कुड़ी पंजाबन सुनन्दा चुद गई
प्रेषक : आशु
प्रेषक : आशु
प्रेषक : नामालूम
मैं घर में अन्दर आया तो सबने तृषा को दरवाज़े पर ही रोक दिया।
मैंने उसकी गर्दन के पीछे अपना हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींचा, वो भी बड़े आराम से मेरी तरफ आई और अगले ही पल उसके रसीले होंठ मेरे होंठों की गिरफ्त में थे।
हैलो प्रिय पाठको, मेरा नाम नीलेश है। मैं लगभग 7 साल से अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ.. पर आज मैं अपनी कहानी लिख रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सबको पसंद आएगी। यह कहानी मेरी और मेरी भाभीजी की है।
मेरी सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
दोस्तो, आज मैं आपको अपने जीवन में घटी वह घटना बताने जा रहा हूँ.. जो आज से पहले मैंने किसी के भी साथ कभी भी शेयर नहीं की और शायद कभी दोबारा शेयर भी नहीं करूँगा।
कुछ देर बाद जब रंजना अंदर आई तब हमारा ध्यान भंग हुआ। वह दो गिलास दूध लिये थी जो उसने हम दोनों को ही पिलाया।
प्रेषक : अमन वर्मा
मेरी कहानी के पिछले तीन भागों में आपने पढ़ा था कि किस तरह मेरे पति ने मुझे रण्डी बना दिया जिसमें मेरी भी सहमति थी।
मैं दर्द के मारे चीख रही थी।
जैसे कि मैंने अन्तर्वासना पर पिछले भाग में बताया :
अब तक आपने पढ़ा.. कि किस तरह मैं गेट का एग्जाम देने राउरकेला गया और उधर पहले से चुदी हुई मोनिका और उसकी मॉम की चूत को चोदने का खेल शुरू करने की जुगत में लग गया।
इमरान
सम्पादक जूजा
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम महेश कुमार है अभी तक आपने मेरी कहानियों में मेरे बारे में जान ही लिया होगा। सबसे पहले तो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मेरी सभी कहानियाँ काल्पनिक हैं, जिनका किसी के साथ कोई भी सम्बन्ध नहीं है अगर किसी को ऐसा लगता है तो ये मात्र ये एक संयोग ही होगा।
अभी तक आपने पढ़ा..
अब तक की इस हिंदी सेक्स कहानी में आपने जाना था कि मेरी शक्ल देख कर शायद मेरे भैया के बॉस का मन फिसल गया था तो उन्होंने भैया को एक बड़ी पोस्ट का ऑफर दे दिया था.
🔊 यह कहानी सुनें
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार अपनी कहानी के अगले भाग के साथ फिर से हाजिर हूं. मेरे जिन पाठकों और पाठिकाओं ने कहानी का पहला भाग नहीं पढ़ा हो, वो
लेखक : जो हन्टर
मुम्बई के एक एरिया में एक भाई रहता था, उस एरिया के सभी लोग उसे गबरू भाई कह कर बुलाते थे, उसक इलाके में उसी की हुकूमत चलती थी। उस एरिया में जो भी लफड़ा होता था, पुलिस से पहले उसे गबरू भाई की अदालत में ले जाया जाता था।
मेरे अत्यंत प्रिय पाठक-पाठिकाओ,
मेरा नाम राहुल देव सिन्हा है, मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ और पेशे से इंजीनियर हूँ. दोस्तो मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना और नियमित पाठक हूँ. अनुभव तो बहुत हैं जो आप लोगों से शेयर करना चाहता था लेकिन पहले हिंदी में टाइप करने में हमेशा दिक्कत होती थी, लेकिन अब तो दुनिया भर के तरीके आ चुके हैं, तो अब कब तक आप से छुपाउंगा.