चोली तंग हो गई
लेखिका : नेहा वर्मा
लेखिका : नेहा वर्मा
यह कहानी मेरी एक परिचिता की है.. सीधे उनकी स्मृतियों के झरोखों से उनकी कलम से उनकी कहानी को जानिए।
दोस्तो, मैं अपनी सच्ची कहानी आपको बता रहा हूँ। मेरा नाम संदीप है, करनाल का रहने वाला, 23 साल का एक कुंवारा लड़का हूँ। वैसे मैं दिल्ली में कोचिंग ले रहा हूँ पर आजकल मैं करनाल में ही हूँ।
शेक्सपीयर जो अपने आपको बड़ा चाचा चौधरी समझता था, उसने कहा कि बेशक गुलाब को अगर गुलाब की जगह किसी और नाम से पुकारा जाता तो क्या वो ऐसी भीनी भीनी खुशबू नहीं देता?
कपड़े पहन कर हम वहाँ से निकले लेकिन मैंने जाने से पहले चौकीदार को 10 रूपए इनाम में दिये।
दोस्तो.. मेरा नाम शीतल है और मैं एक बड़ी कंपनी में काम करती हूँ। मैं एक अन्तर्वासना की पाठक हूँ.. तथा हर रोज़ इस वेबसाइट पर कहानियाँ पढ़ती हूँ।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे राशिद ने हम दोनों को अपने कमरे में बुलाया और कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म दिखाने लगा।
लेखिका : उषा मस्तानी
मेरी इंडियन सेक्स कहानी के पिछले भाग
मैं रामनगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 वर्ष हो रही है। मेरे परिवार में मात्र तीन लोग रहते हैं, मैं, मेरी माँ और मेरी पत्नी!
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प्रेषक : राजवीर सिँह प्रेम
हैलो हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले सभी दोस्तो, मैं 32 साल का विक्की, पूना से आप सभी से मुखातिब हूँ। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ.. आज इधर मैं भी अपनी पहली सेक्स स्टोरी लेकर आया हूँ।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम प्रवीण है, 24 साल। मैंने हाल ही में अपनी इंजीनियरिंग के चार साल पूरे किये हैं और M.Tech का छात्र हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं आज सोच रहा हूँ, अपनी एक कहानी आप सभी के साथ शेयर कर लूँ।
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यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसके चक्कर में मुझे न जाने क्या क्या करना पड़ा। उस लड़की के चक्कर में मुझे एक ठरकी औरत की लेनी पड़ी क्योंकि वो लड़की उसके साथ एक ही फ्लैट में ही रहती थी।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे सारी कहानी सुना चुकने के बाद रज़िया ने अपनी माँ से अपनी तुलना करते हुए अपनी बदनसीबी ज़ाहिर की थी कि उसे ज़मीर अंकल जैसी कोई सुविधा नहीं और मैंने सवाल पूछा था कि क्या मैं उसके “काश” का जवाब बन सकता था।
आसाम की हरी भरी वादियां और जवान दिलों का संगम… किसको लुभा नहीं लेगा। ऐसे ही आसाम की हरी भरी जगह पर मेरे पति का पदस्थापन हुआ। हम दोनों ऐसी जगह पर बहुत खुश थे। हमे कम्पनी की तरफ़ से कोई घर नहीं मिला था, इसलिये हमने थोड़ी ही दूर पर एक मकान किराये पर ले लिया था… उसका किराया हमें कम्पनी की तरफ़ से ही मिलता था।
इस हिन्दी सेक्स स्टोरी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मैं अपने बॉस से कई बाद चूत चुदवा कर अपने होटल के कमरे में आई, जहाँ मेरे ससुर मेरा इंतजार कर रहे थे, मुझे देखते ही मुझे अपने से चिपका लिया और बोले- कैसा रहा तुम्हारा काम?
सम्पादक जूजा
Padosan Aunty ki Choot Faad Di-2
मेरी मॉम की चुदाई की स्टोरी के पिछले भाग
दोस्तो, मेरा नाम बिलकीस है और मैं दिल्ली में रहती हूँ।
अब तक आपने आश्रम से जुड़े रहस्यों के बारे में पूर्ण रूप से जान लिया।
दोस्तो, मैं निखिल पाठक आपकी खातिरदारी में फिर से हाजिर हूँ. सबसे पहले सभी गर्म चूत की मालकिनों को मेरे खड़े लंड का सलाम. मेरी पिछली कहानी