पुरानी पड़ोसन मेरी तीसरी चूत
हैलो दोस्तो, मैं राज, रोहतक हरियाणा से… अब तक मैं पांच चूत चोद चुका हूँ.. आज मैं तीसरी चूत चोदने की कहानी लेकर आया हूँ।
हैलो दोस्तो, मैं राज, रोहतक हरियाणा से… अब तक मैं पांच चूत चोद चुका हूँ.. आज मैं तीसरी चूत चोदने की कहानी लेकर आया हूँ।
हैलो दोस्तो, मैं आपका रवि खन्ना, उम्मीद है आपने मेरी पहले की कहानियां पढ़ी होंगी और अच्छी भी लगी होंगी. लगती क्यों नहीं, जब कोई दिल से और सच्ची कहानी लिखता है, तो वो पसन्द आती ही हैं.
इमरान ओवैश
प्रेषक : गुरदीप
इस हिंदी सेक्स की कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि विक्रांत के बेटे को उसकी भाभी एडल्ट मूवी दिखाने ले गई है.
नमस्कार दोस्तो, इस नाचीज़ का आप सबकी मदमस्तानी रसभरी मुलायम चूतों और खड़े लंडों को मेरा सलाम.
कुछ देर हम एक दूसरे के शरीर को सहलाते हुये अपनी गर्म साँसों से कमरे को महकाते रहे. फिर जो हुआ उसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की थी… अचानक वंदना ने अपने लब मेरे लबों से छुड़ाए और…
सभी मचलती चूतों और खड़े लण्डों को विशू तिवारी का नमस्कार! दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ विगत 4 वर्षों से पढ़ रहा हूँ. अन्तर्वासना में प्रकाशित सभी कहानियाँ बहुत ही अच्छी हैं. जहाँ तक मेरा मानना है कि इसमें प्रकाशित लगभग सभी (90 प्रतिशत तक) कहानियाँ बिल्कुल सत्य हैं.
करीब पौने दो साल बाद फिर हाज़िर हूँ आपके बीच। अगर भूलें न हों याद दिला दूँ और पढ़ी न हों तो पढ़ लें.. मेरी पिछली कहानी
पड़ोसी चाचा से छत पर चुदी
आरुषि और आकाश की चुदाई का किस्सा पूरी क्लास में फैल गया था।
मेरे दोस्तो, मैं आपका दोस्त तस्सुव्वर ख़ान, मैं लाया हूँ एक सच्ची कहानी..
प्रेषक : इमरान ओवैश
मेरी तरफ से हां का इशारा पाते ही अंकल जी ने मुझे फिर से अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरा निचला होंठ चूसने लगे साथ ही अपना हाथ नीचे लेजाकर मेरी सलवार के ऊपर से ही मेरी झांटों वाली चूत सहलाने लगे और उसे मुट्ठी में भर के मसल दिया.
प्रेषक : अक्षिता शर्मा एवं जो हन्टर
नमस्कार, मेरा नाम सुनीता है. मैं एक हाउसवाइफ हूँ लेकिन दिखने में बहुत सेक्सी हूँ. मैं अपने घर का सारा काम करती हूँ. और जो गुण एक संस्कारी बहू में होनी चाहिए वो सारे गुण मेरे अन्दर हैं.
अन्तर्वासना के सभी पाठको को नमस्कार !
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मैं रौनक हिन्दी सेक्स कहानियों का नियमित पाठक हूं. सुख दुःख को कोई बांटने वाला होना चाहिए, तभी तकलीफ को कम और खुशी को बढ़ाया जा सकता है.
उस वक्त मैं भी साधारण लड़कों की तरह था जब मेरी मामी की उम्र 25 वर्ष रही होगी, साइज़ उनका कमोवेश ठीक ही था.. लेकिन वो गोरी ज्यादा हैं.. दिखती भी अच्छी हैं..
सुबह सासूजी रेडी हो गई थीं.. उन्होंने सफ़ेद रंग की साड़ी और मैचिंग का ब्लाउज पहना हुआ था.. और अन्दर सफ़ेद रंग की ही ब्रा पहनी हुई थी।
मेरा नाम पंकज है, मेरी उमर 38 साल की है, मैं देखने में अच्छा लगता हूँ।
मेरे प्रिय मित्रो, कैसे हैं आप सब! काफी दिनों बाद आज फिर मैं शिव राज आप सबके लिए एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ.
सभी चूत की मल्लिकाओं को मेरे लंड का प्यार भरा एहसास और साथ ही मेरे लंड का स्पर्श भी।
ममेरी बहन की और भाभी की चूत की चुदाई-1