बरसात का एक दिन
प्यारे दोस्तो,
प्यारे दोस्तो,
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. मैं एक सामान्य परिवार से हूँ। मैं आज अपना एक अनुभव आपको बताना चाहता हूँ।
दोस्तो, मैं राहुल, मुज़फ़्फ़रपुर का रहने वाला हूँ, मेरी तरफ़ से आप सभी दोस्तों, भाभी और आंटी, लड़कियों को नमस्कार!
बात उस समय की है जब मैं 12 वीं में पढ़ता था, मेरी क्लास में एक स्वाति नाम की लड़की भी पढ़ती थी, उसका फिगर 28-32-36 का था.. जिसको देख कर क्लास का हर लड़का मुठ मारता था, वो भी सबको देखकर मुस्करा देती थी, मैं भी कई बार उसके नाम की मुठ मार चुका था, आए दिन मैं उसको सपने में चोदता था।
प्रेषक : हरीश महरा
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मैंने उसकी गर्दन के पीछे अपना हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींचा, वो भी बड़े आराम से मेरी तरफ आई और अगले ही पल उसके रसीले होंठ मेरे होंठों की गिरफ्त में थे।
सवेरे मैं सुस्ती में उठी… अलसाई सी बाहर बरामदे में आ गई और कसमसाते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए अपने बोबे को पूरा बाहर उभारते हुए अंगड़ाई ली… कि पीछे से एक सिसकारी सुनाई दी- आरती जी… ऐसी अंगड़ाई से तो मेरे दिल के टांके टूट जायेंगे…! गुड मॉर्निंग…!’ साहिल मुसकराता हुआ बोला.
इमरान
कहानी का पहला भाग: बेटा और देवर-1
हैलो दोस्तो, मैं जिया फ़िर एक बार आपके सामने आई हूँ एक चुदाई की दास्तान लेकर!
दोस्तो.. मेरा नाम है चन्द्रभान है.. मेरे दोस्त मुझे राहुल भी कहते हैं.. मेरा लंड 6 इंच लंबा और 3.5 मोटा है।
Lambi Choot Chudai-3
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मेरा नाम साहिल है। आज मैं आपको एक काल्पनिक कथा सुनाने जा रहा हूँ जो मैंने सोची तो है, पर असल में यह संभव नहीं हो पाई।
प्रेषक : संजू बाबा
प्यारे दोस्तो, मैं लव शर्मा एक बार फिर हाज़िर हूँ. अपने जीवन के एक और सत्य घटनाक्रम को एक कहानी के माध्यम से आप तक पहुँचाने के लिए.
यह सेक्स स्टोरी मेरे एक प्रशंसक की है, उसने कैसे एक साथ दो स्कूल गर्ल के साथ सेक्स किया.
दोस्तो.. अभी तक आपने पढ़ा..
खाली जेब और तंगहाली वैसे तो एक अभिशाप है, लेकिन मेरे जैसे कई किस्मत वाले होते हैं, जो इसी तंगहाल फाकामस्ती में अपना रास्ता खोज कर बेफिक्र जिंदगी जीते हैं. माँ बाप कब चल बसे, मुझे खुद नहीं पता, किसी रिश्तेदार का मुँह कभी नहीं देखा, बस खुद को जब से याद करता हूँ तो एक जोड़ी कपड़े में आधे भूखे पेट ही याद करता हूँ.
नमस्कार मित्रो, मैं आपका दोस्त जयेश मेरी आपबीती के साथ आपकी खिदमत में हाजिर हूँ। आशा है आप सभी तंदरुस्त होंगे और साथ ही आप जोरों में चुदाई भी कर रहे होंगे।
किराए का कमरा और पी जी की लड़कियाँ-1
भाभी बोली- ठीक है, नहीं बोलूंगी!! अब जाओ और मुझे पढ़ने दो, रात को नौ बजे आना, मैं तुम्हें तुम्हारी किताब वापस कर दूंगी!
अब तक आपने पढ़ा..
“अभी बैठे-बैठे तेरी बहन के बारे में सोच रहा था। झेल पायेगी उसकी चूत।” वह लहराती हुई आवाज में बोला और ऐसे तो मुझे आग लग गयी लेकिन मेज पर रखे कट्टे की तरफ देख कर मेरे अंदर उठा गुस्से का गुबार झाग की तरह बैठ गया।