सपने में चूत चुदाई का मजा -3
अब तक आपने पढ़ा..
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प्रेषक : विकास कुमार
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मेरी गन्दी कहानी में पढ़ें कि मैंने पड़ोसी को गांड चुदाई सिखाया और बदले में इनाम में पड़ोसन की गांड की चुदाई करने को मिल गई.
Couple Swap Party कपल स्वैप पार्टी
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अब तक आपने मेरी इस सेक्स स्टोरी में पढ़ा था कि संजय और टीना समेत सभी दोस्त शाम को पार्टी में फ्लॉरा का इन्तजार कर रहे थे।
मेरा नाम जसप्रीत है.. मैं कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके अपना काम कर रहा हूँ। मेरा जिस्म बाकी लोगों की तरह ठीक है.. लेकिन मुझे मुठ्ठ मारने का चस्का स्कूल में ही पड़ चुका था.. इसलिए मेरा लंड काफ़ी बड़ा हो गया है।
जब मैं अश्वनी से फ्री हुई तो देखा कि सब अपने अन्तिम पड़ाव में हैं और सभी औरतें लंड से निकलने वाले रस चाटने का मजा ले रही हैं।
फारूख खान
हमारे गाँव में पवन के पिताजी की करियाने की दुकान थी। वह अपने पिताजी की तरह मोटू व अकड़ू था। मेरे पिताजी नगर की नगरपालिका में क्लर्क थे, रोज छः किलोमीटर साइकिल चला कर दफ़्तर जाते और शाम को घर लौटते। पवन के अतिरिक्त हमारे साथ में वह भी खेलती थी- पड़ोस की हमउम्र नाजुक-नरम सी लड़की।
करीब 15 मिनट तक लौड़ा चूसने के बाद उसने मेरा सिर पूरी ताक़त से अपने लंड के ऊपर दबा दिया.. उसका सुपारा मेरे गले के द्वार पर था.. और ये क्या..
दोनों हसीनाएँ मेरे हाथ के ऊपर अपना सर रख कर और अपनी एक-एक टाँगों को मेरी टाँगों के ऊपर रख कर लेट गईं और हम तीनों ही जल्दी ही गहरी नींद में सो गए।
आकाश शास्त्री
अब तक आपने आश्रम से जुड़े रहस्यों के बारे में पूर्ण रूप से जान लिया।
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दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को कुणाल सिंह खड़े लण्ड से प्रणाम करता है।
सुबह आठ बजे करीब रचना ने मुझे उठाया तो वो नहा धोकर कपड़े पहन कर तैयार हो चुकी थी और अपने और मेरे लिये चाय लिये हुए थी।
मैं उस नये लड़के को नहीं जानती थी लेकिन रघु को तो जानती थी, कई बार कल्पनाओं में उसके नीचे खुद को मसलवा चुकी थी और उसके लिंग को अपनी योनि में ले चुकी थी।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रंजीत वालिया है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.. मैं एक कंप्यूटर इंजीनियर हूँ।
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मैंने बड़ी मुश्किल से आंखें खोल कर ध्यान से उसके हाथों को देखा, उसकी हरेक उंगली मेरे पति के लौड़े जितनी मोटी थी। जब उसने उंगली का बाकी तीसरा हिस्सा भी अंदर सरका दिया तो उसके रूखेपन ने मेरी जान ही निकल दी। मज़ा एक बार फिर तेज़ दर्द की एक लहर में बदल गया।
मेरी चुदाई की हिन्दी कहानी के पिछले भाग
प्रेषक – आकाश भट्ट