास्ट ईयर से बेटा पढ़ाई के कारण हॉस्टिल में रहने लगा है, सो अभी मैं अकेली ही रहती हूँ.
प्रेषक : राजवीर
दोस्तो, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है, यह कहानी मेरी जिंदगी की सच्ची कहानी बयान करती है, उम्मीद करती हूँ कि आपको पसंद आएगी! और हाँ, कहानी पढ़ते हुए अपने लंड का हाथ में लेकर मेरे नाम की मुट्ठी मारना मत भूलिएगा और लड़कियाँ भी अपनी चूत में उंगली डालकर अपनी चूत का पानी निकाल लेना, वरना क्या पता कब तक किसी लंड का इंतज़ार करना पड़े।
दोस्तो आ गई मैं नए पार्ट के साथ, अब कहानी में अलग मोड़ आ गया है तो चलो देखते हैं आगे क्या हुआ. जहाँ पिछला पार्ट खत्म हुआ था, वहीं से शुरू करते हैं.
चूतनिवास
प्रेषिका : आशा
दोस्तो, मैं संजू आप के लिए लेकर आया हूँ अपनी ज़िन्दगी की एक सच्ची कहानी ! सबसे पहले मैं अपना परिचय करवा दूँ !मैं हरियाणा के जींद शहर का रहने वाला हूँ, कद 5’11” देखने में अच्छा दीखता हूँ।
मैं परीक्षित… एक पाठक ने मुझे अपनी पत्नी की सेक्स समस्या भेजी है, उन्हीं से सुनिए –
दोस्तो, मैं सुशांत एक बार फिर आपके सामने अपनी नई कहानी लेकर हाजिर हूँ.. मैं उम्मीद करता हूँ कि मेरी पिछली कहानी की तरह आप लोगों को मेरे यह कहानी भी अच्छी लगेगी।
हैलो दोस्तो,
लेखक : प्रेम गुरू
आपने मेरी पिछली दो कहानियाँ ‘गेहूँ की सिंचाई’ और ‘गेहूँ की सिंचाई का फल’
सेक्स कहानी का पिछला भाग : इश्क विश्क प्यार व्यार और लम्बा इन्तजार-1
यह कहते हुए मैं बाथरूम गया और वहाँ से हेयर आयल की बोतल उठा लाया। फिर मैंने कुछ तेल उसकी गाण्ड के छेद पर डाला और कुछ अपनी उंगलियों पर लगा कर उसके छेद पर फेरने लगा। फिर मैंने अपनी एक उंगली उसके छेद में अन्दर कर दी।
मैं राज हूँ. मैं सूरत से हूँ. एक दिन की बात है, जब मैं ऑफिस में था, मेरे बॉस केबिन में बैठे थे. बॉस बड़े ही अच्छे और शान्त स्वभाव के इंसान हैं और बातचीत में भी अच्छे हैं.
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प्रेषिका : उषा मस्तानी
मैं फोटो देखते हुए सोचने लगी कि काश मुझे मिल जायें ऐसे लंड तो मेरी चूत की तो लाइफ बन जाए और चुदवाने में और भी मज़ा आएगा आख़िरकार जो टक्कर होगी तो बराबरी की होगी।