Incest – मेरी चुद्दकड़ विधवा भाभी
पल्लव जानू
पल्लव जानू
सुबह हुई, हमेशा की तरह रिया पहले उठी। फ़िर उसने प्रिया को और मुझे जगाया। हम पूरे नंगे सो रहे थे बस कम्बल ओढ़ रखा था।
यह मेरी पहली सेक्सी स्टोरी है। आज मैं इसे आप सब से शेयर कर रहा हूँ.. मुझे उम्मीद है कि आपको ये सेक्सी स्टोरी पसंद आएगी।
प्यारे साथियो, और चुत वालियों मेरा नमस्कार, आप लोगों के लिए मॉम की चुदाई की एक सच्ची स्टोरी पेश कर रहा हूँ,
दिल पर जोर नहीं-1
वैसे तो मैं सेक्स में बहुत अधिक रूचि नहीं रखता हूँ.. परन्तु जब कोई सेक्सी स्त्री या महिला मेरे सामने होती है.. तो मेरा लन्ड हिलोरें मारने लगता है, उस वक्त मेरे अन्दर एक अजीब सा रोमान्च उठता है।
प्रेषक : आसज़
मेरे कामुक दोस्तो, अब तक आपने पढ़ा..
दोस्तो, आपने मेरी कहानी
सुनकर मम्मी खुश हो गई और बोली- तुम्हारे मालिक बहुत अच्छे है, तुम भी कभी उन्हें शिकायत का मौका नहीं देना और
कहानी का पहला भाग: गर्लफ्रेंड के साथ मेरा पहला सेक्स-1
एक दिन ई-मेल देखते समय मैंने देखा कि किसी प्रिया नाम की लड़की का मेल आया है। मैंने वह मेल खोला और पढ़ने लगा। वह मेल किसी प्रिया नाम की लड़की का था और वह मुम्बई में रहती थी। उसने लिखा था- मैंने आपकी कहानी पढ़ी और मुझे बहुत अच्छी लगी, आप बस ऐसे ही कहानियाँ लिखते रहो और कृपया मुझे मेरी ई-मेल पर भेजो। मुझे ऐसी कहानियाँ बहुत पसन्द हैं।
प्रेषक : आकाशदीप
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लेखक : अमन सिंह
अस्पताल में लंड की खोज-1
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दोस्तो, मेरा नाम अजय है और मेरी उम्र 27 साल है. मेरी पिछली कहानी थी
प्रिय पाठको.. मैं अपना एक सेक्स एक्सपीरियेन्स शेयर करने जा रहा हूँ।
दोस्तो, मेरा नाम कविता वर्मा है और मैं दिल्ली में रहती हूं। मेरी उम्र अभी 26 साल है और मैं बहुत ही सेक्सी औरत हूं। मेरे शरीर का साइज 34-28-36 है और मैं सेक्स में बहुत रुचि रखती हूं।
प्रेषक : अजय शास्त्री
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दोस्तो, यह कहानी मेरी साली के साथ अधूरी चुदाई की है, मैंने उसकी चूत में लंड लगा तो दिया पर घुसा नहीं पाया.
हाय दोस्तो, मेरा नाम जय है और मैं एक काल बॉय हूँ। अन्तर्वासना डोट काम पर मेरी पहली कहानी औरत की चाहत प्रकाशित हुई, मेरी दिल को बड़ी ही खुशी हुई और पाठकों के बहुत सारे मेल मेरे पास आये जिनको पढ़कर बहुत ही ज्यादा खुशी मिली। मैं अपने हृदय से धन्यवाद करता हूँ कि आप को मेरी कहानी पसन्द आई। मैंने जो कहानी लिखी थी वो वास्तव में सच थी और जो कहानी अब लिख रहा हूँ वो भी सच ही है। पाठक जो भी समझें, पर यह एक हकीकत है क्योंकि मेरे पास इतना लिखने को है कि मैं रोज एक कहानी लिखूं तो भी तीन चार साल लग जायेंगे जो कि काल्पनिक नहीं हकीकत है।