अरमान पूरे हुए… -2
जैसे ही राशि के पेपर हो गए और राशि फिर से अपने शहर आ गई। अपने शहर में आते ही राशि को बेहद खालीपन महसूस होने लगा। उसको रेखा के साथ का मज़ा सताने लगा। चूत का कीड़ा उसको अब बेहद बेचैन रखता था। उसकी निगाहें अब सिर्फ लण्ड देखने को बेचैन रहती थी। वो उस आग में जल रही थी जिसे सिर्फ और सिर्फ एक मस्त लण्ड ही ठंडी कर सकता था। वो हर रात अपनी पैंटी उतार कर अपनी चूत रगड़ती और अपना पानी निकालती।