जरूरत है एक लौड़े की
19 साल की ही तो हुई थी मैं, जब मुझे कुछ रुपयों रूपये के बदले में पैंतालीस साल के सेठ नवीन कुमार को बेच दिया गया था। भले लोग कहते रहें कि मेरी शादी हुई थी लेकिन उस दिन मैं बेची गई थी।
19 साल की ही तो हुई थी मैं, जब मुझे कुछ रुपयों रूपये के बदले में पैंतालीस साल के सेठ नवीन कुमार को बेच दिया गया था। भले लोग कहते रहें कि मेरी शादी हुई थी लेकिन उस दिन मैं बेची गई थी।
प्रेषक : वर्जिन जनरल
प्रेषिका : श्रेया अहूजा
हैलो दोस्तो.. इस साईट पर मैं बहुत दिनों से कहानियां पढ़ती आई हूँ.. मुझे बहुत मजा आता है। लोगों के सेक्स के प्रति यूँ खुले विचारों का आदान-प्रदान के लिए ये बहुत अच्छा मंच है।
आदित्य चौधरी
प्रेषिका : रजनी शर्मा
मैं पिछले दो साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और एक भी कहानी ऐसी नहीं जो मैंने पढ़ी नहीं होगी।
हाय पाठको, यह मेरी पहली कहानी है। मेरा नाम सोनू है। मेरी उम्र चौबीस साल है। मैंने अपनी पढ़़ाई पूरी कर ली है। मेरी लम्बाई पूरी छः फ़ुट की है, और मेरा तगड़ा लण्ड आठ इंच लम्बा है।
अब एक अन्तर मुझे समझ में आया कि जो कभी अपने घर से बाहर नहीं निकलती थीं.. वो मुझे अब अकसर नजर आने लगी थी। मेरी बातों का जबाब भी तुनक मिज़ाज़ में ही सही.. पर अब भाभी जवाब देने लगी थीं।
मेरा नाम प्रीति है.. मैं अपने साथ हुई सबसे पहले चुदाई की कहानी लिख रही हूँ।
मेरे प्रिय दोस्तो,
नमस्कार दोस्तो… मैं आपका दोस्त सोनू दोबारा आपके लिए अपनी कहानी लेकर हाज़िर हुआ हूँ. आप सभी ने अपने ईमेल के द्वारा बहुत सारा प्यार दिया.
आपको तो पता ही है दिल्ली का मौसम! यहाँ सर्दी में कितनी सर्दी और गर्मी में कितनी गर्मी पड़ती है। और ऊपर से बारिश वो भी सर्दियों में! शामत ही आ गई समझो!
तीन लड़कियों को आनन्द देने के बाद गौरी भाभी चोदन
मैं सारिका इक्कीस वर्षीया महाराष्ट्रियन सुन्दरी नागपुर से !
प्रेषक – ए बी सी एक्स वाई ज़ेड
अब तक आपने इस सेक्स स्टोरी में पढ़ा..
लेखिका: वानिका श्रीनिवासन
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम महेश कुमार है और मैं सरकारी नौकरी में हूँ। मैं आपको पहले भी बता चुका हूँ कि मेरी सभी कहानियाँ काल्पनिक है जिनका किसी व्यक्ति जीवित अथवा मृत, स्थान आदि से भी कोई सम्बन्ध नहीं है, अगर होता भी है तो ये मात्र एक सँयोग ही होगा।
कैसे हो आप लोग…
हाय स्वीटहार्ट…
सादर नमस्कार. मेरी कहानी अभी हाल ही की है, अन्तर्वासना पर मेरी कहानी पढ़ कर मुझे एक महिला ने पत्र लिखा और मुझे से बात करने की ख्वाहिश जाहिर की. मैंने उनको उस पत्र का उत्तर दे दिया और उन्होंने मुझे याहू पर जोड़ लिया और फिर हमारी उनसे तीन दिन तक अलग-अलग विषय पर बात हुई, जिससे उनके मन का एक वहम या सही कहूँ डर था, निकल गया.
नई लड़की बसन्ती मेरे कमरे में सोई
विजित पाटिल
अब तक आपने पढ़ा..