संतान के लिए परपुरुष सहवास -3
कहानी का पहला भाग : संतान के लिए परपुरुष सहवास-1
कहानी का पहला भाग : संतान के लिए परपुरुष सहवास-1
मेरे प्रिय पाठको,
दोस्तो, आज आपके लिए पेश है एक बहुत ही पुरानी कहानी।
🔊 यह कहानी सुनें
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पायल शर्मा है, मैं अन्तर्वासना की नई पाठक हूँ। यह मेरी पहली कहानी है और यह सच्ची घटना है। आप इस कहानी को पढ़ कर मुझे मेल ज़रूर करना कि यह आपको कैसी लगी।
मैं अजय शर्मा इंदौर में रहता हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। लगभग सारी प्रकाशित कहानियाँ मैंने पढ़ीं हैं। आज मैं पहली बार अन्तर्वासना में अपने जीवन की एक वास्तविक घटना प्रकाशित करने के लिए भेज रहा हूँ। आशा है आदरणीय गुरूजी इसे प्रकाशित करेंगे।
मैं 21 साल की हूँ. अभी मैं कॉलेज में पढ़ रही हूँ. मेरा कद 5’5″ है, मेरी चूचियाँ मोटी मोटी हैं, मेरा रंग गोरा, मेरी गांड एक दम भरी हुई है. मेरे तीन बॉयफ्रेंडस रह चुके हैं और तीनों से मैंने चुदाई करवाई हुई है तो मेरा बदन एक दम भरा भरा है.
नमस्कार दोस्तो… मेरी पिछली कहानी
प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए
मेरा नाम सौरभ (बदला हुआ) है, मैं अन्तर्वासना डाट कॉम का बहुत बड़ा फ़ैन हूँ। यहाँ के अनुभवों से ही मैंने लड़की को लाइन में ला कर चुदाई करना सीखा है। इस चीज़ के लिए मैं अन्तर्वासना डाट कॉम का तहेदिल से शुक्रगुज़ार हूँ।
प्रेषक : संदीप
मेरा नाम राहुल है और मैं अहमदाबाद से हूँ. मेरी उम्र बीस साल है. मैं अन्तर्वासना की सेक्सी कहानी का लंबे समय से पाठक रहा हूँ. मेरी यह कहानी मेरी मामी के साथ हुए सेक्स की है.
🔊 यह कहानी सुनें
मेरा नाम कमल सेन है.. अपनी पढ़ाई के लिए मैं पार्टटाइम जॉब हेतु महिलाओं के जिस्म की बॉडी मसाज का काम करता हूँ। अपने काम से मैंने कई मेमों.. गर्ल्स को खुश किया है.. उनके बदन का दर्द हो या चूत का.. दोनों को मैं पूरी मेहनत से दूर करता हूँ।
सम्पादक – इमरान
मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग
अंतर्वासना के सभी दोस्तों, भाभियों, आंटियों और लड़कियों को नमस्ते के साथ-साथ उनकी चूत को भी ढेर सारा प्यार और चूत में उंगली!
प्रेषक : नवीन सिंह
🔊 यह कहानी सुनें
हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम अभिषेक है, मैं नागपुर से हूँ और एक नामचीन कंपनी में एच आर हूँ। आज मैं आप सबके सामने अपनी रियल लाइफ की घटना लेकर आया हूँ। ये सत्य घटना होने की वजह से थोड़ी लंबी है.. पर बड़ी रसीली है।
यह चोदन कहानी तब की है जब मैं 12 वीं में पढ़ता था। मैं घर से दूर कमरा किराये पर लेकर रहता था।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे सारी कहानी सुना चुकने के बाद रज़िया ने अपनी माँ से अपनी तुलना करते हुए अपनी बदनसीबी ज़ाहिर की थी कि उसे ज़मीर अंकल जैसी कोई सुविधा नहीं और मैंने सवाल पूछा था कि क्या मैं उसके “काश” का जवाब बन सकता था।
मैं- भाभी.. मुझे भी आपके साथ नहाना हे।
दोस्तो, मेरा नाम सीमा सिंह है, मैं 30 साल की एक खूबसूरत शादीशुदा औरत हूँ।
कहानी का पहला भाग : सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-1