पड़ोस की कच्ची कली की बुर चुदाई Hindi sex stroy
दोस्तो, मैं संचित ठाकुर फिर हाजिर हूँ अपने एक नई Hindi sex stroy के साथ…
दोस्तो, मैं संचित ठाकुर फिर हाजिर हूँ अपने एक नई Hindi sex stroy के साथ…
मैं 24 साल की हूं।
समय पंख लगाकर उड़ता जा रहा था।
दोस्तो और मेरी सेक्सी प्यारी भाभियो और लड़कियो,
एक ही बिस्तर पर मैं और वो मेरी अनजान दोस्त लेट गए थे पर जब तक उसकी सहमति न हो तब तक मुझे कुछ भी करने से डर लग रहा था।
रात के लगभग 2 बज चुके थे और मैं और सचिन उसके कमरे में बिल्कुल नंगे ही पड़े थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे।
अभी तक आपने पढ़ा..
चूत की खुजली
मैं अपने ऑफिस में बैठा मेल चैक कर रहा था, इस बार ज्यादातर मेल मध्यप्रदेश के जबलपुर, ग्वालियर, इन्दौर, सागर, भोपाल और अन्य शहरों से भी थे।
कुछ देर बाद हम वहीं आराम करके अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गये। बाहर अपनी टेबल पर आकर देखा कि टेबल खाली थी।
दोस्तो, मैं आपकी दोस्त संजना, लुधियाना से एक बार फिर आपके के लिए एक और कहानी लेकर आई हूँ। यह कहानी काल्पनिक नहीं है, कुछ-कुछ सच है और बाकी मेरी कल्पना है।
ईश्वर सबसे बड़ा रचयिता है, उसके कला कौशल की कोई सीमा नहीं है. कितनी तरह के पेड़ पौधे, कितनी तरह के जीव जंतु, कितनी तरह के मनुष्य. सभी के रंग रूप अलग अलग. न कोई कलाकार परमपिता की बराबरी कर सकता है और न ही कोई कंप्यूटर उसके बराबर रचना कर सकता है. मनुष्य की रचना भी कितनी पूर्णता के साथ की. देखने के लिए आँखें हैं, खाने के लिए मुंह है, चलने के लिए पैर हैं. कार्य करने के लिए हाथ हैं और सृष्टि के संचालन के लिए यौनांग हैं. ईश्वर के द्वारा बनाई गयी कोई भी वस्तु निरर्थक नहीं है.
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि सुमन ने अपने पापा से फैशनेबल कपड़ों को लेकर डांट खाई थी। इससे पहले मोना की सुधीर से बात हो गई थी और वो आज सुधीर से चुदने के मूड में उसका इन्तजार कर रही थी।
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सम्पादक जूजा
मैं मयंक लेकर आया हूँ एक और सच्ची सेक्सी कहानी.
यह मेरी निजी दास्तान है, जो मैं आप लोगों के सामने रखने जा रही हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है जिसमें एक अजनबी शहर में भाभी का साथ मिला और मैंने चूत चुदाई की कहानी लिख दी. वैसे तो मैं कभी कहानियां लिखता नहीं लेकिन अन्तर्वासना पर काफी कहानियां पढ़ के मेरा दिल भी लिखने का करने लगा.
दोस्तो, मेरी उम्र लगभग पैंतीस साल है। मुझे औरतों के कसे हुए मम्मों को देखने और उनकी चूत चूसने का जबर्दस्त शौक है।
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मैं अपनी पड़ोसन की बेटी मोनी की चूत को चोदने के लिए तड़प रहा था. आखिरकार वह रात आ ही गयी और उस रात में मोनी की चूत की चुदाई करके कॉन्डोम को वीर्य से भर दिया था.
शाहीन बाहर जाने लगी तो मैं बोल पड़ा, “नहलाया तो है ही नहींं?”
मुझे बहुत दोस्तों के मेल मिले, आपके प्यार का बहुत आभारी रहूँगा। कुछ दोस्तों के मेल का मैं जवाब नहीं दे पाया, उसके लिए माफी चाहूँगा।
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पड़ोस वाली आंटी और नौकरानी
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. यह इरोटिक सेक्स स्टोरी तब की है, जब मैं अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कम्प्लीट करके मुम्बई में नौकरी ढूंढ रहा था. उस वक्त मेरी इंग्लिश अच्छी नहीं थी, इसलिए मुझे नौकरी नहीं मिल रही थी. मैं वापस अपने गाँव में आ गया और मास्टर कोर्स करने का सोचने लगा.