आंटी का मीठा मीठा दर्द -1
हाय दोस्तो, मुझे हिंदी लिखनी नहीं आती पर कोशिश कर रहा हूँ, मेरी गलतियों को नज़रान्दाज़ कर दें।
हाय दोस्तो, मुझे हिंदी लिखनी नहीं आती पर कोशिश कर रहा हूँ, मेरी गलतियों को नज़रान्दाज़ कर दें।
हाय मैं आशी फिर से आपकी सेवा में हूँ. आपको कैसा लग रहा है.. मुझे तो मजा आ रहा है. आपको आ रहा है.. जरूर आ रहा होगा. आपको शायद यकीन नहीं होगा कि घर में आज कोई नहीं है. इसलिए यह वाली कहानी मैं बिल्कुल नंगी होकर लिख रही हूँ और इस दौरान मैं अपनी चूचियों को भींच भींच कर तथा अपनी चुत और गांड में पेन को डालकर सेक्स करूँगी. क्या करूँ शादी नहीं हुई न.. इसलिए चूत को शांत करने के लिए ऐसा करना पड़ता है. अभी तो पेन या पेन्सिल से ही काम चलाना पड़ेगा.
राज वीर
अन्तर्वासना सेक्सी स्टोरी पढ़ने वालों के सेवा में चूतनिवास के लंड से इकत्तीस तुनकों की सलामी!
दोस्तो.. इस बार की कहानी मुझे भोपाल के सलिल ने भेजी है। उन्हें अपनी बात लिखने में मुश्किल हो रही थी इसलिये मुझे ईमेल करके अपना किस्सा लिख भेजा… मैंने उकी कड़ियाँ पिरोकर कहानी का रूप दे दिया।
हैलो दोस्तो, मेरा नाम राहुल है.. मैं बी.कॉम. का स्टूडेंट हूँ। मैं अपने पापा के घर एक अनाथ बालक के रूप में आया था और अब उन्हीं को अपने पापा की तरह मानता हूँ।
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प्रेषक : राजा गर्ग
मेरी सेक्सी ट्रू स्टोरी
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अभी तक आपने पढ़ा..
दोस्तो, मेरा नाम अरविंद शर्मा है और मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं अन्तर्वासना को 2007 से पढ़ रहा हूँ। मैं पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ, काम की व्यस्तता के चलते और कुछ झिझक के चलते मैं आप को अपनी आपबीती नहीं सुना सका। मगर आज मैं आपको अपनी आपबीती सुना रहा हूँ।
यह सेक्सी स्टोरी है एक मध्यमवर्गीय खुश परिवार की…
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मामी की चुदाई का मजा लेकर मैं वापस अपने घर लौटा तो हालात कुछ ऐसे बने कि चाची हमारे घर आई और मुझे चाची की चुदाई का मजा भी मिला.
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रात में दोनों चाचाओं ने मुझे चोदा और सुबह 8 बजे श्वेता ने हम तीनों को जगाया।
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प्रेषक : राज वर्मा
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एक बार फिर दारू का दौर चला, सभी मर्द और औरतें हर पल का मजा ले रही थी और किसी को कुछ भी दिक्कत नहीं हो रही थी। दारू का दौर, सिगरेट के धुएं से बनते हुए छल्ले और उसके बाद हम औरतें जो हर समय अपनी चूत की प्यास बुझाने के साथ-साथ मर्दो के लंड को भी शांत कर रही थी।
सम्पादक जूजा
मुझे मयूरी से मिले हुए दो दिन हो गए थे हमें ऐसा कोई अवसर नहीं मिला पर हाँ हम एक दूसरे को देख जरूर लेते थे, पर जब- जब मैं उसको देखता था तो मेरी लंड की प्यास ओर भी बढ़ जाती और शायद मयूरी का भी यही हाल था।
इस सेक्स स्टोरी के पिछले भागों