मम्मी की दमदार चुदाई
मम्मी की भड़कते जिस्म को देख मेरा मन उत्तेजित हो हरेक रात उनकी दमदार चुदाई के सपने देखने लगा हालांकि उससे दोगुना मजा उनकी असल चुदाई करके मैंने महसूस किया।
मम्मी की भड़कते जिस्म को देख मेरा मन उत्तेजित हो हरेक रात उनकी दमदार चुदाई के सपने देखने लगा हालांकि उससे दोगुना मजा उनकी असल चुदाई करके मैंने महसूस किया।
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम बंटी है, ये मेरा शॉर्ट नाम है. वैसे तो मेरी जिन्दगी में बहुत सी घटना हुई हैं.. लेकिन ये अभी 15 रोज़ पहले ही हुई एक सत्य घटना की है.
दोस्तो नमस्कार, यह मेरी चचेरी बहन को चोदने की पहली कहानी है जिसे मैं आपके लिए लाया हूँ।
कहानी का पिछ्ला भाग: गाँव की कुसुम और उसकी आपबीती-2
प्रिय पाठको, मेरी कई कहानियाँ अब तक अन्तर्वासना पर प्रकाशित हो चुकी हैं, आप मेरी कहानियाँ यहाँ देख सकते हैं।
मेरा नाम राज है. मैं दिल्ली शहर का रहने वाला हूँ. मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज़ का नियमित पाठक हूं और इस साइट की लगभग हर कहानी पढ़ चुका हूँ. फिर एक दिन मेरे मन में विचार आया कि क्यों न मैं भी अपनी कहानी अन्तर्वासना के पाठकों तक पहुंचाऊं. कहानी लिखने में मुझे काफी समय लगा क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है. इसलिए अगर कोई ग़लती आप लोगों को मिल जाए तो मैं उसके लिए आप सब से पहले ही माफी मांग लेता हूँ.
सबसे पहले मैं आप सबको बता देती हूँ कि मेरा नाम सीमा है. मेरी उम्र 40 साल की है. फिगर बड़ा मस्त है.. एकदम सांचे में ढला हुआ, ये 32-36-38 का कटाव लिए हुए है. ख़ास बात ये कि मैं एकदम दूध सी गोरी और मक्खन सी कोमल हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 3 इंच है, मैरिड हूँ. मेरे पति का जॉब विदेश में होने के कारण वे मुझसे अलग बाहर ही रहते हैं. मैं यहां अपने बेटे के साथ रहती हूँ.. लेकिन लास्ट ईयर से बेटा पढ़ाई के कारण हॉस्टिल में रहने लगा है, सो अभी मैं अकेली ही रहती हूँ.
मेरी कहानी के पहले भाग
अब तक आपने पढ़ा..
प्रेषक : ऐनीव्हयर लण्ड
अब चोद भी डालो ना !
आप “कानून के रखवाले” कहानी के ग्यारह भाग पढ़ चुके हैं !
काला हीरा और जूही की चूत चुदाई
खैर अंकल जी तो उसे पैंटी ब्रा पहनाने पे तुले हुए थे तो बोले- मैं मुँह घुमा लेता हूँ, तुम आराम से पहन लो।
हैलो दोस्तो, इस पहले इसी कहानी के दो भागों को पाठकों ने बहुत पसंद किया और मिस्टर राज गर्ग ने मुझे इसका एक और भाग लिखने को कहा।
अभी तक आपने पढ़ा..
मूल लेखक : सिद्धार्थ वर्मा
सम्पादक जूजा
लेखक : प्रेम गुरू
मैं मौके का फायदा उठाते हुए एकदम उसके पीछे आ गया, और पीछे से उसकी कमर में हाथ डालकर उसके पेट पर उंगलियाँ फिराने लगा।
उसके जाने के बाद मैं जैसे ही पर्दे के बाहर निकला कि अचानक दरवाजा खुला और वो मेरे सामने थी।
समय पीछे चला जाता है लेकिन उसकी कुछ खट्टी मीठी यादें जो मन पर अपना प्रभाव बनाए ही रखती हैं! और जब वे यादें बेचैन करने लगती हैं तो बस बेचैनी से बचने का एक ही मार्ग होता है वह यह कि उन्हें किसी से बांट दिया जाए! यह कुछ ऐसी ही याद है जो मैं आपसे बांटना चाहता हूँ!
मेरे प्रिय दोस्तो, जैसा कि मैंने अपनी पहली चुदाई
इमरान
मैं श्याम शर्मा, आपके सामने अपनी एक सच्ची सेक्स स्टोरी लेकर आया हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैंने पहले भी एक कहानी लिखी थी और उसके जबाव में बहुत सारे मेल भी आए थे।