बदले की आग-6
अगले दिन मुन्नी के पति वापस आ गए और 5-6 दिन बिना किसी हंगामे के निकल गए।
अगले दिन मुन्नी के पति वापस आ गए और 5-6 दिन बिना किसी हंगामे के निकल गए।
नमस्कार दोस्तो, यह मेरी पहली धमाकेदार सच्ची कहानी है जिसे मैं खुद अगर याद करूं तो लंड फूल जाता है, हाथ खुद व खुद चड्डी में घुस जाता है और पजामा ऊपर सरक जाता है.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम लव है, मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 21 साल है, लंबाई 6 फिट है और मेरे लंड की साइज लगभग सात इंच और मोटाई ढाई इंच है. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. ये कोई कहानी नहीं, मेरी जिंदगी की सबसे हसीन याद है, जिसको मैं आप सभी को बताना चाहता हूँ.
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जब मैने गौरी की बड़ी बहन रानी और बड़े भाई से सब गुप्त ज्ञान ले लिया तो मुझे भी चूत और गांड मारने की इच्छा होने लगी। अब बस मैं गौरी के बारे में ही सोच रहा था की किसी दिन वो मेरे पास सो जाए। क्योंकि गौरी की बड़ी बहन की बात मेरे मन में घर कर गई थी। अब तो गौरी मुझे और भी अच्छी लगने लगी थी। बस अब तो मैं गौरी की चूत को और गांड को मारना चाहता था। पर ऐसा हुआ नही। क्योंकि उसके मम्मी और पापा बहुत सख्त है।
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होटल से खाना खाकर हम वापिस अपने कमरे में आ गए।
अब तक आपने पढ़ा..
दोस्तो, मेरा नाम रवि है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ।
अब तक आपने पढ़ा था कि शादी के बीच में लाइट चली जाने से मेरे कजन निहाल ने मेरी चूत में आग लगा दी थी और उसके बाद किसी एक और ने मेरी गांड भी गरम कर दी थी, तभी लाइट आ जाने से मैं चुदासी कुतिया से लंड ढूँढने में लग गई थी. तभी मानकपुर के स्टोर वाला शादी में आ गया और उसके साथ दो नीग्रो और एक सेठ का लौंडा भी आ गया था.
प्रिय मित्रो आप सब को मेरा नमस्कार !
एक बार गणित के शिक्षक ने पप्पू को बुलाया और अपनी कापी चेक कराने के लिए कहा।
दोस्तो, मैं आपकी प्यारी प्यारी दोस्त प्रीति शर्मा। आज मैं वैसे ही खाली बैठी थी, तो मैं फ्री टाइम पास करने के लिए एक पॉर्न साईट देखने लगी, उसमें मुझे एक पोर्न वीडियो देखने को मिली, मगर उस वीडियो ने मेरे पुराने जख्म हरे कर दिये, मुझे उन दिनों की याद दिला दी जब मैं अपने पति के बिज़नस डूब जाने पर मजबूरी में रंडी भी बनी थी। तब शिप्रा मैडम की मदद से मुझे कुछ ग्राहक भी मिले।
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यह देसी कहानी मेरे और मेरी बचपन की दोस्त पूनम (काल्पनिक) की है. वो एक सांवली सी देसी लड़की थी और उसके चूचे छोटे छोटे नींबू जैसे लेकिन बहुत सख्त थे. हम दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हैं और एक दूसरे से बहुत प्यार भी करते थे. स्कूल के दिनों में हम रोज किस किया करते थे पर कभी आगे कुछ नहीं कर पाए. मैं हमेशा उसको चोदने के सपने देखा करता था. स्कूल के बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए देहरादून आ गया.
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हाय दोस्तो! कैसे हो आप सब?
हैलो, मैं तनिष्क़ हूँ. आपने मेरी पहली वाली कहानी
दोस्तो, इसमें कोई शक नहीं कि चूत चुदाई कहानी की बेस्ट साईट अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी है. मैं इसे कई साल से पढ़ रही हूँ.
अब तक आपने पढ़ा कि सुनील और महेश मुझे अपनी फोरचूनर गाड़ी में डाल कर मेरी जवानी को टच कर रहे थे. उन्होंने मेरी पेंटी उतार कर फेंक दी थी और मुझे चुदाई के लिए अपने बंगले पर ले जाने के लिए मेरी मम्मी से भी परमीशन ले ली थी. जबकि मेरी मम्मी को राज अंकल के जरिये उन दोनों ने ये बताया था कि मेरी तबियत ठीक नहीं है और मैं आराम करने उनके साथ उनके बंगले पर जा रही हूँ.
प्रेषक : शशांक
अब तक आपने पढ़ा..
लेखक : सनी
हैलो, मेरा नाम हनी है, मैं पंजाब से हूँ।