खिड़की वाली भाभी
मेरा नाम संजू है, हरियाणा का रहने वाला हूँ पर पिछले दो साल से दिल्ली में रह रहा हूँ।
मेरा नाम संजू है, हरियाणा का रहने वाला हूँ पर पिछले दो साल से दिल्ली में रह रहा हूँ।
मेरा नाम गुरतेज सिंह है, मैं कुछ दिन पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी करके अहमदाबाद से भाई के पास लुधियाना आया हूँ।
दोस्तो, आपने मेरी दोनों कहानियों ‘जब कंडोम फट गया‘ और ‘तनहा लड़कियों औरतों की खुशियाँ‘ को बहुत पसंद किया इसके लिए मैं आपका शुक्र गुज़ार हूँ।
शायद रचना के साथ यह मेरी अन्तिम चुदाई थी।
इधर नीता मेरी टांगों के बीच बैठकर मेरी जीन्स खोल चुकी थी और मेरे लंड को चूम और सहला कर बड़ा कर रही थी।
दोस्तो, मेरा नाम सपन है। मैं दिल्ली में रहता हूँ और एक प्रा.लि. कम्पनी में काम करता हूं। अन्तर्वासना में यह मेरी पहली सेक्सी कहानी है। यह कहानी मेरी पहली गर्लफ्रैण्ड की है।
और यह बोलते हुए वो अपने दोनों पैर मेरे पैरों के दोनों किनारे रख कर मुझ पर बैठ गई और मेरे होठों को चूमना शुरू कर दिया। मैं भी उसके रेशमी बालों को सहलाते हुए उसे चूमने लगा और हम दोनों की प्रेमक्रीड़ा शुरू हो गई।
दोस्तो, मेरा नाम जगदीश चंद है, मैं संगरूर, पंजाब में रहता हूँ, उम्र 59 साल है, पत्नी का स्वर्गवास हो चुका है। एक नंबर का कंजूस आदमी हूँ और इसी तरह पैसे बचा बचा कर मैंने 4 मकान बना लिए हैं।
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मेरा नाम यश है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ. मैं कई दिनों से सोच रहा था कि अपनी एक सेक्स स्टोरी आप सभी दोस्तो को सुनाऊं. इससे पहले मैं आगे बढूँ, पहले में अपने बारे में बता दूँ.
दोस्तो, मैं पिछले सात सालों से लगातार अन्तर्वासना का पाठक रहा हूँ. इधर की काफ़ी सेक्स कहानियां पढ़ पढ़ कर मुठ मारने की तो अब आदत सी हो चुकी है. मेरे लिए कोई भी दिन बिना सेक्स कहानी के काटना मुश्किल होता है. रचनाकार के तौर पर यह मेरी पहली कहानी है. यह कहानी बिल्कुल वास्तविक है. इस घटना ने मुझे और मेरे लंड को हिलाके रख दिया था.
Bua Bhatiji Ka Choot Yuddh
प्रेषक : अमित
प्रेषक : यगनेश
प्रेषक : सोनू चौधरी
मेरा नाम राहुल है, मैं देखने में सांवला हूँ, कद 5 फीट 6 इंच है, बदन गठीला है, 25 साल का हूँ।
उसने धीरे धीरे मेरा लण्ड अपने होठों पर रगड़ना शुरू किया और कभी कभी अपना मुँह खोलकर अन्दर लेने की कोशिश भी करने लगी। लण्ड का आकार बड़ा था इसलिए उसे थोड़ी परेशानी हो रही थी लेकिन उसने अपना काम जरी रखा और चाटते सहलाते हुए लण्ड थोड़ा सा अपने मुँह के अन्दर डाल लिया। मेरा सुपारा अब उसके मुँह में था और वो हल्की हल्की ह्म्म की आवाज़ के साथ आगे पीछे करने लगी।
दीपक ने ज़ोर से धक्का मारा और गुस्सा हो गया।
प्रेषक : रोहित खण्डेलवाल
नाईट बल्ब की लाइट में हम सीढ़ियाँ उतरने लगे। मूसल जैसे लंड से चुदाई के कारण मीनाक्षी चल नहीं पा रही थी। सीढ़ियाँ उतरते हुए तो मीनाक्षी की आह्ह निकल गई।
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यह मेरी पहली कहानी है उम्मीद है आपको पसंद आएगी.
रश्मि जो डॉक्टर नेहा से कहना चाहती थी वो नहीं कह पाई।
नमस्कार पाठको..