पंजाबी सांड ड्राइवर से घोड़ी बन कर चुदी
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मधु उठने की कोशिश करने लगी, मैंने उसकी उठने में मदद की और उसे बाँहों में भर कर उठाया।
कहानी का पहला भाग : मेरी माँ सेक्सी माँ-1
अब तक आपने पढ़ा..
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अब तक आपने इस कहानी में पढ़ा कि मेरी सास गीता रूपए के लालच में शराब पी कर चार जवान लौंडों के खड़े लंड अपनी चूत में लेने को राजी हो गई.
एक एक हुक खुलता हुआ ऐसे अलग हो जाता था जैसे बछड़ा बंधन छूटकर भागा हो। सारे हुक खोलकर उसने पीठ से ब्लाउज के दोनों हिस्सों को फैला दिया। गोरी पीठ सफेद ब्रा के फीते की हल्की-सी धुंधलाहट को छोड़कर जगमगाने लगी। दोनों तरफ बगलों से चिपके ब्लाउज के पल्ले उलटकर अपने ही भार से उसकी त्वचा से अलग होने लगे। रेशमा ब्रा के फीते में उंगली फँसाकर खींची, “बाप रे, कितना टाइट पहनती हो !” कहते हुए उसने ब्रा की हुक भी खोल दी।
उसका पूरा नाम तो था सिमरन पटेल पर स्कूल में उसे सभी केटी (काली टोपी) और घरवाले निक्की या सुम्मी कहते थे पर मेरी बाहों में तो वो सदा सिमसिम या निक्कुड़ी ही बनी रही थी।
प्रेषक : अंशुमन
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मेरे जिस्म की आग मेरे पति के बॉस ने मेरी जोरदार चुदाई करके ठंडी कर दी. लेकिन उसका मन मेरी चूत से नहीं भरा था. उसने मेरी गांड की चुदाई भी की. इसके अलावा …
कहानी का पिछला भाग: एक लंड और पूरे परिवार की चुदाई-1
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मेरी बीवी ने अपने मुँह को खोल दिया और उसके लौड़े का झड़ रही पिचकारी का पूरा रस अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया।
दोस्तो, मैं सोनाली एक बार फिर से आपके समक्ष उपस्थित हूँ और आप सभी पाठकों का अभिनन्दन करती हूँ जो आप लोग मेरे द्वारा लिखी हुई कहानियों को पढ़कर आनन्द प्राप्त करते हैं और फिर अपने विचार मुझे भेजते हैं।
मैंने अपना सुपारा दो तीन बार वत्सला की चूत से घिस कर उसकी चिकनाई से चिकना किया और छेद पर लगा कर धकेल दिया भीतर और आहिस्ता आहिस्ता चोदने लगा उसे… साथ ही उसके कूल्हों पर थपेड़े लगाते हुए उसे चोदने लगा।
अपनी असफलता से दुखी होकर मैंने वंदना की आँखों में देखा और उसने मेरी मुश्किल को भांप लिया… अब हम दोनों ने एक दूसरे के होठों को आजाद कर दिया था और मैं इस उधेड़बुन में था कि वो खुद अपने कुरते को निकलेगी या फिर मुझे कोई इशारा देगी…
सरकारी अस्पताल में दो दिन का नसबंदी कैंप लगा। वहाँ आपरेशन कराने वालों का मेला सा लगा था।
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नमस्कार मित्रो, मैं मल्लिका राय… वही कैनेडा में मस्ती वाली…
लेखिका : मन्दाकिनी
मेरा नाम सारिका है, मैं एक हाउसवाइफ हूँ, मेरी उम्र 45 साल है, मेरे हबी मेरे से काफी बड़े हैं. उनकी मुझसे दूसरी शादी हुई है. हम सब अच्छे घर से हैं.
मेरी इस कहानी के पहले भाग
आंटी की बेटी को मैं बार बार किश कर उनको चुदासी कर रहा था जिसका असर उन पर हुआ भी और उनकी चूचियों को मसलकर और चूत में उंगली कर कर के उनके चूत का पानी निकाला..