यौन-साथियों की अदला-बदली
Couple Swap Party कपल स्वैप पार्टी
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सुषमा के बदन से खेलने से मुझे बड़ा सुख मिल रहा था। मेरा लंड सरिया जैसा सख्त हो गया था और अब मुझे उसकी चूत खोदने का मेरा मतलब चोदने का मन होने लगा था।
फिर वो उठे और बैग से कुछ निकाला और कहा, “जान तुम्हारे लिए साड़ी लाया हूँ प्लीज़ ! इसे पहन लो न !” मैं फिर उठी और बाथरूम चली गई और तैयार हो कर आई तो भैया मुझे ऐसे देखने लगे जैसे कोई शोषणकारी देख रहा हो और वो तुंरत आ कर मुझसे चिपक गए और मुझे फिर बिस्तर पर पटक दिया और अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर आ कर मेरे ऊपर चढ़ गए और कहा “अब नहीं रहा जाता जान , अब तो मैं पूरा फाड़ दूंगा तुझे , आज वैसे भी जा रहा हूँ दिल्ली अब अगले महीने ही आऊंगा !” कहते हुए भैया ने मेरी साड़ी उतार दी।
पोर्न कहानी का दूसरा भाग : मेरी सुहागरात की चुदाई की यादें -2
मैं पड़ोसन भाभी के घर गया था कि नंगी भाभी अचानक मेरे सामने आ गई। यह इत्तेफाक मेरे साथ हुआ था.
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दोस्तो, आप का हैरी फिर हाजिर है अपनी सच्ची कहानी की अगली कड़ी लेकर !
दोस्तो, अब तक आपने पढ़ा कि पहली रात राघव ने आदर्श की गांड को तीन बार पेला..
एक तो पहले ही उसकी चूचियाँ चिकनी थीं, ऊपर से मेरे मुँह से निकले रस से सराबोर होकर और भी चिकनी हो गई थीं… मेरी हथेली में भरते ही उसकी चूचियों की चिकनाहट ने वो आनन्द दिया कि मैंने एक बार अपनी हथेली को जोर से भींच कर चूचियों को लगभग कुचल सा दिया।
मैं श्रेया आहूजा आपके सामने फिर पेश हूँ इस बार आपबीती लेकर !
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सब को मेरा नमस्कार!
लेखिका-प्रेषिका : कामिनी सक्सेना, मोनिशा बसु
कहानी के पिछले भाग : चूची चूस चूस कर दोस्त की गर्लफ्रेंड को चोदा-1
सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. यह मेरी पहली कहानी है इसलिए कोई गलती या चूक हो जाए तो मुझे माफ करें.
प्रेषक : अमन वर्मा
पिछले अक्टूबर की बात है …
पिंकी सेन
यह एक ऐसी कहानी है जिसने मेरी दिमाग की खिड़कियाँ खोल के सेक्स की बहुत सी बारीकियाँ सिखा दी.
तो अब मेरे हाथ भी गियर संभालते संभालते उसकी अंडरवियर तक जा पहुँचे। वो उत्तेजना के मारे और पसर गई मैंने भी अब आहिस्ता से अपना हाथ उसकी अंडरवियर में सरका दिया और जैसे ही मैंने उसकी घनी, काली, घुंघराले और मुलायम बालों वाली चूत को स्पर्श किया, उसके मुख से गहरी सिसकारियाँ निकलने लगी। अब मेरे लिए सड़क पर ध्यान लगाना मुश्किल हो रहा था, उसकी चूत सहलाते सहलाते अचानक स्पीड ब्रेकर की वजह से गियर बदलने की वजह से मुझे उसकी चूत में से हाथ बाहर हटाना पड़ा तो वो उत्तेजना में इतनी पागल हो गई कि अपने कूल्हे ऊँचे उठा कर अपनी चूत को गियर के हत्थे में घुसा दिया और रगड़ने लगी।
सम्पादक – जूजा जी
प्रेषक : जूजा जी
प्रेषक : शमशेर कुमार
मैं अपनी कहानी आज मेरे पाठको के पास पहली बार प्रस्तुत कर रहा हूँ। यह मेरी एक सच्ची कहानी है। इसमें ग़लत और झूठ कुछ भी नहीं है!
मैं- अच्छा मैम आप चैटिंग भी करती हो?