पहली बार है, बहुत दर्द होगा ना?
प्रेषक : साहिल राजपूत
प्रेषक : साहिल राजपूत
दोस्तो, मैं पंजाब का रहने वाला हूँ, यह मेरी पहली कहानी है।
दोस्तो, मैं पल्लव 32 साल का हूं और यह कहानी तब की है जब मैं 25 साल का था।
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा:
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राज है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ।
यह कहानी मेरी एक परिचिता की है.. सीधे उनकी स्मृतियों के झरोखों से उनकी कलम से उनकी कहानी को जानिए।
‘हवसनामा’ के अंतर्गत यह अगली कहानी एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जो उच्च स्तरीय सरकारी सेवा में है और ‘सेक्स’ के पैमाने पर बेहद साधारण रहा है, लेकिन एक मुकाम फिर ऐसा भी आया है जब उसने इस भूख को ठीक युवाओं की तरह महसूस किया है। आगे की कहानी, उन्हीं की जुबानी।
हेलो, मैं हूँ गोपी ! जी हाँ, मैं ही हूँ आपकी जानी पहचानी नाजुक सी, सदा खिलखिलाती सी गोलू मोलू सी गोपी भाभी !
“मैडम, आर यू फ्रॉम इंडिया?”(क्या आप भारत से आईं हैं?)
अब तक आपने पढ़ा..
मेरा नाम शेखर है और मैं 18 साल का हूं. मैं अपने मम्मी पापा के साथ मुंबई में रहता हूँ. बात उन दिनों की है जब मेरे चाचा जी की तबीयत खराब हो गयी थी और वो मुंबई के हॉस्पिटल में भरती थे. इधर मेरी चाची जी को गाँव से लाने का काम मुझे करना था इसलिए मैं गाँव (उत्तर प्रदेश) चला गया. चाचा की शादी अभी २ बरस पहले ही हुई थी और शादी के कुछ ही महीने बाद से वो मुंबई में काम करने लगे थे. दो तीन महीने में एक दो दिन के लिए वो गाँव जाते थे. इधर बीमारी के वजह से वो तीन महीने से गाँव नहीं जा सके थे.
ही जानू… मेरा पहला कन्फेशन सुनने के लिए शुक्रिया..
दोस्तो, मैं सरस एक बार फिर हाजिर हूं अपनी कहानी के अगले भाग के साथ। उम्मीद करता हूं कि मेरे सभी पाठकों के लंड और पाठिकाओं की चूत नए घमासान के लिए तैयार होंगे.
‘ठीक है, फिर मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे होटल चलती हूँ क्योंकि घर पर मैं तुमको ले नहीं जा सकती हूँ।’
प्रेषक : ?
इमरान
दोस्तो, मेरा नाम रुद्र ठाकुर है, और मैं भोपाल में रहता हूँ। मैं अपने आप को बहुत बड़ा इनसेस्ट आदमी समझता हूँ। इनसेस्ट वो इंसान होता है जो अपने ही घर की औरतों के साथ सेक्स करता है। मैंने भी अपने ही घर की बहुत सी औरतों से सेक्स किया है, मगर मैं शुरू से ऐसा नहीं था, पहले तो मैं बहुत ही शर्मिला सा लड़का था, मगर जो किस्मत में लिखा होता है, वो तो होता ही है, और ऐसे ही एक बार एक ऐसी घटना घटी जिसने मेरे जीवन की दिशा ही बदल दी। मगर ये सब कैसे हुआ, कब हुआ, आज मैं आपको उसकी ही बात बताने जा रहा हूँ।
मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ। मेरा नाम कृणाल है.. मैं भरूच का रहने वाला हूँ। मैं 23 साल का हूँ अभी बीकॉम कर रहा हूँ। मैं पहली बार कहानी लिख रहा हूँ।
लड़कियाँ.. ये एक शब्द ऐसा है, जो मुझे बहुत पसंद है. दरअसल ये शब्द ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे प्यारी, सबसे कीमती कोई चीज मुझे लगती होगी तो वो लड़कियाँ ही हैं. एक अजीब सा नशा होता हैं लड़कियों का. सभी को न भी होता हो, पर कम से कम मुझे तो है. अक्सर हम कोई खूबसूरत चीज देखते हैं तो हम कहते हैं कि ऊपर वाले का कमाल है. इसी तरह लड़कियाँ भी ऊपर वाले की मास्टर पीस डिजायन हैं.
एक बार फिर दारू का दौर चला, सभी मर्द और औरतें हर पल का मजा ले रही थी और किसी को कुछ भी दिक्कत नहीं हो रही थी। दारू का दौर, सिगरेट के धुएं से बनते हुए छल्ले और उसके बाद हम औरतें जो हर समय अपनी चूत की प्यास बुझाने के साथ-साथ मर्दो के लंड को भी शांत कर रही थी।
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि राजू जवान विधवा राधा की की प्यासी चुत के बारे में काका को बता रहा था।
मेरे प्यारे कामुक दोस्तो.. आपने मेरी इस नई कहानी के पिछले भाग में पढ़ा..
दोस्तो, मेरा नाम रोहित है.. मैं नई दिल्ली का रहने वाला हूँ।
हिंदी सेक्स स्टोरीज के पाठकों को मेरा नमस्कार… मेरा नाम जीत रॉक है, मैं इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ और अभी सेकंड ईयर में हूँ. भाभी की चुत चुदाई की यह रियल स्टोरी तब की है, जब मैं फर्स्ट ईयर में था. उस वक्त जब मेरी छुट्टियां होतीं तो मैं अपने घर से अपनी ताई के घर चला जाता था क्योंकि उनका घर मेरे घर से सिर्फ आधा घंटे की दूरी पर था.
प्रिय पाठको,