मेरी मासूमियत का अंत और जवानी का शुरुआत-1
हैलो फ़्रेंड्स, यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर।
हैलो फ़्रेंड्स, यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर।
दोस्तो, कैसे हो आप सब? उम्मीद करता हूँ कि आप सब अच्छे होंगे. सभी लंड धारकों को टाइम पर चूत और सभी चुतवालियों को समय पर लंड मिल रहा होगा. वैसे भी जिनके पास चूत और लंड का कोई इंतजाम नहीं होता है, उनके लिए अन्तर्वासना तो है ही. अन्तर्वासना की सेक्स कहानी पढ़ते रहिए और लंड और चूत का ध्यान रखते रहिए … बस यही कहना चाहूंगा कि अपना हाथ जगन्नाथ ही आड़े वक्त में काम आता है. बाकी आप सब खुद ही समझदार हैं.
राहुल शर्मा
उसने मुझे अनुभूति के फ्लैट पर छोड़ आने की बात कह कर कार निकाली और हम चल दिए अनुभूति के घर की तरफ…
मैं आपका दोस्त आशु हिसार से आज अपनी जिंदगी का एक और किस्सा लेकर हाजिर हुआ हूँ।
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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि टीना ने अपनी पहली चुदाई की कहानी में बताया कि उसकी चुत की सील उसके पापा के दोस्त ने कैसे तोड़ी थी.
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
प्रेषक : सोनू चौधरी
इससे पिछले भाग में आपने पढ़ा कि अपने भाई विक्रम और उसकी बीवी रीनल की सच्चाई जानने के बाद राजवीर यानि कि मैं किस कदर हैरान हो गया था. जब हम दोनों भाई घर पहुंचे तो वीणा ने अपनी इच्छाओं के बारे में बताया कि कैसे वह जवान हुई और कैसे उसने मेरी और रीना की चुदाई को चोरी छिपे देखा. इससे उत्तेजित होकर उसने विक्रम के लंड को भी पा लिया था. दोनों चुदाई कर चुके थे.
प्रेषक : राज वर्मा
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प्रेषक : युवराज
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अभी तक आपने मेरी मां के साथ सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
लेखिका : शालिनी
प्रेषक : सन्दीप शर्मा
पापा बोले- तुमने कहा था कि अब की बार जब भी करेंगे तो जो कहोगे वो करूँगी।
हेलो जी, मेरा नाम ज़ोया शर्मा है।
भाभी की तो अभी आग ठीक से जली भी नहीं थी और मेरा खेल ख़त्म हो चुका था।
पाठको, आपने अभी तक पढ़ा कि मैं अपने पति के साथ उनकी विकृत मानसिक स्थिति का इलाज करने के लिए एक डॉक्टर की राय मान कर सेक्स का एक तरीका ‘ब्रूटल सेक्स’ का प्रयोग कर रही थी और उसी क्रम में मैं आज रात उनके साथ पेश आ रही थी।
दोस्तो, मेरी हिंदी सेक्स स्टोरीज को पढ़ने के बाद आपके द्वारा भेजी गयी प्यारी प्यारी कमेन्ट से मुझे हौसला मिलता है और आप सभी के लिये आगे कुछ और लिखना आसान हो जाता है। इसलिये दोस्तो आप अपने कमेन्ट मुझे नीचे दिये गये मेल पर भेजते रहिये ताकि मेरा हौसला कायम रहे।
प्रेषिका : नेहा वर्मा
प्रेषक : पंकज मयूर