ऑस्ट्रेलिया की बुलबुल रानी -3
फिर अगले दिन सुबह मैंने अपनी एक बहुत पक्की और अच्छी दोस्त को व्हाट्सएप्प पर मैसेज दिया और उसको निकिता रानी के विषय में बताया और पूछा कि उसका नाम क्या रखूं क्योंकि निकिता रानी कुछ ज़ुबान पर ठीक से चढ़ता नहीं है।
फिर अगले दिन सुबह मैंने अपनी एक बहुत पक्की और अच्छी दोस्त को व्हाट्सएप्प पर मैसेज दिया और उसको निकिता रानी के विषय में बताया और पूछा कि उसका नाम क्या रखूं क्योंकि निकिता रानी कुछ ज़ुबान पर ठीक से चढ़ता नहीं है।
प्रेषक : राज
विक्रम- आज मैं वो खुशनसीब भाई बनने जा रहा हूँ अपनी सगी बेहेन की चूत का सील तोड़ेगा… थोड़ा दर्द होगा… तुम थोड़ा बर्दाश्त करना मेरी बेहेन… क्योंकि थोड़े से दर्द के बाद बहुत मजा आने वाला है.
लेखक: अमित कुमार
सभी पाठकों को नमस्कार, मैं अन्तर्वासना की सेक्सी स्टोरी का नियमित पाठक हर्षित कुमार भोपाल से हूँ। दोस्तो, मैं एक बहुत शरीफ और इज्ज़तदार परिवार में रहने वाला एक स्वाभिमानी लड़का हूँ।
जब मैंने टाइम देखने के लिए फोन उठाया तो पता चला कि मेरा फोन तो चालू ही रह गया था और शायद विनोद ने बात सुन ली है।
सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रहे थे। तभी फ़ोन की घंटी बजी, उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- भाई साहब, मैं रूचि बोल रही हूँ आपकी पुरानी पड़ोसन !
मैं देविका हूँ, उम्र 24 वर्ष और लम्बाई 5 फ़ुट 3 इन्च। मैंने अपने बॉब हेयर कट करवा रखे थे। मैं दुबली पतली पर आकर्षक लगने वाली युवती हूँ। मैं मुम्बई की एक निजी कम्पनी में पीए हूं। आईये आपको मैं बताती हूँ कि मुझे कम्पनी में कैसे प्रोमोशन मिला।
दोस्तो, मैं विकी केपर अन्तर्वासना का पुजारी या यूँ कहो तो पाठक आपके सामने एक नई और सच्ची सेक्स स्टोरी लेकर आया हूँ। मैं काफ़ी सालो से अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियों को पढ़ता आया हूँ जिनमें से मुझे कुछ सच्ची और कुछ बकवास लगी।
“मैडम, आर यू फ्रॉम इंडिया?”(क्या आप भारत से आईं हैं?)
मैं शालिनी जैन 27 साल की हूँ, देहरादून, उत्तराखंड में विवाहिता हूँ।
मम्मी मुझे से लगातार पूछ रही थीं, “बताओ मुझे ! क्या तुम्हें ज़रा भी शर्म नहीं महसूस नहीं हुई या पाप का अहसास नहीं हुआ? अपनी बहन को चोदते हुए?”
दोस्तो.. मेरा नाम पंकज है.. दिल्ली में अपने पेरेंट्स के साथ रहता हूँ। मेरी आयु बेशक 18 साल की है.. लेकिन जिम जाने की वजह से मेरा बदन पूरा 25-26 साल के हट्टे-कट्टे नौज़वान की तरह लगता है।
‘हवसनामा’ के अंतर्गत मैं यह तीसरी कहानी लिख रहा हूँ पारूल नाम की एक चौबीस वर्षीय महिला की, जिसके जीवन में सेक्स की कितनी अहमियत थी, यह उससे बेहतर कोई नहीं समझ सकता था और सालों साल इसके लिये तड़पने के बाद आखिर एक दिन उसने इसे हासिल भी किया तो बस एक मौके के तौर पर … आगे की कहानी खुद पारुल के अपने शब्दों में।
सम्पादक : इमरान
इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि मैं अपने होने वाले पति के साथ सेक्स का खेल खेल रही थी कि मेरा पुराना आशिक और चोदू आ गया.
मैंने कहा- जब तुम हिरोईन बन जाओगी और पर्दे पर अपनी अदा दिखाओगी तो तुमको देख कर लड़के आहें भरेगें और मुठ मारेंगे।
कहानी का पहला भाग: नव विवाहिता की कामुकता को अपने लंड से शांत किया-1
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सन्ता का दोस्त बन्ता कई साल बाद उसके घर आया।
शेक्सपीयर जो अपने आपको बड़ा चाचा चौधरी समझता था, उसने कहा कि बेशक गुलाब को अगर गुलाब की जगह किसी और नाम से पुकारा जाता तो क्या वो ऐसी भीनी भीनी खुशबू नहीं देता?
लेखक : रोहित
हैलो मेरे प्यारे दोस्तो.. मैं एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी नई कहानी लेकर..
दोस्तो, मैं बबलू, मेरी पिछली कहानी
दोस्तो, मैं आपका अपना राज गर्ग!