जवानी चार दिनों की-1
लेखक : राज कार्तिक
लेखक : राज कार्तिक
ये ममेरी बहन की चुदाई कहानी पूरी तरह से काल्पनिक सोच पर आधारित है.
‘वो मेरा काम है, कल रात को तेरा उदघाटन करना है, यह समझ कल तेरी सुहागरात है।’
नमस्कार अन्तर्वासना की ख़ूबसूरत पाठिकाओं और पाठको, मैं इस हिन्दी सेक्स कहानी में अपनी अन्तर्वासना के बारे में बताने जा रहा हूँ। गोपनीयता के लिए अपना नाम मैंने बदल लिया है। मेरा नाम स्काई है। मैं दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद में रहता हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। मेरा शरीर औसत है और मेरे लंड की लम्बाई 6″ है और मोटाई लगभग 3″, मतलब इतनी कि किसी भी महिला को खुश कर सके। खैर मैं कहानी पर आता हूँ अब!
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कहानी का पिछ्ला भाग: गाँव की गोरी और डॉक्टर-1
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प्रेषक : अमित मुख़र्जी
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ममेरी बहन की और भाभी की चूत की चुदाई-1
शम्मी सो चुकी थी। श्याम के सात बज चुके थे। मेरे दोस्त के आने का भी समय हो चुका था। मैंने अपने दोस्त को फ़ोन करके सब बता दिया था। वो ठीक सात बजे आ गया। शम्मी नंगी ही सो रही थी।
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों का ढेर सारा प्यार मिला उनके ई-मेल के ज़रिये ! काफी अच्छा लगा इतने सारे ईमेल देख कर ..
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इस कहानी के पिछले भाग
गर्लफ्रेंड की अदला बदली करके चुदाई की तमन्ना-1
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार.. मेरा नाम देवेश है और मैं उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर से हूँ। यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है देवर भाभी सेक्स की!
पिछले पार्ट से आगे..
अभी मैं सोच ही रहा था कि एक और बारात गुजरने लगी। उसी में से एक उम्र में मुझसे थोड़ा बड़ा लड़का मेरे पास आया।
अन्तर्वासना हिंदी सेक्सी कहानी पढ़ने वाले मेरे दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है, यह सेक्सी कहानी मेरी पड़ोस की एक भाभी की चूत की चुदाई की है।
यह करीब तीन महीने पहले की बात है. मैं अपने पति से बहुत परेशान हो गयी थी क्योंकि वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते थे और जल्दी ठंडे हो जाते थे. क्योंकि मेरे पति का हथियार बहुत छोटा था, सिर्फ तीन इंच का और बहुत ही पतला था. मेरी हॉट चुत चुदाई की आग में जलती रह जाती थी और कुछ भी नहीं कर पाती थी. मैं बस तड़प कर रह जाती थी. पर मैंने ऐसे ही जीना सीख लिया था. मैं चुदाई की आग में अपनी खूबसूरती भी खोती जा रही थी. मेरे पति हफ्ते में एक बार ही मेरे साथ सेक्स करते थे. और मुझे तो रोज चुदाई करने की जरूरत महसूस होती थी. मैं अपनी गर्म चूत में कभी खीरा तो कभी मोमबत्ती डाल कर उसकी प्यास बुझाती थी. चुदाई में मेरे नकारा पति से भी कुछ नहीं होता था.
प्रेषक : कुमार बोसोन
लेखक: माइक डिसूज़ा
अब तक आपने पढ़ा था कि भाभी ने अपनी चूत में मेरा लण्ड ले लिया और अब वो अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनना चाहती थीं। सो मैंने उनकी सुन्दरता के बारे में कहना शुरू किया।
नमस्कार दोस्तो, मेरी पहली कहानी मीना के साथ बिताये रंगीन पल-1 की प्रतिक्रिया में मुझे आपके बहुत सारे ईमेल मिले।
सन्ता का दोस्त बन्ता कई साल बाद उसके घर आया।