बस के सफर से बिस्तर तक-3 Adult Story
एडल्ट स्टोरी का पिछला भाग : बस के सफर से बिस्तर तक-2
एडल्ट स्टोरी का पिछला भाग : बस के सफर से बिस्तर तक-2
अभी तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी प्यारी नेहारानी का प्यार और नमस्कार।
अगला भाग:
हमारे ऑफिस में मेरे साथ बहुत से लड़के भी काम करते हैं। उनमें से कई शादीशुदा हैं और कई कुँवारे।
हैलो.. यह मेरे दोस्त की छोटी बहन की चुदाई की कहानी है.. आज से 2-3 महीने पहले जब मैं 2 साल बाद अपने गाँव गया हुआ था.. तो सुबह मैं गाँव के चौंक पर अपने फ्रेंड से मिलने गया हुआ था.. उसी वक्त गाँव के हैण्डपंप पर मुझे एक खूबसूरत सी लड़की पानी भरते नज़र आई। उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि इस यहीं पकड़ कर चोद दूँ..
कहानी का पिछला भाग : मेरी जवान भानजी ने मेरी बेटी की कुंवारी बुर दिलाई
तो दोस्तो, पिछले भाग में आपने मेरे और मेरी चाची के बारे में जाना और कैसे मैं चाची के घर पहुँचा.. और किस तरह मैंने चाची को सिड्यूस किया।
दोस्तों मेरा नाम दलबीर सिंह है और दिल्ली में रहता हूँ। और पेशे से डाक्टर हूँ। मेरी उम्र अब 35 साल है। मैं अंतरवासना का पिछले 4 साल से पाठक हूँ।
यूं तो अन्तर्वासना पर बहुत अच्छी-अच्छी कहानियां आती हैं पर यहां औसत कहानियां भी मिलती हैं, कुछ तो कल्पना की अधकचरा सी उड़ान होती हैं जिसमें नायक बस जाते ही, जानी-अनजानी सी नायिका की योनि में अपना लिंग प्रवेश करवा कर फ़टाफ़ट अपना वीर्य-स्खलन करवाता है और फिर पाठकों से अपनी कहानी पर राय माँगता है।
बात बहुत पुरानी है पर आज आप लोगों के साथ बांटने का मन किया, इसलिये बता रहा हूँ।
अभी हमारी सुहागरात का पहला सप्ताह ही था, मेरी बीवी नीना मुझसे पूरी तरह खुल जाना चाहती थी ताकि वह् पूरी जिंदगी भरपूर चुदाई का मजा लेती रहे. संयोग से मैंने यह सवाल भी छेड़ दिया. लेकिन वह बड़ी मासूमियत के साथ बताने लगी अपनी पहली चुदाई की कहानी.
प्रेषक : समीर
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दोस्तो, मैं सुनील, अभी कुछ दिन पहले ही मैंने अपने कहानी भेजी थी, जिसका शीर्षक था, मेरी बीवी का जवाब नहीं!
बेचैन निगाहें-1
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. मैं एक सामान्य परिवार से हूँ। मैं आज अपना एक अनुभव आपको बताना चाहता हूँ।
इधर मैं सैंडविच खत्म कर चुका था..
मेरा नाम प्रीति है.. मैं अपने साथ हुई सबसे पहले चुदाई की कहानी लिख रही हूँ।
मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। मेरे दिमाग़ में एक बात चल रही थी- माँ चुदाए कुसुम.. आज मैं भाभी के साथ ही मज़े लूँगा!
दोस्तो, मेरा नाम हर्षित है. मैं पंजाब के होशियारपुर जिले का रहने वाला हूँ. मेरा रंग गोरा है और शरीर बिल्कुल लड़कियों की तरह है. मुझे बचपन से ही लड़कियों की तरह रहना पसंद है. जब मैं बड़ा हुआ तो उसके बाद मैं चोरी-छिपे लड़कियों की तरह तैयार होकर भी देखने लगा. जब भी मैं घर में अकेला होता था तो मैं सज-संवर कर तैयार हो जाता था.
मैं भी अन्तर्वासना के लाखों चाहकों में से एक हूँ। मैंने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। कुछ तो इतनी लाजवाब हैं कि पढ़ते-पढ़ते किसी का भी लण्ड खड़ा/चूत गीली कर दे।
प्रणाम दोस्तो, कैसे हो सब आप सब!
सलोनी- हाँ मामाजी.. आप सही कह रहे हैं… शाहरूख भाई ने होंठ चूसते हुए ही काफी अन्दर तक अपना लुल्ला डाल दिया था और फिर उतने लौड़े से ही मुझे चोदने लगे, उनका लण्ड मेरी चूत में अन्दर बाहर होने लगा। उन्होंने पेट पर सिमटी मेरी नाइटी को चूचियों से ऊपर तक उठा दिया और फिर मेरी दोनों चूचियों को कस कस कर अपनी बड़ी बड़ी हथेलियों में लेकर मसलने लगे।
सम्भोग-सुख को दुनिया के महानतम सुखों में भी सर्वोत्तम सुख की संज्ञा से परिभाषित किया गया है, हर जाति, हर क़ौम और हर विकाशशील व विकसित देश के सर्वोच्च बुद्धिजीवियों द्वारा नवाज़ा और अनुमोदित किया गया है। मानव जीवन की यह एक विशालतम वास्तविकता है, क्यूँकि किसी भी यौन-अतृप्त स्त्री या पुरुष के द्वारा मानव-कल्याण का कोई भी महत्वपूर्ण कार्य यथोचित रूप से सम्पन्न नहीं किया जा सकता।