चुपके चुपके चूत चोदने का मजा
मेरा नाम प्रफुल्ल है.. अभी इंदौर में रहता हूँ। मुझे अन्तर्वासना पर लड़कियों की लिखी हुई हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है।
मेरा नाम प्रफुल्ल है.. अभी इंदौर में रहता हूँ। मुझे अन्तर्वासना पर लड़कियों की लिखी हुई हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है।
जो हन्टर, कामिनी सक्सेना
मेरा सिर नशे में बुरी तरह झूम रहा था और दिमाग पर नशे की जैसे एक धुँध सी छाई हुई थी।
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अब तक आपने पढ़ा..
दोस्तो.. मैं जूही फिर से आपके साथ, मैं इस वक्त उन दो विदेशी लौड़ों के बीच पड़ी थी मेरी चूत चुदने को एकदम फड़क रही थी।
मैंने कहा- डार्लिंग, अब तो कल तक के लिए यही हूँ, थोड़ी थकावट मिट जाये, फ़िर रात में जरूर उस तरीके से तुम्हें चोदूँगा।
नमस्कार दोस्तो, मैं राजेश आप का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ, और आप सभी का धन्यवाद करता हूँ कि अपने मेरी कहानियों को पढ़ कर मुझे बहुत प्यार दिया।
दोस्तो.. ये मेरी डायरी के कुछ पन्ने थे जो मैंने अपनी कामवासना के चलते आज फिर खोल लिए थे.. इसमें मेरी बीवी और मेरे दोस्त के साथ हम तीनों की चुदास का वर्णन लिखा है.. उसे पढ़ कर आप सब को सुना रहा हूँ.. आनन्द लीजिए।
नमस्कार दोस्तो, मैं अंश बजाज एक बार फिर से हाज़िर हूँ आप सबके बीच एक और सच्ची कहानी लेकर..
नमस्कार, मैं अनिल एक बार फिर से अपनी मस्त चाचियों की चुदाई की कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
लेखिका : कमला भट्टी
प्रेषिका : स्लिमसीमा
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैं गोरा हट्टा कट्टा फिट बॉडी का मालिक हूँ।
मेरे प्यारे दोस्तों और अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम नक्श कुमार है और मैं हरियाणा में रहता हूँ. मैं एक का आम सा दिखने वाला शहरी लड़का हूँ. रंग गेहुंआ, कद साढ़े पांच फुट है.
दोस्तो, मैं विवान.. मैं दिखने में एकदम गोरा तो नहीं हूँ.. पर काला भी नहीं हूँ.. मतलब गेहुआं से रंग का हूँ।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
दोस्तो, आज आपको एक और कहानी सुनाता हूँ। मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी, कई बार उसने मुझे अपने हॉस्टल में होने वाली अजीब ओ गरीब बातें बताई, जो सुनने में बड़ी रोचक थी।
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हमारे साथ जो कुछ गलत होता है, अनर्थ होता है। उसके पीछे हमारी गलत सोच ही अपनी अहम भूभिका निभाती है। हम अपनी गलती का कभी स्वीकार नहीं कर पाते और दूसरों पर दोष थोपकर किनारा कर जाते हैं।
दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी ‘केले का भोज’ को तहेदिल से पसंद किया।
अब तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना डॉट कॉम पर मेरे सखा-सखियों को सारिका कँवल का नमस्कार!
‘हवसनामा’ के अंतर्गत यह अगली कहानी एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जो उच्च स्तरीय सरकारी सेवा में है और ‘सेक्स’ के पैमाने पर बेहद साधारण रहा है, लेकिन एक मुकाम फिर ऐसा भी आया है जब उसने इस भूख को ठीक युवाओं की तरह महसूस किया है। आगे की कहानी, उन्हीं की जुबानी।
प्यारे पाठको !