साली को चोदा
ये कहानी आज से 6 महीने पहले की है जब हम अपनी दूसरी साली की शादी में गये थे बड़ौदा, मेरी पहली साली की शादी को 6 महीने हुए थे।
ये कहानी आज से 6 महीने पहले की है जब हम अपनी दूसरी साली की शादी में गये थे बड़ौदा, मेरी पहली साली की शादी को 6 महीने हुए थे।
दोस्तो.. मैं वरुण राय जयपुर में पढ़ने आया हूँ और किराए से कमरा लेकर रहता हूँ। पढ़ाई के मैं साथ पार्ट टाइम जॉब करता हूँ।
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दोस्तो नमस्कार.. मैं प्रवीण हरियाणा से.. अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आपके सामने आया हूँ।मैं एक इन्जीनियर हूँ.. और मैं पूना से नौकरी छोड़ कर नोएडा (उ:प्र) में आ गया था। मुझे यहाँ एक अच्छी नौकरी मिल गई थी। आपको बताना चाहता हूँ कि मैं सेक्स का सुल्तान हूँ और अपनी मलिकाओं की पूजा करता हूँ। चूंकि मेरे लण्ड का साईज 7″ लम्बा और 3″ मोटा है.. तो मैं उन्हें पूरी तरह सन्तुष्ट करके ही दम लेता हूँ।
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हेलो दोस्तो !
मैं- सब्ज़ी का तो काकी कुछ बोली नहीं…हाँ, कलमी आम चूसे बहुत दिन हो गए?
लेखिका : मन्दाकिनी
यह उस समय की बात है जब मैं 20 साल का था। मैं तब लॉ की पढ़ाई कर रहा था।
नमस्कार मित्रो,
माँ क़सम, उसको चोदने में मुझे जो मजा आया, मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता. क्योंकि मुझसे चुदने की क्रिया उसने नहीं छोड़ी थी.
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि ट्रेन में एक लड़की मिली जिसे मुझे अपनी बर्थ पर बैठाना पड़ा।
प्रेषिका : श्रेया आहूजा
नमस्कार दोस्तो, उम्मीद करता हूँ कि आप सब लोग अच्छे से अपनी ज़िन्दगी गुज़ार रहे होंगे. तो सबसे पहले मैं अपना परिचय आपसे करवा देता हूँ, मैं 22 साल का स्मार्ट, इंटेलीजेंट और दिल का एकदम साफ़ इंसान हूँ, जो हमेशा सबको खुश रखना चाहता है. मैं बैंगलोर के टॉप कॉलेज से अपनी इंजीनियरिंग कर रहा हूँ. वैसे तो मैं लड़का हूँ लेकिन मेरी टांगें और मेरा फिगर एकदम लड़कियों जैसा है. मेरी टांगों की वजह से बचपन से लेकर अब तक मेरे काफी दोस्तों ने मुझ पर ट्राई किया है. कमाल की बात तो यह है कि बहुत लड़कियों ने भी मुझे प्रपोज किया है. उनको शायद मेरे लुक्स और मेरे नेचर ने आकर्षित किया था.
प्रेषक : अंशु
नमस्कार दोस्तो, आप सभी का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ, अन्तर्वासना की टीम का धन्यवाद करता हूँ जो समय समय पर हमें आपके रूबरू करवाते हैं. अन्तर्वासना सबसे बढ़िया मंच है आपके साथ अपने सेक्स के तजुर्बे सांझे करने का.
कार में वसुन्धरा ने मुझसे कोई बात नहीं की अपितु सारे रास्ते वसुन्धरा अधमुंदी आँखों के साथ मंद-मंद मुस्कुराती रही, शायद उन लम्हों को मन ही मन दोहरा रही थी. वसुन्धरा के रुख पर रह-रह कर शर्म की लाली साफ़-साफ़ झलक रही थी. वसुन्धरा की आँखें बार-बार झुकी जा रही थी, होठों पर हल्की सी मुस्कान आ गयी थी और माथे पर लिखा 111 कब का विदा ले चुका था, आवाज़ में से तल्ख़ी गायब हो चुकी थी और उस के हाव-भाव में आक्रमकता की बजाये एक शालीनता सी आ गयी थी.
हैलो मेरा नाम समीर है लोग मुझे प्यार से राज कहते है, जोधपुर में रहता हूँ और एक बहुत बड़ी कंपनी में मार्केटिंग मैंनेजर हूँ।
हैलो दोस्तो,
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा
मेरा नाम सुजाता है, मैं अपनी एक सहेली की सेक्स स्टोरी बताती हूँ. उसका नाम रंजना है, आगे की स्टोरी उसी की जुबानी सुनिए.
रात के 11 बज रहे थे, मैं अंदर आ गया और एक मूवी लगाई और देखने लगा।
मैं अपनी सहेली की उत्तेजना पर मुस्कुरा पड़ी- ठीक है रानी, पहले एक एक पेग और हो जाए ! पहले पेग पीएँगे फिर मैं तुझे चोदूँगी। देख तेरी चूत कैसे फड़फडा रही है चुदने से पहले !
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा यानि शीलू का प्रणाम…
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार मैंने कई एडल्ट साइट पर कहानियाँ पढ़ी और लिखी हैं पर जितना मज़ा अपनी हिन्दी भाषा में है उतना मज़ा और कहाँ… अन्तर्वासना की कहानियाँ मुझे बेहद पसंद है।