घर की बात घर में
लेखिका : कामिनी सक्सेना
लेखिका : कामिनी सक्सेना
अब तक आपने पढ़ा कि मैं दीदी को कार चलाना सिखा रहा था। उसी के दौरान मैं उनके पीछे बैठा था और वे मेरी गोद में बैठी थीं।
सीमा- तो खुद ही उतार दो ना… ये सब काम आपके हाथ से ही अच्छे लगते हैं।
लेखिका : उषा मस्तानी
आपने अब तक पढ़ा था कि मैं और पायल के पापा.. पायल को एग्जाम दिलाने दिल्ली ले गए थे.. वहाँ पहुँचते ही मालूम कि पायल की मम्मी के गिर जाने से उनकी हड्डी टूट गई थी जिसके कारण पायल के पापा वापस चले गए।
प्रेषक : आशु
आसाम की हरी भरी वादियां और जवान दिलों का संगम… किसको लुभा नहीं लेगा। ऐसे ही आसाम की हरी भरी जगह पर मेरे पति का पदस्थापन हुआ। हम दोनों ऐसी जगह पर बहुत खुश थे। हमे कम्पनी की तरफ़ से कोई घर नहीं मिला था, इसलिये हमने थोड़ी ही दूर पर एक मकान किराये पर ले लिया था… उसका किराया हमें कम्पनी की तरफ़ से ही मिलता था।
इस कहानी के पिछले भाग
हैलो दीदी, भाभी और भाई,
नैनीताल में मैरी और निम्मी के साथ
दोस्तो.. मैं अन्तर्वासना का रेग्युलर पाठक हूँ, मैं अहमदाबाद से हूँ.. आज मैं आपको अपनी कहानी बता रहा हूँ।
दोस्तो मेरा नाम है यश … और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 28 वर्ष है, हाइट 5 फीट 6 इंच है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है. सभी जवान लड़कियों भाभियों और आंटियों को मेरे खड़े लंड की तरफ से प्रणाम. मैं अन्तर्वासना का रेगुलर पाठक हूं. कहानियां पढ़ते-पढ़ते आज मेरा भी दिल किया कि मैं भी आपको अपनी एक सच्ची घटना बताऊं.
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
प्रेषक : रुबीन ग्रीन
‘एक और बात मैं कहना चाहती हूँ। मैंने तुम्हें दर्द में चिल्लाते हुए देखा है, ख़ुशी में मुस्कुराते हुए और अपने जज्बातों को जाहिर करते हुए भी देखा है। जब-जब इस फिल्म में तुम दर्द से चिल्लाए हो.. मेरी भी आँखें भर आई हैं। जब भी तुम यहाँ ख़ुशी में मुस्कुराए हो.. मेरे होंठ भी मुस्काये हैं.. और जब-जब तुमने यहाँ फिल्म के किरदारों को अपने जज़्बात दिखाए हैं.. तब-तब ऐसा लगा है कि उन किरदारों की जगह तुम मुझसे ही कुछ कह रहे हो। तुम मेरे लिए एक सुपरस्टार हो और हमेशा रहोगे। मैं आज तक किसी की फैन नहीं थी.. पर तुमने मुझे अपना मुरीद बना लिया है। जाओ और दिखा दो इस दुनिया को.. कि तुमसे बड़ा एक्टर न पैदा हुआ है.. ना ही कभी पैदा होगा।
‘यशोदा … सो गई क्या?’
दोस्तो, मेरा नाम अर्पित है, उम्र छब्बीस वर्ष और मैं नोएडा का रहने वाला हूँ। दिखने में बिल्कुल सामान्य हूँ लेकिन अपनी काबिलियत से मैं हमेशा सबका चहेता रहा हूँ। मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और बहुत ही अच्छी जॉब में हूँ, यह मेरी पहली सच्ची कहानी है, विश्वास है कि आप सभी को पसंद आएगी।
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प्रेषिका : नीना
जीजाजी से मेरी रोजाना बात होती थी और उनकी बातों का मुख्य विषय सेक्स ही होता था। पहले मुझे उनकी बातों से बोरियत होती थी पर कभी कभी अच्छी भी लगती थी !
हाय.. यह मेरी पहली कहानी है और उम्मीद है कि आप सभी को पसंद आएगी।
इस सेक्स स्टोरी के पहले भाग
अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले समस्त पाठकों को गोपाल कुमार का सादर नमस्कार! मैं बहुत दिनों से सोच रहा था कि अपनी चुदाई की नयी कहानी लिखूं लेकिन मौका ही नहीं मिल पा रहा था. तब भी समय निकाला और आज मैं अपनी सच्ची बॉडी से बॉडी मसाज सेक्स कहानी लेकर आप सबके समक्ष उपस्थित हो रहा हूं.
मेरा नाम दीपक है.. सब मुझे प्यार से दीपिका बुलाते हैं। आज मैं आप सबको अपनी गांड चुदाई की कहानी सुनाना चाहता हूँ।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.. मेरा नाम हार्दिक है। मैं पाँच फीट छ: इंच का नॉर्मल सा दिखने वाला लड़का हूँ। मेरा लण्ड साढ़े छ: इंच का है और ये गोलाई में साढ़े तीन इंच मोटा है। मैं अभी 23 साल का एक जवान और हट्टा-कट्टा लड़का हूँ। मैं दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में रहता हूँ।