गोवा के बीच पर गर्लफ्रेंड के साथ दूसरे कपल की चुदाई देखी
हाय… मैं जसबीर बहुत ही सेक्सी मर्द हूँ।
हाय… मैं जसबीर बहुत ही सेक्सी मर्द हूँ।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार!
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प्रेषक : दिलखुश
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दोस्तो, मैं आपकी नई दोस्त, प्रीति शर्मा; एक ऐसी दोस्त, जिसकी चूत में हर वक़्त आग लगी रहती है। ये समझ लो कि बस जब मुझे महीना आता है, उन 5 दिनों में ही मजबूरी होती है, तो मैं अपनी चूत में कुछ नहीं डालती, वरना मुझे रोज़ अपनी चूत में लंड चाहिए। मेरे तन में कामुकता कूट कूट कर भरी थी.
आंटी भी खड़ी-खड़ी भीग चुकी थीं, बहुत सेक्सी लग रही थीं, उन्होंने सफेद रंग का सूट पहना था जो भीगने के कारण आंटी के शरीर से चिपका हुआ था। उनका 34 साइज़ का सीना मेरे सामने चमक रहा था। उनकी ब्रा सफेद सूट में से नजर आ रही थी और उनका पेट तो बहुत ज्यादा कामुकता बिखेर रहा था।
अब तक इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि मोना ने नीतू के साथ लेस्बियन सेक्स किया था और उसको गोपाल के साथ के साथ कैसे पेश आना है, ये समझा दिया था.
बहुत देर से रेलवे आरक्षण की लम्बी कतार में खड़े रहने के बाद अब मैं खिड़की के काफी क़रीब पहुँच चुका था।
Sex Without Condom
सेक्सी जवानी की कहानी में पढ़ें कि पति से सेक्स में नाखुश एक जवान लड़की ने एक युवा लड़के से अपने जिस्म को खुश करने की कोशिश की. लंड तो मिला …
जैसे ही मैंने अपना लंड निकाला उस लड़की ने तेज़ी से करवट ली और मेरा लंड अपने मुंह में भर लिया और मेरे लंड को अपने होंठों से साफ़ करने लगी।
हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम पंकज उर्फ़ प्रिया है। मैं एक ‘गे’ हूँ.. मैं लखनऊ में अपने हज़्बेंड के साथ रहती हूँ। मुझे बचपन से ही CD यानि क्रॉस ड्रेसिंग यानि लड़कियों के कपड़े पहनने का शौक था, जब घर में अकेला होता था तो अपनी मम्मी, बहन के कपड़े पहन कर घूमता था, जब घर पर मैं अकेला होता था तो गांड में उंगली अन्दर-बाहर करता रहता था।
“तुम भी ना ! क्या लगता है, मैं इतनी जल्दी उसको सौंप दूंगी क्या? देख सुन बबलू, रॉकी, रॉ्बिन को इसके बारे मत बताना !
प्रेषिका : शालिनी
दोस्तो, मैं नीतीश, अन्तर्वासना का बहुत बड़ा फैन हूँ। मैं करीब 15 वर्ष से अन्तर्वासना में कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। बहुत दिनों से मेरे मन में भी ये विचार आ रहा था कि मैं भी अपनी प्यार की कहानी अन्तर्वासना पर भेजूँ। खैर, आज मैं अपनी चुदाई की कहानी आप सबों के साथ बाँटने जा रहा हूँ।
बाजार में अचानक मेरी निगाह तृप्ति पर पड़ी.. उसे देखते ही मैं जोर से चिल्लाई…
प्रेषक : अंशुमन
चुदाई खत्म हो चुकी थी, थोड़ी देर बाद रेणुका चली गई और फिर रोज उसकी चुदाई का अनोखा खेल शुरू हो गया पर 3-4 दिन बाद चौधरी जी का आगमन हो गया तो मैं समझा कि शायद अब रेणुका को चोदने का मौका नहीं मिलेगा पर रेणुका का आना और चुदाना जारी रहा और उसने बताया भी कि वे सब जान चुके हैं, पर उन्हें एतराज नहीं है, किन्तु मैं माना नहीं, मैंने सोचा कि ऐसा कैसे हो सकता है, क्या चौधरी इतने एडवाँस हैं? और मेरी भी आत्मा गवाही नहीं दे रही थी कि जो आदमी इतना विश्वास मुझ पर करता हो, उसे मैं धोखा दूँ!
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पापा मेरी फुर्ती और व्याकुलता देखकर हैरान रह गये।
अब तक आपने पढ़ा..
कोई दस मिन्ट के खेल के बाद ही रति फिर चुदाई के लिए ज़िद करने लगी और मैं कम्मो के इशारे पर फिर उसको चूमने लगा और उसके मम्मों को चूसने के बाद ही उसकी चूत में हाथ लगाया तो वो फिर बेहद पनिया रही थी।
कहानी का पिछला भाग: गाँव की कुसुम और उसकी आपबीती-3
प्रेषिका : रिया सैनी