ऐन्नुअल डे – वार्षिकोत्सव
कृति भाटिया
कृति भाटिया
दोस्तो, मैं सोनाली एक बार आप सभी का फिर से स्वागत करती हूँ।
हैलो फ्रेंड्स, उम्मीद है, आप सब लोग ठीक होंगे. सबसे पहले मैं अपने बारे में बता देता हूं, मेरा नाम प्रिंस दीप है. मेरी उम्र 18 साल है, फिजिकली में गोलमटोल हूं. वैसे तो मैं नॉर्मल लड़कों की तरह ही हूं, लेकिन पता नहीं मुझे लड़कों में बहुत इंटरेस्ट था. मैं सारा दिन हैंडसम लड़कों और आसपास घूमते फिरते लोगों में देखता कि किसकी बॉडी अच्छी है. मुझे अच्छी बॉडी वाले लड़के बहुत पसंद आते हैं.
मम्मी मेरा इंतज़ार कर रही थी और हम दोनों ने मिल कर मेरा सूटकेस तैयार कर दिया।
दोस्तो.. मेरा नाम पप्पू है, मैं महाराष्ट्र से हूँ।
दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. मैंने पहले भी अन्तर्वासना में फ्री सेक्स कहानी पोस्ट की हैं, जो मेरी सच्ची आपबीती थीं. मेरी कहानियां
नमस्कार दोस्तो.. अभी तक आपको कुछ बहुत अच्छी और कुछ सामान्य से भागों को पढ़ने का मौका मिला, आप सबकी समीक्षा और प्रोत्साहन संदेश मुझ तक निरंतर आते रहे। आप सबका हृदय से आभार!
मर्दों और चूहों में एक समानता तो है कि
हेलो गाय्ज़, मैं 33 वर्षीया संजना लुधियाना से, मेरी फ़ीगर 38-32-40 है।
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है, मैं मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे माँ पापा हैं. हमारा घर बहुत बड़ा है, जिसकी वजह से हम अपने मकान का एक हिस्सा किराये पर दे देते हैं.
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घोड़ी बन कर चूत चुदाई
कहानी का पिछ्ला भाग: गाँव की कुसुम और उसकी आपबीती-1
फुद्दी और लंड की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी गर्म चुत लंड मांग रही थी और इसे भाभी के भाई का लंड मिलने वाला भी था. लेकिन मैं उसे तड़पा रही थी.
दोस्तो मेरा नाम विनोद है और मैं दिल्ली में रहता हूँ और बी टेक का स्टूडेंट हूँ। घर में हम चार लोग हैं, मम्मी, पापा, दीदी (जो इंदौर में मेडिकल में पढ़ती है) और मैं।
प्रेषक : मुकेश कुमार
दोस्तो, मैं आपकी सेक्सी दोस्त बिलकीस, दिल्ली से!
मुंबई से आने बाद पहली बार पुणे में मैंने सुनयना नाम की शादीशुदा भाभी को चोदा और आज तक उस भाभी की चूत चुदाई भूल नहीं पा रहा हूँ।
ये कहानी मेरी और गौरी की है। हम दोनो के नाम इसमें बदले हुए हैं। दरसल, गौरी मेरी मौसी की लड़की है।
प्रणाम साथियो.. मैं सूरज एक बार फिर नई कहानी लेकर आया हूँ। मेरे घर में पापा-मम्मी और मैं कुल तीन सदस्य हैं। पापा जॉब करते हैं और ज्यादातर बाहर ही रहते हैं। मेरी मम्मी गृहस्थी संभालती हैं।
रीता मेरी पड़ोसन थी. मेरी पत्नी नेहा से उसकी अच्छी दोस्ती थी. शाम को अक्सर वो दोनों खूब बतियाती थी. दोनों एक दूसरे के पतियों के बारे में कह सुनकर खिलखिला कर हंसती थी. मुझे भी रीता बहुत अच्छी लगती थी. मैं अक्सर अपनी खिड़की से उसे झांक कर देखा करता था.
हाय दोस्तो.. आप सब के क्या हाल-चाल हैं? आपने मुझे थोड़ा भी रेस्ट नहीं लेने दिया.. मेरे पास कितने ईमेल आए कि नई कहानी जल्दी लिखो.. तो लो आप सब दोस्तों के लिए मैं नई कहानी लेकर आ गई..
हैलो ऑल.. आपको आशीष जोशी का नमस्कार.. आशा है आपको मेरी पिछली दोनों कहानियाँ
अभी तक :
कहानी का पिछला भाग : सहकर्मी भाभी ने दोस्ती करके चूत चुदाई-1